मंडी: हिमाचल प्रदेश में इस बार बरसाती आफत ने जमकर कहर बरपाया है. जहां एक ओर सैकड़ों सड़कें व पुल क्षतिग्रस्त हुए हैं और हजारों करोड़ों की सरकारी और निजी संपत्ति बर्बाद हो गई है. वहीं, इस कुदरती आपदा ने कई लोगों के सिर से उनकी छत छीन ली. कहीं बाढ़ तो कहीं लैंडस्लाइड की चपेट में आने से हजारों आशियाने उजड़ गए हैं. आपदा के बाद कई परिवार अब सड़कों पर आ गए हैं. कल तक जो परिवार हंसते खेलते अपने आशियानों में रह रहे थे, आज वही परिवार अपने घरों के तबाह होने से सड़क पर आ गए हैं और राहत शिविरों में रहने को मजबूर हैं. इस मानसून सीजन ने प्रदेशवासियों को ऐसे जख्म दिए हैं, जो शायद ही कभी भर पाएंगे.
आपदा पीड़ितों के सब्र का टूटा बांध: बात करें अगर मंडी जिले की तो इस बार बरसाती आफत ने जिले में ऐसा तांडव मचाया है कि यहां पर जनजीवन पूरी तरह से प्रभावित हो गया है. जिले में भारी बारिश के कारण सैकड़ों परिवार बेघर हो गए हैं और राहत शिविरों में रह रहे हैं. इसी कड़ी में पिछले 20 दिनों से नौनिहालों के साथ राजकीय उच्च पाठशाला कलखर में रह रहे गुम्हू गांव के प्रभावितों का सब्र का बांध अब टूटता हुआ नजर आ रहा है. इन लोगों का यही कहना है कि हम टेंट लगाकर रहने को भी तैयार हैं. बस सरकार हमें फिलहाल टेंट लगाने लायक जगह मुहैया करवा दे.
14 परिवारों के आशियाने बर्बाद: गौरतलब है की बीती 13 और 14 अगस्त को हुई प्रलयकारी बारिश से विकासखंड गोपालपुर के तहत पडने वाले गुम्हू गांव के 14 परिवार बेघर हो गए हैं. गुम्हू गांव में बारिश ने इस कदर कहर बरपाया कि 3 घर पशुशालाओं सहित मलबे में तब्दील हो गए हैं. वहीं, गांव के अन्य मकानों में दरारें आ गई है, जिससे यह मकान रहने लायक नहीं बचे हैं. साथ ही गांव को जाने वाला रास्ता भी पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुका है. इन लोगों का कहना है कि पाठशाला के कमरों में छोटे बच्चों के साथ रहना अब मुश्किल हो गया है. अगर सरकार फिलहाल घर बनाने के लिए जगह मुहैया नहीं करवा सकती है तो इन्हें टेंट लगाने लायक ही जगह दे दी जाए, ताकि यह लोग टेंट लगाकर रह सकें.
आपदा पीड़ितों ने बताई दास्तां: गुम्हू गांव की आपदा प्रभावित मंजू देवी ने बताया कि उन्होंने कर्ज लेकर मार्च के महीने में तीन कमरे बनाए थे. जब घर गिरने लगा तो एक सुई भी वहां से निकाल नहीं सके. वहीं, प्रभावित रीता देवी ने बताया कि एक महीना पहले ही उन्होंने अपना घर बनाया था. बारिश के कारण हुए लैंडस्लाइड से अब पूरे घर में दरारें आ गई है. जिससे अब घर रहने लायक नहीं बचा है. आपदा प्रभावित चिंता देवी ने बताया कि उनका भी पूरा मकान भारी बारिश के चलते गिर गया है. अब छोटे-छोटे बच्चों के साथ राहत शिविर में रहने को मजबूर हैं. जिससे बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है.
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