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मंडी सदर सीट: अनिल शर्मा और चंपा ठाकुर में से कौन मारेगा बाजी ? या प्रवीण शर्मा पर जनता जताएगी भरोसा

मंडी सीट पर भाजपा प्रत्याशी अनिल शर्मा और कांग्रेस प्रत्याशी चंपा ठाकुर के बीच में टक्कर है. वहीं, भाजपा से टिकट न मिलने पर नाराज, निर्दलीय चुनाव लड़ रहे प्रवीण शर्मा भाजपा और कांग्रेस दोनों का खेल बिगाड़ेंगे. क्या है मंडी सीट में चुनावी समीकरण जानिए ...(Voting in Mandi seat)

मंडी सदर सीट
मंडी सदर सीट
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Published : Nov 15, 2022, 4:50 PM IST

मंडी: मंडी सीट पर मुकाबला त्रिकोणीय है. यहां भाजपा प्रत्याशी अनिल शर्मा और कांग्रेस प्रत्याशी चंपा ठाकुर के बीच में टक्कर है. वहीं, भाजपा से टिकट न मिलने पर नाराज, निर्दलीय चुनाव लड़ रहे प्रवीण शर्मा भाजपा और कांग्रेस दोनों का खेल बिगाड़ेंगे. 12 नवंबर को हुई वोटिंग के अनुसार मंडी जिले में 74 % मतदान हुआ है. ऐसे में अब जनता ने किस प्रत्याशी पर सबसे ज्यादा भरोसा जताया है ये तो 8 दिसंबर को ही पता चल पाएगा. (Mandi assembly seat) (Congress and BJP candidate in Mandi seat)

कौन हैं भाजपा प्रत्याशी अनिल शर्मा: अनिल शर्मा राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले स्वर्गीय पंडित सुखराम के बेटे हैं. 1993 में अनिल शर्मा मंडी से पहली बार विधायक चुनकर गए. इसके बाद भी 2007 और 2012 में अनिल शर्मा ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीता. इसके बाद अनिल शर्मा ने भाजपा का दामन थामा और 2017 के विधानसभा चुनावों में यहां से विधायक चुनकर चौथी बार विधानसभा पहुंचे. (who is anil sharma)

Mandi assembly seat
अनिल शर्मा अपने परिवार के साथ मतदान करते हुए.

2019 में अनिल शर्मा को गंवाना पड़ा था मंत्री पद: मंडी सदर की इस सीट पर पंडित सुखराम परिवार का एक छत्र राज रहा है. अनिल शर्मा राज्यसभा सांसद व कांग्रेस सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं. वहीं, प्रदेश में जयराम ठाकुर की सरकार में भी अनिल शर्मा मंत्री रह चुके हैं, लेकिन 2019 में जब अनिल शर्मा के बेटे आश्रय शर्मा ने कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा का चुनाव लड़ा तो उन्हें अपना मंत्री पद गंवाना पड़ा. इस बार अनिल शर्मा ने पांचवीं बार विधानसभा का चुनाव लड़ा है.

अनिल शर्मा के पास है इतनी संपत्ति: अनिल शर्मा ने चंडीगढ़ से प्री इंजीनियरिंग व इलाहाबाद एग्रीकल्चर विश्वविद्यालय से आईडीडी की है. संपत्ति की बात की जाए तो एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार अनिल शर्मा के पास 2 करोड़ 43 लाख 41 हजार 205 की चल संपत्ति है. वहीं, 55 करोड़ 5 लाख की अचल संपत्ति है. अनिल शर्मा पर कोई भी अपराधिक मामला दर्ज नहीं है.

कौन हैं कांग्रेस प्रत्याशी चंपा ठाकुर: चंपा ठाकुर कांग्रेस के दिग्गज नेता कौल सिंह ठाकुर की बेटी हैं. चंपा ठाकुर ने 2017 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी के टिकट पर अपना पहला चुनाव लड़ा था. इस चुनाव में अनिल शर्मा की जीत हुई थी और चंपा ठाकुर को हार का सामना करना पड़ा था. कांग्रेस ने चंपा ठाकुर पर एक बार फिर से भरोसा जताया है. प्रदेश में सत्ता वापसी की राह देख रही कांग्रेस के साथ चंपा ठाकुर को भी इस बार सदर से जीत की उम्मीद है. (who is champa thakur)

चंपा ठाकुर के पास है इतनी संपत्ति: चंपा ठाकुर ने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से एमए की पढ़ाई पूरी करने के बाद वर्ष 2005 में एमएड की है. एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक चंपा ठाकुर के पास 1 करोड़ 47 लाख 47 हजार की चल संपत्ति है. वहीं, 1 करोड़ 36 लाख 30 हजार 89 अचल संपत्ति है. चंपा ठाकुर पर एक अपराधिक मामला दर्ज है.

Mandi assembly seat
चंपा ठाकुर वोट डालने के बाद.

कौन हैं निर्दलीय प्रत्याशी प्रवीण शर्मा: प्रवीण शर्मा भारतीय जनता पार्टी के कर्मठ कार्यकर्ता रहे हैं और अनिल शर्मा को टिकट देने पर भाजपा हाईकमान से नाराज हैं. प्रवीण शर्मा ने इसे भारतीय जनता पार्टी का गलत निर्णय ठहराया और पार्टी से इस्तीफा देकर चुनावी समर में कूद गए. 2022 के इन चुनावों में सदर से प्रवीण शर्मा का नाम भी खूब गूंजा. प्रवीण शर्मा ने साल 2001 में एलएलबी साल 2019 में एलएलएम किया है. प्रवीण शर्मा पर कोई भी अपराधिक मामला दर्ज नहीं है. (Who is independent candidate Praveen Sharma)

मंडी सीट पर मुकाबला त्रिकोणीय: मंडी सदर में दो पार्टियों कांग्रेस और बीजेपी में ही मुकाबला देखने को मिलता था. लेकिन इस बार प्रवीण शर्मा के चुनावी मैदान में उतरने से मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है. भाजपा व कांग्रेस प्रत्याशियों के आजाद प्रत्याशी प्रवीण शर्मा भी जनता के बीच अपना रंग जमाने में कामयाब रहे. अनिल शर्मा इस बार पांचवी बार चुनावी मैदान में हैं. भाजपा के टिकट पर अनिल शर्मा ने सदर से दूसरी बार चुनाव लड़ा है. वहीं, कांग्रेस प्रत्याशी चंपा ठाकुर भी दूसरी बार चुनावी मैदान में है. आजाद प्रत्याशी प्रवीण शर्मा पहली बार चुनावी रण में कूदे हैं.

Mandi assembly seat
प्रवीण शर्मा वोट डालने के बाद

9 प्रत्याशी मैदान में, 74 फीसदी हुआ मतदान: मंडी सदर से भाजपा के अनिल शर्मा, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की चंपा ठाकुर, आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी श्याम लाल, बहुजन समाज पार्टी के चेत राम, राष्ट्रीय देव भूमि पार्टी से संजय, आजाद प्रत्याशियों में राजीव कुमार, प्रवीण शर्मा, खैंम सिंह व लक्ष्मेन्द्र सिंह सहित कुल 9 उम्मीदवार चुनावी समर में थे. सदर में 74 फीसदी मतदान हुआ है. सदर में 76,418 में से 56,552 कुल मत पड़े. 29,564 महिलाओं व 26,998 पुरुषों ने अपने मत का प्रयोग किया. 2017 के विधानसभा चुनावों में सदर में 77.44 फीसदी मतदान रहा था. (Voting in Mandi seat).

ये थे मंडी सदर से जनता के मुद्दे: 2022 के विधानसभा चुनावों में बेरोजगारी और महंगाई का मुद्दा पूरी तरह से गुंजा. मंडी सदर की जनता महंगाई और बेरोजगारी को लेकर भी खूब बोली. सदर में अन्य समस्याओं की बात की जाए तो सड़कों की खस्ता हाल व पार्किंग को लेकर भी लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया दी. वहीं, सदर की जनता बंदरों के आतंक और बेसहारा पशुओं से भी परेशान है. इसके अलावा कुछ लोगों का कहना है कि मंडी बड़े शहरों में शुमार है और यहां पर रोजगार के लिए कोई भी इंडस्ट्री नहीं है. किसी भी नेता ने यहां पर आज तक इंडस्ट्री लगाने की बात नहीं कही.

सदर में कांग्रेस से प्रियंका और बीजेपी से सीएम जयराम ने की जनसभा: विधानसभा चुनावों के स्टार प्रचारकों की बात की जाए तो सदर में कांग्रेस पार्टी की ओर से पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी की 31 अक्टूबर को चुनावी जनसभा हुई. चुनावी जनसभा में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी मौजूद रहे. वहीं, भाजपा के स्टार प्रचारकों में केवल मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने ही मंडी शहर में 8 नवंबर को एक चुनावी जनसभा की. वहीं, महा जनसंपर्क अभियान के दौरान भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप ने भी सदर में जनसभा को संबोधित किया.

उपचुनावों में मिली थी भाजपा को हार: बीते वर्ष सत्ता का सेमीफाइनल कहे जाने वाले उपचुनावों में भारतीय जनता पार्टी को चारों सीटों पर मुंह की खानी पड़ी थी. इनमें एक सीट मंडी लोकसभा और 3 विधानसभा की सीटें शामिल थी. मंडी लोकसभा सीट सांसद रामस्वरूप शर्मा के निधन के बाद खाली हो गई थी. अर्की की सीट पूर्व मुख्यमंत्री राजा वीरभद्र सिंह, जुब्बल कोटखाई की भाजपा नेता नरेंद्र बरागटा व फतेहपुर की सीट कांग्रेस नेता सुजान सिंह पठानिया के निधन के बाद खाली हो गयी थी. प्रदेश में जब उप चुनाव हुए तो कांग्रेस पार्टी ने राजा वीरभद्र सिंह को श्रद्धांजलि के तौर पर वोट मांगे. श्रद्धांजलि का कांग्रेस पार्टी को फायदा मिला और उपचुनाव में खड़े चारों प्रत्याशी विजयी हुए.

अनिल शर्मा क्या श्रद्धांजलि के नाम पर वोट बना पाएंगे?: वहीं, 2022 के विधानसभा चुनावों से चंद महीने पहले राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले पंडित सुखराम भी दुनिया को अलविदा कह गए. चुनावी बेला आई तो भाजपा ने पंडित सुखराम के बेटे व सदर विधायक अनिल शर्मा को फिर से अपना प्रत्याशी बनाया. सदर विधायक अनिल शर्मा ने भी इन चुनावों में पिता पंडित सुखराम के नाम पर श्रद्धांजलि के तौर पर वोट की अपील की. श्रद्धांजलि की अपील कांग्रेस व प्रतिभा सिंह को उपचुनाव में फायदा पहुंचा गई. वहीं, अब भाजपा प्रत्याशी अनिल शर्मा को पिता पंडित सुखराम की श्रद्धांजलि का कितना फायदा होगा यह देखना बाकी है. 12 नवंबर को पूरे प्रदेश में मतदान संपन्न हो चुका है. 8 दिसंबर को चुनावी नतीजे बाहर आने पर ही तस्वीर साफ हो पाएगी.

मंडी: मंडी सीट पर मुकाबला त्रिकोणीय है. यहां भाजपा प्रत्याशी अनिल शर्मा और कांग्रेस प्रत्याशी चंपा ठाकुर के बीच में टक्कर है. वहीं, भाजपा से टिकट न मिलने पर नाराज, निर्दलीय चुनाव लड़ रहे प्रवीण शर्मा भाजपा और कांग्रेस दोनों का खेल बिगाड़ेंगे. 12 नवंबर को हुई वोटिंग के अनुसार मंडी जिले में 74 % मतदान हुआ है. ऐसे में अब जनता ने किस प्रत्याशी पर सबसे ज्यादा भरोसा जताया है ये तो 8 दिसंबर को ही पता चल पाएगा. (Mandi assembly seat) (Congress and BJP candidate in Mandi seat)

कौन हैं भाजपा प्रत्याशी अनिल शर्मा: अनिल शर्मा राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले स्वर्गीय पंडित सुखराम के बेटे हैं. 1993 में अनिल शर्मा मंडी से पहली बार विधायक चुनकर गए. इसके बाद भी 2007 और 2012 में अनिल शर्मा ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीता. इसके बाद अनिल शर्मा ने भाजपा का दामन थामा और 2017 के विधानसभा चुनावों में यहां से विधायक चुनकर चौथी बार विधानसभा पहुंचे. (who is anil sharma)

Mandi assembly seat
अनिल शर्मा अपने परिवार के साथ मतदान करते हुए.

2019 में अनिल शर्मा को गंवाना पड़ा था मंत्री पद: मंडी सदर की इस सीट पर पंडित सुखराम परिवार का एक छत्र राज रहा है. अनिल शर्मा राज्यसभा सांसद व कांग्रेस सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं. वहीं, प्रदेश में जयराम ठाकुर की सरकार में भी अनिल शर्मा मंत्री रह चुके हैं, लेकिन 2019 में जब अनिल शर्मा के बेटे आश्रय शर्मा ने कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा का चुनाव लड़ा तो उन्हें अपना मंत्री पद गंवाना पड़ा. इस बार अनिल शर्मा ने पांचवीं बार विधानसभा का चुनाव लड़ा है.

अनिल शर्मा के पास है इतनी संपत्ति: अनिल शर्मा ने चंडीगढ़ से प्री इंजीनियरिंग व इलाहाबाद एग्रीकल्चर विश्वविद्यालय से आईडीडी की है. संपत्ति की बात की जाए तो एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार अनिल शर्मा के पास 2 करोड़ 43 लाख 41 हजार 205 की चल संपत्ति है. वहीं, 55 करोड़ 5 लाख की अचल संपत्ति है. अनिल शर्मा पर कोई भी अपराधिक मामला दर्ज नहीं है.

कौन हैं कांग्रेस प्रत्याशी चंपा ठाकुर: चंपा ठाकुर कांग्रेस के दिग्गज नेता कौल सिंह ठाकुर की बेटी हैं. चंपा ठाकुर ने 2017 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी के टिकट पर अपना पहला चुनाव लड़ा था. इस चुनाव में अनिल शर्मा की जीत हुई थी और चंपा ठाकुर को हार का सामना करना पड़ा था. कांग्रेस ने चंपा ठाकुर पर एक बार फिर से भरोसा जताया है. प्रदेश में सत्ता वापसी की राह देख रही कांग्रेस के साथ चंपा ठाकुर को भी इस बार सदर से जीत की उम्मीद है. (who is champa thakur)

चंपा ठाकुर के पास है इतनी संपत्ति: चंपा ठाकुर ने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से एमए की पढ़ाई पूरी करने के बाद वर्ष 2005 में एमएड की है. एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक चंपा ठाकुर के पास 1 करोड़ 47 लाख 47 हजार की चल संपत्ति है. वहीं, 1 करोड़ 36 लाख 30 हजार 89 अचल संपत्ति है. चंपा ठाकुर पर एक अपराधिक मामला दर्ज है.

Mandi assembly seat
चंपा ठाकुर वोट डालने के बाद.

कौन हैं निर्दलीय प्रत्याशी प्रवीण शर्मा: प्रवीण शर्मा भारतीय जनता पार्टी के कर्मठ कार्यकर्ता रहे हैं और अनिल शर्मा को टिकट देने पर भाजपा हाईकमान से नाराज हैं. प्रवीण शर्मा ने इसे भारतीय जनता पार्टी का गलत निर्णय ठहराया और पार्टी से इस्तीफा देकर चुनावी समर में कूद गए. 2022 के इन चुनावों में सदर से प्रवीण शर्मा का नाम भी खूब गूंजा. प्रवीण शर्मा ने साल 2001 में एलएलबी साल 2019 में एलएलएम किया है. प्रवीण शर्मा पर कोई भी अपराधिक मामला दर्ज नहीं है. (Who is independent candidate Praveen Sharma)

मंडी सीट पर मुकाबला त्रिकोणीय: मंडी सदर में दो पार्टियों कांग्रेस और बीजेपी में ही मुकाबला देखने को मिलता था. लेकिन इस बार प्रवीण शर्मा के चुनावी मैदान में उतरने से मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है. भाजपा व कांग्रेस प्रत्याशियों के आजाद प्रत्याशी प्रवीण शर्मा भी जनता के बीच अपना रंग जमाने में कामयाब रहे. अनिल शर्मा इस बार पांचवी बार चुनावी मैदान में हैं. भाजपा के टिकट पर अनिल शर्मा ने सदर से दूसरी बार चुनाव लड़ा है. वहीं, कांग्रेस प्रत्याशी चंपा ठाकुर भी दूसरी बार चुनावी मैदान में है. आजाद प्रत्याशी प्रवीण शर्मा पहली बार चुनावी रण में कूदे हैं.

Mandi assembly seat
प्रवीण शर्मा वोट डालने के बाद

9 प्रत्याशी मैदान में, 74 फीसदी हुआ मतदान: मंडी सदर से भाजपा के अनिल शर्मा, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की चंपा ठाकुर, आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी श्याम लाल, बहुजन समाज पार्टी के चेत राम, राष्ट्रीय देव भूमि पार्टी से संजय, आजाद प्रत्याशियों में राजीव कुमार, प्रवीण शर्मा, खैंम सिंह व लक्ष्मेन्द्र सिंह सहित कुल 9 उम्मीदवार चुनावी समर में थे. सदर में 74 फीसदी मतदान हुआ है. सदर में 76,418 में से 56,552 कुल मत पड़े. 29,564 महिलाओं व 26,998 पुरुषों ने अपने मत का प्रयोग किया. 2017 के विधानसभा चुनावों में सदर में 77.44 फीसदी मतदान रहा था. (Voting in Mandi seat).

ये थे मंडी सदर से जनता के मुद्दे: 2022 के विधानसभा चुनावों में बेरोजगारी और महंगाई का मुद्दा पूरी तरह से गुंजा. मंडी सदर की जनता महंगाई और बेरोजगारी को लेकर भी खूब बोली. सदर में अन्य समस्याओं की बात की जाए तो सड़कों की खस्ता हाल व पार्किंग को लेकर भी लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया दी. वहीं, सदर की जनता बंदरों के आतंक और बेसहारा पशुओं से भी परेशान है. इसके अलावा कुछ लोगों का कहना है कि मंडी बड़े शहरों में शुमार है और यहां पर रोजगार के लिए कोई भी इंडस्ट्री नहीं है. किसी भी नेता ने यहां पर आज तक इंडस्ट्री लगाने की बात नहीं कही.

सदर में कांग्रेस से प्रियंका और बीजेपी से सीएम जयराम ने की जनसभा: विधानसभा चुनावों के स्टार प्रचारकों की बात की जाए तो सदर में कांग्रेस पार्टी की ओर से पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी की 31 अक्टूबर को चुनावी जनसभा हुई. चुनावी जनसभा में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी मौजूद रहे. वहीं, भाजपा के स्टार प्रचारकों में केवल मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने ही मंडी शहर में 8 नवंबर को एक चुनावी जनसभा की. वहीं, महा जनसंपर्क अभियान के दौरान भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप ने भी सदर में जनसभा को संबोधित किया.

उपचुनावों में मिली थी भाजपा को हार: बीते वर्ष सत्ता का सेमीफाइनल कहे जाने वाले उपचुनावों में भारतीय जनता पार्टी को चारों सीटों पर मुंह की खानी पड़ी थी. इनमें एक सीट मंडी लोकसभा और 3 विधानसभा की सीटें शामिल थी. मंडी लोकसभा सीट सांसद रामस्वरूप शर्मा के निधन के बाद खाली हो गई थी. अर्की की सीट पूर्व मुख्यमंत्री राजा वीरभद्र सिंह, जुब्बल कोटखाई की भाजपा नेता नरेंद्र बरागटा व फतेहपुर की सीट कांग्रेस नेता सुजान सिंह पठानिया के निधन के बाद खाली हो गयी थी. प्रदेश में जब उप चुनाव हुए तो कांग्रेस पार्टी ने राजा वीरभद्र सिंह को श्रद्धांजलि के तौर पर वोट मांगे. श्रद्धांजलि का कांग्रेस पार्टी को फायदा मिला और उपचुनाव में खड़े चारों प्रत्याशी विजयी हुए.

अनिल शर्मा क्या श्रद्धांजलि के नाम पर वोट बना पाएंगे?: वहीं, 2022 के विधानसभा चुनावों से चंद महीने पहले राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले पंडित सुखराम भी दुनिया को अलविदा कह गए. चुनावी बेला आई तो भाजपा ने पंडित सुखराम के बेटे व सदर विधायक अनिल शर्मा को फिर से अपना प्रत्याशी बनाया. सदर विधायक अनिल शर्मा ने भी इन चुनावों में पिता पंडित सुखराम के नाम पर श्रद्धांजलि के तौर पर वोट की अपील की. श्रद्धांजलि की अपील कांग्रेस व प्रतिभा सिंह को उपचुनाव में फायदा पहुंचा गई. वहीं, अब भाजपा प्रत्याशी अनिल शर्मा को पिता पंडित सुखराम की श्रद्धांजलि का कितना फायदा होगा यह देखना बाकी है. 12 नवंबर को पूरे प्रदेश में मतदान संपन्न हो चुका है. 8 दिसंबर को चुनावी नतीजे बाहर आने पर ही तस्वीर साफ हो पाएगी.

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