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बॉर्डर खुलने से होटल-ढाबा मालिकों को मिली राहत, कारोबार के पटरी पर आने की उम्मीद - Sanitation in Hotel

कोरोना काल के बीच करीब 6 महीने बाद प्रदेश की सीमाएं सभी के लिए खोल दी गई है. लोगों को अब प्रदेश में आने के लिए पंजीकरण करवाने की जरूरत नहीं है और न ही कोविड रिपोर्ट साथ लाने की. इससे अब पर्यटक बिना ई-पास के प्रदेश में प्रवेश कर पाएंगे, जिससे ढाबा मालिकों और रेस्तरां मालिकों ने राहत की सांस ली है.

hoteliers get relief
होटल कारोबारियों को राहत
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Published : Sep 18, 2020, 8:07 PM IST

Updated : Sep 19, 2020, 1:18 PM IST

सुंदरनगर: कोरोना काल के बीच करीब 6 महीने बाद प्रदेश की सीमाएं सभी के लिए खोल दी गई हैं. लोगों को अब प्रदेश में आने के लिए पंजीकरण करवाने की जरूरत नहीं है और न ही कोविड रिपोर्ट साथ लाने की. इससे अब पर्यटक बिना ई-पास के प्रदेश में प्रवेश कर पाएंगे, जिससे ढाबा मालिकों और रेस्तरां मालिकों ने राहत की सांस ली है.

पर्यटकों के आने से पर्यटन कारोबार से जुड़े लोगों को फायदा होगा. करीब 6 महीने से सुनसान पड़े रेस्तरां में पर्यटक आ सकेंगे. दरअसल, जयराम कैबिनेट ने प्रदेश की सीमाएं सभी के लिए खोल दी हैं. कोई भी व्यक्ति अब बिना पंजीकरण और कोरोना निगेटिव रिपोर्ट के बिना प्रदेश में प्रवेश कर सकता है. पर्यटक अब कहीं भी सफर कर सकते हैं. इस दौरान उन्हें मास्क पहनना और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना जरूरी होगा.

वीडियो

वहीं, प्रदेश की सीमा सभी के लिए खुलने पर होटल और ढाबा मालिकों को थोड़ी राहत जरूर मिली है, लेकिन अभी होटल बिल्कुल सुनसान पड़े है. बॉर्डर तो खुल गए हैं, लेकिन अभी तक इंटर स्टेट बसें प्रदेश में नहीं चल रही हैं. वहीं, कई होटल कारोबारियों का कारोबार इंटर स्टेट बस शुरू होने से ही चलेगा क्योंकि उनके पास छोटे वाहन खाने-पीने के लिए नहीं रुकते हैं. यहां पर बाहरी राज्यों से आने वाली बसें रूकती हैं, जिसमें सवार लोग इन होटलों में खाना पीना करते हैं. इसलिए होटल कारोबारियों ने सरकार से जल्द ही इंटर स्टेट बसो की मूवमेंट शुरू करने की मांग की है, ताकि वे अपने परिवार की रोजी रोटी का गुजारा कर सके.

इसके अलावा इंटर स्टेट बसों के न चलने से कम पर्यटक ही प्रदेश की ओर रूख कर सकते हैं. इंटर स्टेट बस सेवा के शुरू होने तक कम पर्यटक ही हिमाचल की ओर रूख करेंगे, जिससे उनका काम धंधा चौपट रहने वाला है. इसके चलते ढाबा मालिक और रेस्तरां मालिक भी सरकार से इंटर स्टेट बस सेवा शुरु करने की मांग कर रहे हैं.

पर्यटकों के आने से पर्यटन कारोबार को फायदा होगा. वहीं, बाहरी राज्यों से प्रदेश में लोगों के आने से कोरोना संक्रमण फैलने की संभावना भी ज्यादा बनी रहेगी. हालांकि, कोरोना से निपटने के लिए होटल और रेस्तरां में सेनिटाइजेशन की सुविधा उपलब्ध है. इसके बावजूद कहीं भी चूक होने पर कोरोना महामारी फैलने का खतरा बना रहेगा. ऐसे में होटल और रेस्तरां मालिकों को कोरोना के साएं में ही काम करना होगा, ताकि उनकी आमदनी हो सके.

कोरोना महामारी के कारण करीब 6 महीने से होटल कारोबार बंद होने से इससे जुड़े लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. होटल बंद होने से आमदनी न होने के बावजूद भी कर्मचारियों को सैलरी और बिजली का बिल भरा है. वहीं, अब पर्यटकों के लिए प्रदेश की सीमा खुलने से होटल कारोबारियों को थोड़ी राहत तो जरूर मिलेगी.

ये भी पढ़ें: हिमाचल की मंडियों में बढ़े आलू के दाम, 2000 में बिक रही बोरी

सुंदरनगर: कोरोना काल के बीच करीब 6 महीने बाद प्रदेश की सीमाएं सभी के लिए खोल दी गई हैं. लोगों को अब प्रदेश में आने के लिए पंजीकरण करवाने की जरूरत नहीं है और न ही कोविड रिपोर्ट साथ लाने की. इससे अब पर्यटक बिना ई-पास के प्रदेश में प्रवेश कर पाएंगे, जिससे ढाबा मालिकों और रेस्तरां मालिकों ने राहत की सांस ली है.

पर्यटकों के आने से पर्यटन कारोबार से जुड़े लोगों को फायदा होगा. करीब 6 महीने से सुनसान पड़े रेस्तरां में पर्यटक आ सकेंगे. दरअसल, जयराम कैबिनेट ने प्रदेश की सीमाएं सभी के लिए खोल दी हैं. कोई भी व्यक्ति अब बिना पंजीकरण और कोरोना निगेटिव रिपोर्ट के बिना प्रदेश में प्रवेश कर सकता है. पर्यटक अब कहीं भी सफर कर सकते हैं. इस दौरान उन्हें मास्क पहनना और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना जरूरी होगा.

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वहीं, प्रदेश की सीमा सभी के लिए खुलने पर होटल और ढाबा मालिकों को थोड़ी राहत जरूर मिली है, लेकिन अभी होटल बिल्कुल सुनसान पड़े है. बॉर्डर तो खुल गए हैं, लेकिन अभी तक इंटर स्टेट बसें प्रदेश में नहीं चल रही हैं. वहीं, कई होटल कारोबारियों का कारोबार इंटर स्टेट बस शुरू होने से ही चलेगा क्योंकि उनके पास छोटे वाहन खाने-पीने के लिए नहीं रुकते हैं. यहां पर बाहरी राज्यों से आने वाली बसें रूकती हैं, जिसमें सवार लोग इन होटलों में खाना पीना करते हैं. इसलिए होटल कारोबारियों ने सरकार से जल्द ही इंटर स्टेट बसो की मूवमेंट शुरू करने की मांग की है, ताकि वे अपने परिवार की रोजी रोटी का गुजारा कर सके.

इसके अलावा इंटर स्टेट बसों के न चलने से कम पर्यटक ही प्रदेश की ओर रूख कर सकते हैं. इंटर स्टेट बस सेवा के शुरू होने तक कम पर्यटक ही हिमाचल की ओर रूख करेंगे, जिससे उनका काम धंधा चौपट रहने वाला है. इसके चलते ढाबा मालिक और रेस्तरां मालिक भी सरकार से इंटर स्टेट बस सेवा शुरु करने की मांग कर रहे हैं.

पर्यटकों के आने से पर्यटन कारोबार को फायदा होगा. वहीं, बाहरी राज्यों से प्रदेश में लोगों के आने से कोरोना संक्रमण फैलने की संभावना भी ज्यादा बनी रहेगी. हालांकि, कोरोना से निपटने के लिए होटल और रेस्तरां में सेनिटाइजेशन की सुविधा उपलब्ध है. इसके बावजूद कहीं भी चूक होने पर कोरोना महामारी फैलने का खतरा बना रहेगा. ऐसे में होटल और रेस्तरां मालिकों को कोरोना के साएं में ही काम करना होगा, ताकि उनकी आमदनी हो सके.

कोरोना महामारी के कारण करीब 6 महीने से होटल कारोबार बंद होने से इससे जुड़े लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. होटल बंद होने से आमदनी न होने के बावजूद भी कर्मचारियों को सैलरी और बिजली का बिल भरा है. वहीं, अब पर्यटकों के लिए प्रदेश की सीमा खुलने से होटल कारोबारियों को थोड़ी राहत तो जरूर मिलेगी.

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Last Updated : Sep 19, 2020, 1:18 PM IST
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