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जोगिंद्रनगर की प्रियंका ठाकुर वायुसेना में बनीं कैप्टन, क्षेत्र में खुशी की लहर

जोगिंद्रनगर की प्रियंका ठाकुर ने वायुसेना में कैप्टन बन कर अपने क्षेत्र का नाम रोशन किया है. इससे क्षेत्र में खुशी की लहर है. उन्होंने इसके लिए अपने दादा शंकर दास, पापा अमरसिंह, माता सुभद्रा कुमारी आभार प्रकट किया है.

Priyanka Thakur became Captain
Priyanka Thakur became CaptainPriyanka Thakur became Captain
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Published : Sep 3, 2020, 6:33 PM IST

जोगिंद्रगर/मंडीः जोगिंद्रनगर की बेटी प्रियंका ठाकुर कड़ी मेहनत और लगन से वायुसेना में कैप्टन बनी हैं. ग्रामीण क्षेत्र से पल कर बड़ी हुई बेटी ने वायुसेना में कैप्टन बन कर अपने क्षेत्र का नाम रोशन किया है. जिस कारण क्षेत्र में खुशी की लहर है. उपमंडल की निकटवर्ती पंचायत ढेलू के गांव टटाणका की प्रियंका ठाकुर की प्राथमिक शिक्षा जोगिंद्रनगर में ही हुई.

प्रियंका ठाकुर शुरू से ही अपने पिता की तरह सैना में जाने का जज्बा लिए हुए बड़ी हुई और सैना में रह कर देश की सेवा करना चाहती थी. कैप्टन प्रियंका ठाकुर ने जानकारी देते हुए कहा कि उसने अपनी प्रारमभिक शिक्षा आदर्श राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक कन्या पाठशाला जोगिंद्रनगर में ही हासिल की.

उन्होंने कहा कि बचपन से ही अपने दादा और पापा की तरह वह भी सैना में भर्ती हो कर देश की सेवा करना चाहती थीं. जब भी वह अपने दादा और पापा को सैना की वर्दी में देखती थीं तो वह भी प्रात्साहित होती थीं और ऐसा ही जज्बा लिए वह आगे बढ़ती रहीं और अपने मुकाम तक पहुंच गईं, लेकिन अभी उनकी मंजिल और आगे है. वह आगे चल कर वायु सेना की लड़ाकू टुकड़ी में शामिल होना चाहती हैं.

उनके दादा शंकरदास और पिता अमर सिंह भी सैना में देश की सेवा कर चुके हैं. माता सुभद्रा कुमारी गृहणी है और घर संभालती हैं. उन्होंने बताया कि वह 26 फरवरी 2018 को बतौर लैफटीनेंट कानपुर में जुआईन किया था. लगभग दो वर्ष की कड़ी मेहनत के बाद उन्होंने एयर फोर्स में हाल ही में कैप्टन पद हासिल किया है.

उनके पिता अमरसिंह इन दिनों भारतीय रेल विभाग में अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं. उन्होंने दस जमा दो करने के बाद आईजीएमसी शिमला में अपनी सेवाएं प्रदान की और उसके बाद प्रियंका जयपुर नारायण अस्पताल में अपनी सेवाएं प्रदान कर रही थी. जहां से उन्होंने वायुसैना का टेस्ट क्लीयर किया. वह यहीं पर नहीं बल्कि इससे आगे निकलना चाहती हैं और अभी भी वह वायुसैना के और भी परीक्षा दे रही हैं.

उन्होंने इन सब के लिए अपने दादा शंकर दास, पापा अमरसिंह, माता सुभद्रा कुमारी, जयपुर के कर्नल अध्यापक नेकराम शास्त्री सहित पूरे स्टाफ आभार प्रकट किया है. प्रियंका का कहना है कि इन सब लोगों की प्रेरणा और मार्गदर्शन से ही यह सब संभव हो सका है.

ये भी पढ़ें- अब दिल्ली से भुंतर के बीच शुरू होंगी हवाई उड़ानें, 7 सितंबर से 24 अक्टूबर का शेड्यूल तैयार

ये भी पढ़ें- शिवसेना नेता संजय राउत पर कंगना ने लगाया धमकी देने का आरोप

जोगिंद्रगर/मंडीः जोगिंद्रनगर की बेटी प्रियंका ठाकुर कड़ी मेहनत और लगन से वायुसेना में कैप्टन बनी हैं. ग्रामीण क्षेत्र से पल कर बड़ी हुई बेटी ने वायुसेना में कैप्टन बन कर अपने क्षेत्र का नाम रोशन किया है. जिस कारण क्षेत्र में खुशी की लहर है. उपमंडल की निकटवर्ती पंचायत ढेलू के गांव टटाणका की प्रियंका ठाकुर की प्राथमिक शिक्षा जोगिंद्रनगर में ही हुई.

प्रियंका ठाकुर शुरू से ही अपने पिता की तरह सैना में जाने का जज्बा लिए हुए बड़ी हुई और सैना में रह कर देश की सेवा करना चाहती थी. कैप्टन प्रियंका ठाकुर ने जानकारी देते हुए कहा कि उसने अपनी प्रारमभिक शिक्षा आदर्श राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक कन्या पाठशाला जोगिंद्रनगर में ही हासिल की.

उन्होंने कहा कि बचपन से ही अपने दादा और पापा की तरह वह भी सैना में भर्ती हो कर देश की सेवा करना चाहती थीं. जब भी वह अपने दादा और पापा को सैना की वर्दी में देखती थीं तो वह भी प्रात्साहित होती थीं और ऐसा ही जज्बा लिए वह आगे बढ़ती रहीं और अपने मुकाम तक पहुंच गईं, लेकिन अभी उनकी मंजिल और आगे है. वह आगे चल कर वायु सेना की लड़ाकू टुकड़ी में शामिल होना चाहती हैं.

उनके दादा शंकरदास और पिता अमर सिंह भी सैना में देश की सेवा कर चुके हैं. माता सुभद्रा कुमारी गृहणी है और घर संभालती हैं. उन्होंने बताया कि वह 26 फरवरी 2018 को बतौर लैफटीनेंट कानपुर में जुआईन किया था. लगभग दो वर्ष की कड़ी मेहनत के बाद उन्होंने एयर फोर्स में हाल ही में कैप्टन पद हासिल किया है.

उनके पिता अमरसिंह इन दिनों भारतीय रेल विभाग में अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं. उन्होंने दस जमा दो करने के बाद आईजीएमसी शिमला में अपनी सेवाएं प्रदान की और उसके बाद प्रियंका जयपुर नारायण अस्पताल में अपनी सेवाएं प्रदान कर रही थी. जहां से उन्होंने वायुसैना का टेस्ट क्लीयर किया. वह यहीं पर नहीं बल्कि इससे आगे निकलना चाहती हैं और अभी भी वह वायुसैना के और भी परीक्षा दे रही हैं.

उन्होंने इन सब के लिए अपने दादा शंकर दास, पापा अमरसिंह, माता सुभद्रा कुमारी, जयपुर के कर्नल अध्यापक नेकराम शास्त्री सहित पूरे स्टाफ आभार प्रकट किया है. प्रियंका का कहना है कि इन सब लोगों की प्रेरणा और मार्गदर्शन से ही यह सब संभव हो सका है.

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