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Mandi Disaster: 18 दिन बीत जाने पर भी अभी तक नहीं मिली बेटी, उसकी ननद और 6 माह की नाती, इंतजार में पत्थराई मां की आंखें

मंडी जिला में इस बार मानसून ने कभी न भरने वाले जख्म मंडी वासियों को दिए हैं. सांबल में 14 अगस्त को आई तबाही के निशान आज भी मौजूद हैं. 18 दिन बीत जाने के बाद भी नितेश की लापता पत्नी, बहन और मासूम बेटी का कोई सुराग नहीं मिल पाया है. ये तीनों अचानक घर पर गिरे मलबे में दब गए थे. (Mandi Disaster) (Mandi Landslide) (Rescue Operation in Sambal)

Mandi Disaster
मंडी आपदा में लापता मोनिका, रविता, सानिया
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Aug 30, 2023, 8:51 AM IST

Updated : Aug 30, 2023, 9:22 AM IST

मंडी हादसे में लापता मोनिका की मां ने प्रशासन से लगाई गुहार

मंडी: जिला मंडी में इस मानसून ने जमकर कहर बरपाया है. मंडी में बीती 14 अगस्त को हुई भारी बारिश ने जिलेभर में ऐसा तांडव मचाया की अभी तक तबाही के निशान मौजूद हैं. मंडी जिले के सांबल में 14 अगस्त को भारी बारिश के बाद मलबे का सैलाब आया. जिसकी चपेट में आने से एक हसता खेलता परिवार बर्बाद हो गया. सांबल में मलबे की चपेट में आने से एक घर दब गया. जिसमें नितेश कुमार की पत्नी, बहन और 6 माह की दुधमुंही बच्ची मलबे में दब गई. 18 दिन बाद भी तीनों का कोई सुराग नहीं मिला है.

18 दिन बाद भी नहीं मिला सुराग: वहीं, इस हादसे में 18 दिनों से अपनी बेटी के मिलने की राह ताक रही मां की आंखे भी अब पथरा गई हैं. बेटी और नाती के लापता होने के बाद इस मां का हर दिन बस उनके मिलने की आस में निकलता है. सांबल हादसे में 18 दिन बीत जाने के बाद भी लापता मोनिका, रविता और मासूम सानिया का अभी तक कोई सुराग नहीं मिल पाया है.

Mandi Disaster
सांबल में लापता परिवार के मिलने का इंतजार करते परिजन

मां ने प्रशासन से बेटी को खोजने की लगाई गुहार: हालांकि प्रशासन की मशीनरी लापता लोगों को तलाशती हुई उस स्थान तक पहुंच गई है, जहां पर घर था और घर का मलबा भी मिल गया है. मलबे में दबा घर का कुछ सामान भी मिल गया है, लेकिन मलबे में दबने से लापता हुए इन तीनों का सुराग नहीं मिल पा रहा है. अपनी बेटी की तलाश में मोनिका की मां अंजू देवी रोजाना बाड़ी गुमाणू गांव से सांबल पहुंच रही है. रोते-बिलखते हुए सारा दिन बीत रहा है, लेकिन बेटी का कोई सुराग नहीं मिल रहा है. अंजू देवी रोते हुए प्रशासन से बेटी, उसकी ननद और नाती को जल्द तलाशने की गुहार लगा रही है.

नितेश ने बयां किया अपना दर्द: वहीं, मोनिका के पति नितेश कुमार ने बताया कि एक ओर उसकी पत्नी, बेटी और बहन का कोई सुराग नहीं मिल रहा है. दूसरी ओर उसे अस्पताल में अपनी बीमार मां को भी संभालना पड़ रहा है. जिसके कारण उसे रोज नेरचौक से सांबल आना पड़ता है. नितेश ने बताया कि मलबे की चपेट में आने से उसकी मां के पैर में लगी गंभीर चोट ठीक होने का नाम नहीं ले रही है. अभी तक उसकी मां का दो बार ऑपरेशन हो चुका है और उसमें घुटने से नीचे का पांव काट दिया गया है. जबकि अब डॉक्टर तीसरे ऑपरेशन की बात कहकर पांव को और काटने के लिए कह रहे हैं, क्योंकि पांव में हुआ इन्फेक्शन थम नहीं रहा है. नितेश ने भी जिला प्रशासन ने लापता परिवार की तलाशी के लिए ज्यादा से ज्यादा मशीनरी लगाने की गुहार लगाई है, ताकि उन तीनों को मलबे से निकाला जा सके.

Mandi Disaster
मंडी के सांबल में रेस्क्यू ऑपरेशन जारी

ये है मामला: गौरतलब है कि मंडी जिले में 14 अगस्त को भारी बारिश हुई थी. जिससे सांबल में अचानक पहाड़ी से भारी मलबा सैलाब के रूप में आने लगा. नितेश कुमार के परिवार ने जब यह देखा तो उन्होंने भाग कर जान बचाने की कोशिश की. इस दौरान नितेश की 6 माह की बेटी सानिया घर के अंदर रह गई. जब नितेश की पत्नी मोनिका और उसकी बहन रविता मासूम सानिया को लेने घर के अंदर गए तो उसी समय मलबा अचानक घर पर गिर गया. जिससे नितेश की पत्नी, बहन और बेटी मलबे में दब गए. वहीं नितेश की मां और एक अन्य बहन सैलाब की चपेट में आ गए, लेकिन गांव वालों ने समय रहते उन्हें मलबे से निकाल लिया. इस हादसे में नितेश की मां के पैर में गंभीर चोट आ गई, जिससे इन्फेक्शन बढ़ने लगा. इसलिए डॉक्टरों को मजबूर उनका एक पैर काटना पड़ा. वहीं, इस हादसे में नितेश और उसकी एक और बहन ने भागकर अपनी जान बचाई थी.

ये भी पढे़ं: Mandi Disaster: मंडी में त्रासदी! सांबल में हंसता-खेलता परिवार मलबे में दबा, पथराई आंखों से अपनों की खोज में भटक रहा नितेश

मंडी हादसे में लापता मोनिका की मां ने प्रशासन से लगाई गुहार

मंडी: जिला मंडी में इस मानसून ने जमकर कहर बरपाया है. मंडी में बीती 14 अगस्त को हुई भारी बारिश ने जिलेभर में ऐसा तांडव मचाया की अभी तक तबाही के निशान मौजूद हैं. मंडी जिले के सांबल में 14 अगस्त को भारी बारिश के बाद मलबे का सैलाब आया. जिसकी चपेट में आने से एक हसता खेलता परिवार बर्बाद हो गया. सांबल में मलबे की चपेट में आने से एक घर दब गया. जिसमें नितेश कुमार की पत्नी, बहन और 6 माह की दुधमुंही बच्ची मलबे में दब गई. 18 दिन बाद भी तीनों का कोई सुराग नहीं मिला है.

18 दिन बाद भी नहीं मिला सुराग: वहीं, इस हादसे में 18 दिनों से अपनी बेटी के मिलने की राह ताक रही मां की आंखे भी अब पथरा गई हैं. बेटी और नाती के लापता होने के बाद इस मां का हर दिन बस उनके मिलने की आस में निकलता है. सांबल हादसे में 18 दिन बीत जाने के बाद भी लापता मोनिका, रविता और मासूम सानिया का अभी तक कोई सुराग नहीं मिल पाया है.

Mandi Disaster
सांबल में लापता परिवार के मिलने का इंतजार करते परिजन

मां ने प्रशासन से बेटी को खोजने की लगाई गुहार: हालांकि प्रशासन की मशीनरी लापता लोगों को तलाशती हुई उस स्थान तक पहुंच गई है, जहां पर घर था और घर का मलबा भी मिल गया है. मलबे में दबा घर का कुछ सामान भी मिल गया है, लेकिन मलबे में दबने से लापता हुए इन तीनों का सुराग नहीं मिल पा रहा है. अपनी बेटी की तलाश में मोनिका की मां अंजू देवी रोजाना बाड़ी गुमाणू गांव से सांबल पहुंच रही है. रोते-बिलखते हुए सारा दिन बीत रहा है, लेकिन बेटी का कोई सुराग नहीं मिल रहा है. अंजू देवी रोते हुए प्रशासन से बेटी, उसकी ननद और नाती को जल्द तलाशने की गुहार लगा रही है.

नितेश ने बयां किया अपना दर्द: वहीं, मोनिका के पति नितेश कुमार ने बताया कि एक ओर उसकी पत्नी, बेटी और बहन का कोई सुराग नहीं मिल रहा है. दूसरी ओर उसे अस्पताल में अपनी बीमार मां को भी संभालना पड़ रहा है. जिसके कारण उसे रोज नेरचौक से सांबल आना पड़ता है. नितेश ने बताया कि मलबे की चपेट में आने से उसकी मां के पैर में लगी गंभीर चोट ठीक होने का नाम नहीं ले रही है. अभी तक उसकी मां का दो बार ऑपरेशन हो चुका है और उसमें घुटने से नीचे का पांव काट दिया गया है. जबकि अब डॉक्टर तीसरे ऑपरेशन की बात कहकर पांव को और काटने के लिए कह रहे हैं, क्योंकि पांव में हुआ इन्फेक्शन थम नहीं रहा है. नितेश ने भी जिला प्रशासन ने लापता परिवार की तलाशी के लिए ज्यादा से ज्यादा मशीनरी लगाने की गुहार लगाई है, ताकि उन तीनों को मलबे से निकाला जा सके.

Mandi Disaster
मंडी के सांबल में रेस्क्यू ऑपरेशन जारी

ये है मामला: गौरतलब है कि मंडी जिले में 14 अगस्त को भारी बारिश हुई थी. जिससे सांबल में अचानक पहाड़ी से भारी मलबा सैलाब के रूप में आने लगा. नितेश कुमार के परिवार ने जब यह देखा तो उन्होंने भाग कर जान बचाने की कोशिश की. इस दौरान नितेश की 6 माह की बेटी सानिया घर के अंदर रह गई. जब नितेश की पत्नी मोनिका और उसकी बहन रविता मासूम सानिया को लेने घर के अंदर गए तो उसी समय मलबा अचानक घर पर गिर गया. जिससे नितेश की पत्नी, बहन और बेटी मलबे में दब गए. वहीं नितेश की मां और एक अन्य बहन सैलाब की चपेट में आ गए, लेकिन गांव वालों ने समय रहते उन्हें मलबे से निकाल लिया. इस हादसे में नितेश की मां के पैर में गंभीर चोट आ गई, जिससे इन्फेक्शन बढ़ने लगा. इसलिए डॉक्टरों को मजबूर उनका एक पैर काटना पड़ा. वहीं, इस हादसे में नितेश और उसकी एक और बहन ने भागकर अपनी जान बचाई थी.

ये भी पढे़ं: Mandi Disaster: मंडी में त्रासदी! सांबल में हंसता-खेलता परिवार मलबे में दबा, पथराई आंखों से अपनों की खोज में भटक रहा नितेश

Last Updated : Aug 30, 2023, 9:22 AM IST
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