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IIT मंडी के पूर्व छात्र 'इनयास' राष्ट्रीय पुरस्कार 2020 से सम्मानित - मोलेक्यूल सुपर रिजॉल्यूशन नैनोस्कोपिक तकनीक

आईआईटी मंडी के पूर्व छात्र डाॅ. नवनीत चंद्र वर्मा को भारतीय राष्ट्रीय युवा वैज्ञानिक अकादमी ने उत्कृष्ट शोध के लिए के राष्ट्रीय पुरस्कार 2020 से सम्मानित किया है.

IIT Mandi alumnus conferred with Inayas National Award 2020
IIT मंडी के पूर्व छात्र ‘इनयास’ राष्ट्रीय पुरस्कार 2020 से सम्मानित'
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Published : Mar 2, 2021, 7:59 PM IST

Updated : Mar 3, 2021, 3:38 PM IST

मंडीः भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मंडी के पूर्व छात्र डाॅ. नवनीत चंद्र वर्मा को भारतीय राष्ट्रीय युवा वैज्ञानिक अकादमी ने उत्कृष्ट शोध के लिए के राष्ट्रीय पुरस्कार 2020 से सम्मानित किया है. आईआईटी मंडी से 2020 में पीएचडी पूरी कर चुके डाॅ. नवनीत चंद्र वर्मा को कार्बोजेन नैनोपार्टिकल की रसायनिक संरचना और कार्य संबंध और सुपर रिजॉल्यूशन लाइट माइक्रोस्कोपी में इनके उपयोग की बुनियादी समझ में उत्कृष्ट योगदान के लिए यह सम्मान दिया गया है.

मोलेक्यूल सुपर रिजॉल्यूशन नैनोस्कोपिक तकनीक का विकास

आईआईटी मंडी के स्कूल ऑफ बेसिक साइंस के प्रो. चयन नंदी के मार्गदर्शन में डाॅ. वर्मा ने उपयोग के अनुकूल सबसे आधुनिक सिंगल मोलेक्यूल सुपर रिजॉल्यूशन नैनोस्कोपिक तकनीक का भारत में पहली बार विकास कर प्रदर्शित किया कि इसमें जीवित कोशिका के सेल्युलर डायनॉमिक्स का नैनोमीटर रिजॉल्यूशन तक अध्ययन करने में कितना आसान है.

निदेशक ने जाहिर की खुशी

आईआईटी मंडी के निदेशक प्रो. अजीत के. चतुर्वेदी ने डाॅ. नवनीत चंद्र वर्मा की उपलब्धि पर प्रसन्नता व्यक्त करने के साथ कहा कि आईआईटी मंडी के सभी लोगों के लिए यह गौरव का क्षण है कि डाॅ. नवनीत की थिसीस को सुप्रतिष्ठित इनयास राष्ट्रीय पुरस्कार 2020 में कार्बन मटेरियल्स के क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ थिसीस का पुरस्कृत किया गया है.

नई पीढ़ी के वैज्ञानिकों को प्लैटफॉर्म

भारतीय राष्ट्रीय युवा विज्ञान अकादमी का गठन दिसंबर 2014 में भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी परिषद ने किया. यह भारत का पहली मान्यता प्राप्त युवा वैज्ञानिक अकादमी है. इसका उद्देश्य विज्ञान शिक्षा और राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय स्तर पर युवा वैज्ञानिकों को बढ़ावा देना है. इनयास नई पीढ़ी के वैज्ञानिकों के बीच विज्ञान के विषयों पर विचारों के आदान-प्रदान, विमर्श शुरू, सहयोग करने का प्लेटफॉर्म है और यह युवा शोधकर्ताओं को उनकी बात देश के वरिष्ठ शिक्षाविदों और नीति निर्माताओं तक पहुंचाने का अवसर देता है.

देखी जा सकेंगी बाल से 80 हजार गुणा छोटी कोशिकाएं

शोधकर्ता डॉ. नवनीत चंद्र वर्मा के मुताबिक हम अपनी नग्न आंखों से 80 माइक्रोन तक किसी भी वस्तु की कल्पना कर सकते हैं, जो एक मानव बाल का आकार है. हालांकि, सुपर रिजोल्यूशन लाइट माइक्रोस्कोपी का उपयोग करके नैनोमीटर स्तर में मानव कोशिका के अंदर प्रोटीन, डीएनए, एंजाइम जैसे छोटे बायोमोलेक्यूल्स की छवि बनाई जा सकती है, जो मानव बाल से लगभग 80,000 गुणा छोटा है. इस तकनीक में एक फ्लोरोसेंट जांच अणु छवि कैप्चर करने के लिए मानव कोशिका के अंदर पहुंचती है.

ये भी पढ़ें: कुल्लू: कंधे पर स्कूटी उठाए शख्स का वीडियो वायरल

मंडीः भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मंडी के पूर्व छात्र डाॅ. नवनीत चंद्र वर्मा को भारतीय राष्ट्रीय युवा वैज्ञानिक अकादमी ने उत्कृष्ट शोध के लिए के राष्ट्रीय पुरस्कार 2020 से सम्मानित किया है. आईआईटी मंडी से 2020 में पीएचडी पूरी कर चुके डाॅ. नवनीत चंद्र वर्मा को कार्बोजेन नैनोपार्टिकल की रसायनिक संरचना और कार्य संबंध और सुपर रिजॉल्यूशन लाइट माइक्रोस्कोपी में इनके उपयोग की बुनियादी समझ में उत्कृष्ट योगदान के लिए यह सम्मान दिया गया है.

मोलेक्यूल सुपर रिजॉल्यूशन नैनोस्कोपिक तकनीक का विकास

आईआईटी मंडी के स्कूल ऑफ बेसिक साइंस के प्रो. चयन नंदी के मार्गदर्शन में डाॅ. वर्मा ने उपयोग के अनुकूल सबसे आधुनिक सिंगल मोलेक्यूल सुपर रिजॉल्यूशन नैनोस्कोपिक तकनीक का भारत में पहली बार विकास कर प्रदर्शित किया कि इसमें जीवित कोशिका के सेल्युलर डायनॉमिक्स का नैनोमीटर रिजॉल्यूशन तक अध्ययन करने में कितना आसान है.

निदेशक ने जाहिर की खुशी

आईआईटी मंडी के निदेशक प्रो. अजीत के. चतुर्वेदी ने डाॅ. नवनीत चंद्र वर्मा की उपलब्धि पर प्रसन्नता व्यक्त करने के साथ कहा कि आईआईटी मंडी के सभी लोगों के लिए यह गौरव का क्षण है कि डाॅ. नवनीत की थिसीस को सुप्रतिष्ठित इनयास राष्ट्रीय पुरस्कार 2020 में कार्बन मटेरियल्स के क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ थिसीस का पुरस्कृत किया गया है.

नई पीढ़ी के वैज्ञानिकों को प्लैटफॉर्म

भारतीय राष्ट्रीय युवा विज्ञान अकादमी का गठन दिसंबर 2014 में भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी परिषद ने किया. यह भारत का पहली मान्यता प्राप्त युवा वैज्ञानिक अकादमी है. इसका उद्देश्य विज्ञान शिक्षा और राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय स्तर पर युवा वैज्ञानिकों को बढ़ावा देना है. इनयास नई पीढ़ी के वैज्ञानिकों के बीच विज्ञान के विषयों पर विचारों के आदान-प्रदान, विमर्श शुरू, सहयोग करने का प्लेटफॉर्म है और यह युवा शोधकर्ताओं को उनकी बात देश के वरिष्ठ शिक्षाविदों और नीति निर्माताओं तक पहुंचाने का अवसर देता है.

देखी जा सकेंगी बाल से 80 हजार गुणा छोटी कोशिकाएं

शोधकर्ता डॉ. नवनीत चंद्र वर्मा के मुताबिक हम अपनी नग्न आंखों से 80 माइक्रोन तक किसी भी वस्तु की कल्पना कर सकते हैं, जो एक मानव बाल का आकार है. हालांकि, सुपर रिजोल्यूशन लाइट माइक्रोस्कोपी का उपयोग करके नैनोमीटर स्तर में मानव कोशिका के अंदर प्रोटीन, डीएनए, एंजाइम जैसे छोटे बायोमोलेक्यूल्स की छवि बनाई जा सकती है, जो मानव बाल से लगभग 80,000 गुणा छोटा है. इस तकनीक में एक फ्लोरोसेंट जांच अणु छवि कैप्चर करने के लिए मानव कोशिका के अंदर पहुंचती है.

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Last Updated : Mar 3, 2021, 3:38 PM IST
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