मंडी/करसोग: हर साल 26 जून को 'अंतरराष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस' मनाया जाता है. नशीली वस्तुओं और पदार्थों के निवारण के लिए 'संयुक्त राष्ट्र महासभा' ने 7 दिसंबर 1987 को यह प्रस्ताव पारित किया था और तभी से हर साल लोगों को नशीले पदार्थों के सेवन से होने वाले दुष्परिणामों के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से इसे मनाया जाता है.
वहीं, करसोग में भी अंतरराष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस पर पुलिस और होमगार्ड के जवानों ने बस स्टैंड से एसडीएम कार्यालय तक एक तक रैली निकाली, जिसमें लोगों को नशे जैसी सामाजिक बुराई से दूर रहने के बारे में जागरूक किया गया. इस दौरान पुलिस के जवानों ने लोगों को नशे से होने वाले नुकसान के बारे में जानकारी दी.
हालांकि कोरोना संकट को देखते हुए पुलिस ने कार्यक्रम काफी सीमित रखा. पुलिस और होमगार्ड के जवानों ने सोशल डिस्टेंसिंग बनाते हुए रैली निकाली. इसके अतिरिक्त लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया गया.
नशे के खिलाफ जागरूक करने के लिए सोशल मीडिया के माध्यम से भी प्रचार और प्रसार किया गया. हर साल 26 जून को अंतरराष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस पर मंडी पुलिस बहुत बड़ा आयोजन करती थी, लेकिन इस बार कोरोना संकट के बीच पुलिस ने कार्यक्रम को बहुत सीमित रखा.
वहीं, डीएसपी अरुण मोदी का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस पर करसोग में बैनर के माध्यम से लोगों को नशे के खिलाफ जागरूक किया गया. उन्होंने कहा कि कोविड-19 के कारण बहुत ही सीमित कार्यक्रम आयोजित किया गया.
बता दें कि नशा, एक ऐसी बीमारी है जो युवा पीढ़ी को लगातार अपनी चपेट में लेकर उसे कई तरह से बीमार कर रही है. शराब, सिगरेट, तम्बाकू और ड्रग्स जैसे जहरीले पदार्थों का सेवन कर युवा वर्ग का एक बड़ा हिस्सा नशे का शिकार हो रहा है. आज फुटपाथ और रेलवे प्लेटफार्म पर रहने वाले बच्चे भी नशे की चपेट में आ चुके हैं.
मादक पदार्थों के सेवन से सबसे बड़ी हानि, स्वास्थ्य की हानि है. इससे आपके शरीर के कई अंगों पर एक साथ विपरीत असर पड़ता है. खास तौर से यह आपके दिमाग को भी अपनी चपेट में ले लेता है. नशा करने वाला व्यक्ति सदैव अपने ख्यालों में ही रहता है, उसे अपने आस-पास के माहौल से ज्यादा मतलब नहीं होता है. इसलिए सभी लोगों को नशे से दूर रहना चाहिए.
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