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Jagannath Rath Yatra: नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने मंडी में भगवान जगन्नाथ का रथ खींचकर लिया आशीर्वाद

छोटी काशी के नाम से विख्यात मंडी में रथयात्रा का आयोजन किया गया. इस दौरान जयराम ठाकुर ने भगवान जगन्नाथ का रथ खींचकर आशीर्वाद लिया. भगवान जगन्नाथ की भव्य रथयात्रा में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए. पढ़ें पूरी खबर..

Jairam Thakur attended in Jagannath Rath Yatra Mandi
मंडी रथ यात्रा में शामिल हुए जयराम ठाकुर
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Published : Jun 20, 2023, 9:53 PM IST

मंडी रथ यात्रा में शामिल हुए जयराम ठाकुर

मंडी: उड़ीसा के पुरी की तर्ज पर छोटी काशी मंडी में भी भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा बड़े ही उत्साह और हर्षोल्लास के साथ निकाली गई. इस रथयात्रा में पूर्व सीएम एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर जिला के अन्य विधायकों के साथ शामिल हुए. उन्होंने रथ खींचकर भगवान जगन्नाथ का आशीर्वाद प्राप्त किया. रथयात्रा के दौरान पूरा शहर भगवान के जयकारों से गूंज उठा. लोगों में इस रथयात्रा को लेकर भारी उत्साह देखने को मिला. लोग भगवान जगन्नाथ का रथ खींचने के लिए आतुर नजर आए.

राजाओं के जमाने से चली आ रही परंपरा: दरअसल, मंडी में हर वर्ष रथयात्रा का आयोजन किया जाता है. शहर के पड्डल वार्ड में भगवान जगन्नाथ का प्राचीन मंदिर मौजूद है. यहां राजाओं के जमाने से यह परंपरा चली आ रही है जिसका शहरवासी बड़ी ही श्रद्धा से पालन करते हैं. हर वर्ष आषाढ़ मास की शुकल पक्ष की द्वितिया को भगवान जगन्नाथ अपने भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ नगर भ्रमण पर निकलते हैं. हालांकि यह आयोजन उड़ीसा के पूरी में सबसे बड़े स्तर पर मनाया जाता है लेकिन छोटी काशी के नाम से विख्यात मंडी शहर में भी हर वर्ष इसकी खासी धूम देखने को मिलती है.

रथयात्रा के बाद विशाल भंडारे का होता है आयोजन: हर वर्ष रथयात्रा के बाद विशाल भंडारे का आयोजन भी किया जाता है जिसके माध्यम से भगवान का प्रसाद भक्तों में बांटा जाता है. इस प्रसाद को लेकर कहा जाता है कि ’’जगन्नाथ के भात को जगत पसारे हाथ, बीन भाग्य मिलता नहीं जगन्नाथ का भात’’. यही कारण है कि भगवान के प्रसाद को ग्रहण करने को लेकर लोगों में बहुत ज्यादा उत्सुकता देखने को मिलती है.

वर्ष 1679 में हुई थी भगवान जगन्नाथ मंदिर की स्थापना: छोटी काशी मंडी में स्थित जगन्नाथ मंदिर की स्थापना वर्ष 1679 में हुई थी. मंदिर में रखी काष्ठ की मूर्तियों को उड़ीसा से लाया गया था. कहा जाता है कि इनकी पूजा-अर्चना करने से सभी कष्ट दूर होते हैं. भगवान जगन्नाथ महोत्सव हर वर्ष मनाया जाता है लेकिन इस बार कोराना के साये के चलते इसे स्थगित करना पड़ा. हजारों लोग सड़कों पर उतरकर भगवान जगन्नाथ का रथ खींचकर आशीर्वाद प्राप्त करते थे. जगन्नाथपुरी से पंडितों को बुलाकर रथ तैयार किया जाता था.

ये भी पढ़ें: जयराम ठाकुर का बड़ा आरोप, 97 फीसदी हिंदु आबादी वाले बयान का स्पष्टीकरण दें सीएम सुखविंदर सिंह

मंडी रथ यात्रा में शामिल हुए जयराम ठाकुर

मंडी: उड़ीसा के पुरी की तर्ज पर छोटी काशी मंडी में भी भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा बड़े ही उत्साह और हर्षोल्लास के साथ निकाली गई. इस रथयात्रा में पूर्व सीएम एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर जिला के अन्य विधायकों के साथ शामिल हुए. उन्होंने रथ खींचकर भगवान जगन्नाथ का आशीर्वाद प्राप्त किया. रथयात्रा के दौरान पूरा शहर भगवान के जयकारों से गूंज उठा. लोगों में इस रथयात्रा को लेकर भारी उत्साह देखने को मिला. लोग भगवान जगन्नाथ का रथ खींचने के लिए आतुर नजर आए.

राजाओं के जमाने से चली आ रही परंपरा: दरअसल, मंडी में हर वर्ष रथयात्रा का आयोजन किया जाता है. शहर के पड्डल वार्ड में भगवान जगन्नाथ का प्राचीन मंदिर मौजूद है. यहां राजाओं के जमाने से यह परंपरा चली आ रही है जिसका शहरवासी बड़ी ही श्रद्धा से पालन करते हैं. हर वर्ष आषाढ़ मास की शुकल पक्ष की द्वितिया को भगवान जगन्नाथ अपने भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ नगर भ्रमण पर निकलते हैं. हालांकि यह आयोजन उड़ीसा के पूरी में सबसे बड़े स्तर पर मनाया जाता है लेकिन छोटी काशी के नाम से विख्यात मंडी शहर में भी हर वर्ष इसकी खासी धूम देखने को मिलती है.

रथयात्रा के बाद विशाल भंडारे का होता है आयोजन: हर वर्ष रथयात्रा के बाद विशाल भंडारे का आयोजन भी किया जाता है जिसके माध्यम से भगवान का प्रसाद भक्तों में बांटा जाता है. इस प्रसाद को लेकर कहा जाता है कि ’’जगन्नाथ के भात को जगत पसारे हाथ, बीन भाग्य मिलता नहीं जगन्नाथ का भात’’. यही कारण है कि भगवान के प्रसाद को ग्रहण करने को लेकर लोगों में बहुत ज्यादा उत्सुकता देखने को मिलती है.

वर्ष 1679 में हुई थी भगवान जगन्नाथ मंदिर की स्थापना: छोटी काशी मंडी में स्थित जगन्नाथ मंदिर की स्थापना वर्ष 1679 में हुई थी. मंदिर में रखी काष्ठ की मूर्तियों को उड़ीसा से लाया गया था. कहा जाता है कि इनकी पूजा-अर्चना करने से सभी कष्ट दूर होते हैं. भगवान जगन्नाथ महोत्सव हर वर्ष मनाया जाता है लेकिन इस बार कोराना के साये के चलते इसे स्थगित करना पड़ा. हजारों लोग सड़कों पर उतरकर भगवान जगन्नाथ का रथ खींचकर आशीर्वाद प्राप्त करते थे. जगन्नाथपुरी से पंडितों को बुलाकर रथ तैयार किया जाता था.

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