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पर्याप्‍त मात्रा में पेयजल करवाएं मुहैया, समस्‍याएं हल करवाने के लिए एक्टिव रहें अधिकारीः महेंद्र सिंह

महेंद्र सिंह ने कहा कि मंडी जिला में जितनी भी पेयजल व सिंचाई योजनाएं क्रियान्वित की जा रही है, उनको शीघ्र अति शीघ्र पूरा करने के प्रयास किए जा रहे हैं, ताकि विभाग की इन योजनाओं का लाभ अधिक से अधिक लोगों को मिल सके.

बैठक के दौरान आईपीएच मंत्री महेंद्र सिंह और अन्य
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Published : May 31, 2019, 7:37 PM IST

मंडी: सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य, बागवानी व सैनिक कल्याण मंत्री महेन्द्र सिंह ठाकुर ने शुक्रवार को सराज विधानसभा क्षेत्र के अपने एक दिवसीय प्रवास के दौरान सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग विश्राम गृह बगस्‍याड़ में बैठक कर मंडी जिला में कार्यान्वित पेयजल एवं सिंचाई योजनाओं के कार्य की समीक्षा की. उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे गर्मियों के दिनों में जिला के हर आदमी को पर्याप्त मात्रा में पेयजल उपलब्ध करवाना सुनिश्चित करें और वे लोगों की समस्याओं को हल करने के लिए हमेशा तत्पर व जवाबदेह रहें.

iph minister meeting in seraj
बैठक के दौरान आईपीएच मंत्री महेंद्र सिंह और अन्य

महेंद्र सिंह ने कहा कि मंडी जिला में जितनी भी पेयजल व सिंचाई योजनाएं क्रियान्वित की जा रही है, उनको शीघ्र अति शीघ्र पूरा करने के प्रयास किए जा रहे हैं, ताकि विभाग की इन योजनाओं का लाभ अधिक से अधिक लोगों को मिल सके. उन्होंने कहा कि सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य वृत सुंदरनगर के अंतर्गत 7 मंडल कार्यरत्त हैं, जिसमें लगभग 437 करोड़ रूपये की लागत से 182 पेयजल व सिंचाई योजनाएं प्रगति पर हैं.

पढ़ेंः पुलवामा आतंकी हमले में शहीद तिलकराज की पत्नी को मिली नौकरी, वीरांगना ने किया सरकार का धन्यवाद

इसके अतिरिक्त ब्रिक्स के तहत भी 210 करोड़ रूपये की लागत से 5 योजनाओं की डीपीआर बनाई गई है. इसके साथ ही शहरी पेयजल योजना के तहत 3 योजनाएं 110 करोड़ रूपये की लागत से मंडी, रिवालसर व नेरचौक में चलाई जा रही हैं. रिवालसर में सीवरेज योजना का कार्य प्रगति पर है, जबकि मंडी, सुंदरनगर तथा जोगिंद्रनगर में नए कनेक्शन देने का कार्य यु्द्ध स्तर पर किया जा रहा है.

iph minister meeting in seraj
बैठक के दौरान आईपीएच मंत्री महेंद्र सिंह और अन्य

इसके साथ ही नाबार्ड के तहत जिला में 97 करोड़ रूपये की लागत से 30 पेयजल व सिंचाई योजनाएं कार्यान्वित है. राष्टीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम के अंतर्गत 69 करोड़ रूपये की लागत से 78 योजनाएं चलाई जा रही है, जबकि अनुसूचित जाति उप योजना के तहत 26 करोड़ रूपये की लागत की 24 योजनाएं तथा प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत 26 करोड़ रूपये की लागत से 7 योजनाएं क्रियान्वित हैं. सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य मंत्री महेन्द्र सिंह ठाकुर ने इस मौके पर स्थानीय लोगों की समस्याओं को भी सुना तथा तुरंत निपटारे के लिए विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए.

ये भी पढ़ेंः जर्मनी और नीदरलैंड में जयराम करेंगे रोड शो, CM बोले- हिमाचल के लोग अच्छे हैं भारी संख्या में पहुंचेंगे इन्वेस्टर्स

मंडी: सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य, बागवानी व सैनिक कल्याण मंत्री महेन्द्र सिंह ठाकुर ने शुक्रवार को सराज विधानसभा क्षेत्र के अपने एक दिवसीय प्रवास के दौरान सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग विश्राम गृह बगस्‍याड़ में बैठक कर मंडी जिला में कार्यान्वित पेयजल एवं सिंचाई योजनाओं के कार्य की समीक्षा की. उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे गर्मियों के दिनों में जिला के हर आदमी को पर्याप्त मात्रा में पेयजल उपलब्ध करवाना सुनिश्चित करें और वे लोगों की समस्याओं को हल करने के लिए हमेशा तत्पर व जवाबदेह रहें.

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बैठक के दौरान आईपीएच मंत्री महेंद्र सिंह और अन्य

महेंद्र सिंह ने कहा कि मंडी जिला में जितनी भी पेयजल व सिंचाई योजनाएं क्रियान्वित की जा रही है, उनको शीघ्र अति शीघ्र पूरा करने के प्रयास किए जा रहे हैं, ताकि विभाग की इन योजनाओं का लाभ अधिक से अधिक लोगों को मिल सके. उन्होंने कहा कि सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य वृत सुंदरनगर के अंतर्गत 7 मंडल कार्यरत्त हैं, जिसमें लगभग 437 करोड़ रूपये की लागत से 182 पेयजल व सिंचाई योजनाएं प्रगति पर हैं.

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इसके अतिरिक्त ब्रिक्स के तहत भी 210 करोड़ रूपये की लागत से 5 योजनाओं की डीपीआर बनाई गई है. इसके साथ ही शहरी पेयजल योजना के तहत 3 योजनाएं 110 करोड़ रूपये की लागत से मंडी, रिवालसर व नेरचौक में चलाई जा रही हैं. रिवालसर में सीवरेज योजना का कार्य प्रगति पर है, जबकि मंडी, सुंदरनगर तथा जोगिंद्रनगर में नए कनेक्शन देने का कार्य यु्द्ध स्तर पर किया जा रहा है.

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बैठक के दौरान आईपीएच मंत्री महेंद्र सिंह और अन्य

इसके साथ ही नाबार्ड के तहत जिला में 97 करोड़ रूपये की लागत से 30 पेयजल व सिंचाई योजनाएं कार्यान्वित है. राष्टीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम के अंतर्गत 69 करोड़ रूपये की लागत से 78 योजनाएं चलाई जा रही है, जबकि अनुसूचित जाति उप योजना के तहत 26 करोड़ रूपये की लागत की 24 योजनाएं तथा प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत 26 करोड़ रूपये की लागत से 7 योजनाएं क्रियान्वित हैं. सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य मंत्री महेन्द्र सिंह ठाकुर ने इस मौके पर स्थानीय लोगों की समस्याओं को भी सुना तथा तुरंत निपटारे के लिए विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए.

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Intro:मंडी : सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य, बागवानी व सैनिक कल्याण मंत्री महेन्द्र सिंह ठाकुर ने शुक्रवार को सराज विधानसभा क्षेत्र के अपने एक दिवसीय प्रवास के दौरान सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग विश्राम गृह बगस्‍याड़ में बैठक कर मंडी जिला में कार्यान्वित पेयजल एवं सिंचाई योजनाओं के कार्य की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे गर्मियों के दिनों में जिला के हर आदमी को पर्याप्त मात्रा में पेयजल उपलब्ध करवाना सुनिश्चित करें और वे लोगों की समस्याओं को हल करने के लिए हमेशा तत्पर व जवाबदेह रहें।


Body:उन्होंने कहा कि मंडी जिला में जितनी भी पेयजल व सिंचाई योजनाएं क्रियान्वित की जा रही है, उनको शीघ्रातिशीघ्र पूरा करने के प्रयास किए जा रहे हैं ताकि विभाग की इन योजनाओं का लाभ अधिक से अधिक लोगों को मिल सके। उन्होंने कहा कि सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य वृत सुन्दरनगर के अंतर्गत 7 मंडल कार्यरत हैं, जिसमें लगभग 437 करोड़ रूपये की लागत से 182 पेयजल व सिंचाई योजनाएं प्रगति पर हैं। इसके अतिरिक्त ब्रिक्स के तहत भी 210 करोड़ रूपये की लागत से 5 योजनाओं की डीपीआर बनाई गयी हैं। इसके साथ ही शहरी पेयजल योजना के तहत 3 योजनाएं 110 करोड़ रूपये की लागत से मंडी, रिवालसर व नेरचौक में चलाई जा रही हैं। रिवालसर में सीवरेज योजना का कार्य प्रगति पर है जबकि मंडी, सुन्दरनगर तथा जोगेन्द्रनगर में नए कनेक्शन देने का कार्य यु्द्ध स्तर पर किया जा रहा है।


Conclusion:इसके साथ ही नाबार्ड के तहत जिला में 97 करोड़ रूपये की लागत से 30 पेयजल व सिंचाई योजनाएं कार्यान्वित है। राष्टीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम के अंतर्गत 69 करोड़ रूपये की लागत से 78 योजनाएं चलाई जा रही है जबकि अनुसूचित जाति उप योजना के तहत 26 करोड़ रूपये की लागत की 24 योजनाएं तथा प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत 26 करोड़ रूपये की लागत से 7 योजनाएं क्रियान्वित हैं । सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य मंत्री महेन्द्र सिंह ठाकुर ने इस मौके पर स्थानीय लोगों की समस्याओं को भी सुना तथा तुरन्त निपटारे के लिए विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए।

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