मंडी: जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने सोमवार को करसोग में प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रदेश में अब हर घर को नल से जल मिलेगा. इस लक्ष्य को 15 अगस्त 2022 को पूरा कर लिया जाएगा. देश भर में सौ फीसदी लक्ष्य पूरा करने वाला हिमाचल पहला राज्य होगा. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ग्रामीण क्षेत्रों में जल जीवन मिशन के तहत 'हर घर को नल से जल' पहुंचाने के सपने को साकार करने में हिमाचल प्रदेश अग्रणी भूमिका निभा रहा है.
4100 करोड़ की पेयजल और सिंचाई योजनाएं
जल शक्ति मंत्री ने कहा कि प्रदेश में पेयजल और सिंचाई योजनाओं पर करीब 4100 करोड़ रुपये खर्चे जा रहे हैं. इनमें जल जीवन मिशन में हर घर को नल से शुद्ध जल की व्यवस्था के लिए इस साल 1405 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं.
इसके अलावा एशियन विकास बैंक के माध्यम से पुरानी पेयजल योजनाओं के जीर्णोद्धार पर 1 हजार करोड़ रुपये और ग्रामीण क्षेत्रों में नई पेयजल योजनाओं के लिए ब्रिक्स और एनडीबी के सहयोग से 800 करोड़ रुपये व्यय किए जा रहे हैं. प्रदेश में सीवरेज व्यवस्था के सुधार व विस्तार पर एएफडी के सहयोग से 900 करोड़ खर्च किए जा रहे हैं.
80 करोड़ की उठाऊ सिंचाई योजना प्रस्तावित
जल शक्ति विभाग मंत्री ने कहा कि करसोग क्षेत्र के लिए विभिन्न पेयजल योजनाओं में 150 करोड़ के काम चल रहे हैं. इनमें अकेले जल जीवन मिशन के तहत ही 80 करोड़ के काम किए जा रहे हैं, जिन्हें इस साल दिसंबर तक पूरा कर लिया जाएगा.
उन्होंने कहा कि करसोग के लिए करीब 80 करोड़ रुपये की सीवरेज योजना का भी काम किया जाना है. प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (Pradhan Mantri Krishi Sinchai Yojana) में करसोग व आसपास के क्षेत्र के लिए लगभग 80 करोड़ रुपये की उठाऊ सिंचाई योजना प्रस्तावित हैं, इसके लिए सतलुज से पानी उठाया जाएगा.
समस्याओं को अनसुना करने पर होगी कार्रवाई
जलशक्ति मंत्री ने सभी अधिकारियों को जन हित में पूरे समर्पण व गति से काम करने की नसीहत दी. उन्होंने कहा कि करसोग के अपने पिछले के दौरे के दौरान लोगों से मिली शिकायतों को लेकर जल शक्ति विभाग के एक अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई है. आगे भी जनता के काम को टालने वालों को बख्शा नहीं जाएगा.
अधिकारियों को फील्ड में जाने के दिए निर्देश
जलशक्ति मंत्री ने कृषि व बागवानी विभाग के अधिकारियों को दफ्तरों में बैठने के बजाए फील्ड में जाने और जनता को सरकार की योजनाओं का लाभ पहुंचाने के निर्देश दिए. उन्होंने ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों को भी मौके पर जाकर विकास कार्यों का निरीक्षण करने के लिए कहा.
उन्होंने कहा कि वे खुद पंचायतों में जाकर इस बात का ब्यौरा लेंगे कि 13वें और 14वें वित्त आयोग में मिले पैसे से क्या क्या कार्य किए गए हैं, और पैसा निर्धारित कामों पर व्यय किया गया है या नहीं.
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