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करसोग में प्रदूषण फैला रहीं बसें, धुआं-धुआं हुए गांव... - HRTC buses spreading pollution in Karsog

करसोग उपमंडल में कुछ रूटों पर दौड़ रही खटारा बसें लोगों के लिए आफत बन गई. करसोग डिपो को नई बसें न मिलने से अधिकतर रूट पुरानी बसों के सहारे चलाए जा रहे. ऐसे में आए दिन लोकल रूटों पर कुछ बसें तो रास्तों में खराब होने से खड़ी हो (HRTC buses damaged in Karsog)रही ,जबकि कुछ खटारा बसें धुंआ छोड़कर प्रदूषण फैला (HRTC buses spreading pollution in Karsog)रही है. ऐसी ही करसोग डिपो की बुधवार को निहरी से आ रही बस नंबर एचपी 28 ए 1421 रास्ते भर धुंआ छोड़ती हुए पहुंची.

HRTC buses spreading pollution in Karsog
करसोग में प्रदूषण फैला रहीं बसें
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Published : Feb 2, 2022, 6:01 PM IST

करसोग: उपमंडल में कुछ रूटों पर दौड़ रही खटारा बसें लोगों के लिए आफत बन गई. करसोग डिपो को नई बसें न मिलने से अधिकतर रूट पुरानी बसों के सहारे चलाए जा रहे. ऐसे में आए दिन लोकल रूटों पर कुछ बसें तो रास्तों में खराब होने से खड़ी हो (HRTC buses damaged in Karsog)रही ,जबकि कुछ खटारा बसें धुंआ छोड़कर प्रदूषण फैला (HRTC buses spreading pollution in Karsog)रहीं है. ऐसी ही करसोग डिपो की बुधवार को निहरी से आ रही बस नंबर एचपी 28 ए 1421 रास्ते भर धुंआ छोड़ती हुए पहुंची.

करसोग डिपो के बेड़े में कुल 54 बसें , जिसमें अधिकतर बसों की स्थित खराब है. पुरानी होने की वजह से यह बसें खटारा हो गई. डिपो को 13 बसें जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीकरण मिशन (जेएनएनयूआरएम) के तहत मिली, जिसमें 3 बसें खराब होकर वर्कशॉप में खड़ी.वहीं, 3 बसों का परमिट खत्म हो गया. करसोग डिपो के तहत 48 बसें रूटों पर दौड़ रही, लेकिन इसमें कुछ बसें धक्का स्टार्ट है. इस तरह से एचआरटीसी की बसों में सफर करते हुए यात्रियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.लोगों को कहना है कि यात्रियों का सफर सुरक्षित व आरामदायक हो, इसके लिए सरकार को डिपो के लिए नई बसें भेजनी चाहिए. खटारा बसें आधे रास्ते में खड़ी हो जाती ,जिससे यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

वीडियो
करसोग डिपो के क्षेत्रीय प्रबंधक सुभाष रंहोत्रा का कहना है कि चार साल से डिपो को नई बसें नहीं मिली. जो बसें खराब हो गई उनके लिए सामान मंगवाया गया है.जल्द ही इन बसों को सुधारा जाएगा. अभी तीन बसों की मरम्मत की गई. जहां तक बसें धक्के से स्टार्ट होने की बात तो सर्दियों में इस तरह की दिक्कत होती है.

ये भी पढ़ें :किन्नौर में सतलुज में उतरी NDRF की टीम, जानें वजह

करसोग: उपमंडल में कुछ रूटों पर दौड़ रही खटारा बसें लोगों के लिए आफत बन गई. करसोग डिपो को नई बसें न मिलने से अधिकतर रूट पुरानी बसों के सहारे चलाए जा रहे. ऐसे में आए दिन लोकल रूटों पर कुछ बसें तो रास्तों में खराब होने से खड़ी हो (HRTC buses damaged in Karsog)रही ,जबकि कुछ खटारा बसें धुंआ छोड़कर प्रदूषण फैला (HRTC buses spreading pollution in Karsog)रहीं है. ऐसी ही करसोग डिपो की बुधवार को निहरी से आ रही बस नंबर एचपी 28 ए 1421 रास्ते भर धुंआ छोड़ती हुए पहुंची.

करसोग डिपो के बेड़े में कुल 54 बसें , जिसमें अधिकतर बसों की स्थित खराब है. पुरानी होने की वजह से यह बसें खटारा हो गई. डिपो को 13 बसें जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीकरण मिशन (जेएनएनयूआरएम) के तहत मिली, जिसमें 3 बसें खराब होकर वर्कशॉप में खड़ी.वहीं, 3 बसों का परमिट खत्म हो गया. करसोग डिपो के तहत 48 बसें रूटों पर दौड़ रही, लेकिन इसमें कुछ बसें धक्का स्टार्ट है. इस तरह से एचआरटीसी की बसों में सफर करते हुए यात्रियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.लोगों को कहना है कि यात्रियों का सफर सुरक्षित व आरामदायक हो, इसके लिए सरकार को डिपो के लिए नई बसें भेजनी चाहिए. खटारा बसें आधे रास्ते में खड़ी हो जाती ,जिससे यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

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करसोग डिपो के क्षेत्रीय प्रबंधक सुभाष रंहोत्रा का कहना है कि चार साल से डिपो को नई बसें नहीं मिली. जो बसें खराब हो गई उनके लिए सामान मंगवाया गया है.जल्द ही इन बसों को सुधारा जाएगा. अभी तीन बसों की मरम्मत की गई. जहां तक बसें धक्के से स्टार्ट होने की बात तो सर्दियों में इस तरह की दिक्कत होती है.

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