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142 वर्षों के बाद वाहनों के भार से मुक्त होगा ऐतिहासिक विक्टोरिया पुल, नये पुल के उद्घाटन के लिए सीएम का इंतजार

विक्टोरिया पुल के साथ से नया पुल बनकर तैयार हो गया है. पुल के उद्घाटन के लिए सीएम का इंतजार किया जा रहा है. इस पुल के बनने से शहर में दिनों दिन बढ़ती ट्रैफिक समस्या से निजात मिलेगी.

विक्टोरिया पुल के साथ नये पुल का निर्माण.
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Published : Nov 25, 2019, 3:12 PM IST

मंडी: जिला मंडी में142 वर्षों के लंबे इंतजार के बाद शहर का ऐतिहासिक विक्टोरिया पुल वाहनों के भार से मुक्त होने जा रहा है. विक्टोरिया पुल के साथ 25 करोड़ की लागत से नया पुल बनकर तैयार हो गया है. इस पुल के उद्घाटन के लिए सीएम का इंतजार किया जा रहा है.

राजाओं के राज और अंग्रेजी हकूमत में निर्माण कार्यों को कितनी निष्ठा के साथ किया जाता था. इसका जीता-जागता उदाहरण मंडी शहर की वो प्राचीन इमारतें हैं, जो आज भी उसी शान-ओ-शौकत के साथ खड़ी हैं जैसी अपने निर्माण के वक्त थी.

ऐतिहासिक विक्टोरिया पुल Historic Victoria Bridge.
वाहनों के भार से मुक्त होगा ऐतिहासिक विक्टोरिया पुल.

इन्हीं में से एक जिला में142 वर्ष पुराना विक्टोरिया पुल है, जो 1877 में मंडी रियासत के राजा विजय सेन ने इनाम में जीती कार को शहर तक पहुंचाने के लिए अंग्रेजी हकूमत से ब्यास नदी पर पुल का निर्माण करवाया था.
अंग्रेजों ने एक लाख की लागत से इंग्लैंड में बने विक्टोरिया पुल की तरह यहां पर भी पुल का निर्माण किया और इसे भी विक्टोरिया पुल का ही नाम दिया गया था. इस पुल को केसरी के नाम से भी जाना जाता है. यह पुल 1877 में बना था और 142 साल का हो चुका है. उस वक्त भ्यूली में पुल नहीं था और पठानकोट से कुल्लू-मनाली के लिए सभी प्रकार के छोटे-बड़े वाहन इसी पुल से होकर गुजरते थे.

वीडियो.

वहीं, बाद में जब भ्यूली में पुल बना तो इस पुल से बड़े वाहनों की आवाजाही बंद कर दी गई और शहर के लिए जाने वाले छोटे वाहनों को पुल से जाने की अनुमति दे दी गई लेकिन,142 वर्षों तक सभी प्रकार के वाहनों का भार ढोने के बाद विक्टोरिया पुल को वाहनों के भार से मुक्ति मिलने जा रही है.

ऐतिहासिक विक्टोरिया पुल Historic Victoria Bridge.
नये पुल के उद्घाटन के लिए सीएम.

पूर्व मंत्री और सदर विधायक अनिल शर्मा ने जब विक्टोरिया पुल के साथ नए पुल की जरूरत को महसूस किया. उस वक्त उन्होंने नए पुल के निर्माण को विधायक प्राथमिकता में शामिल किया. वर्ष 2015 में तत्कालीन सीएम वीरभद्र सिंह से इसका शिलान्यास और 18 करोड़ के बजट का प्रावधान भी करवाया. इस पुल के पूरे निर्माण कार्य पर अभी तक 25 करोड़ रुपये की राशि खर्च हो चुकी है. पुल के बनने से पुरानी मंडी, खलियार और शहर के लोगों को भी बेहतर सुविधा मिल पाएगी.

वहीं, लोक निर्माण विभाग ने पुल के उद्घाटन के लिए सीएम जयराम ठाकुर से समय मांगा है. जानकारी के अनुसार दिसंबर महीने के अंतिम सप्ताह या नए साल के पहले सप्ताह में सीएम मंडी आकर पुल का विधिवत रूप से उदघाटन करेंगे.

ये भी पढ़ें: किन्नौर में नशे के खिलाफ क्रिकेट प्रतियोगिता का आयोजन, कंपकपाती ठंड में जमकर लगे चौके-छक्के

लोक निर्माण विभाग डिविजन नंबर 2 के अधिशाषी अभियंता केके शर्मा ने बताया कि पुल बनकर पूरी तरह से तैयार हो गया है. उन्होंने बताया कि नए पुल से वाहनों की आवाजाही शुरू होने के बाद ऐतिहासिक विक्टोरिया पुल को यातायात के लिए पूरी तरह से बंद कर दिया जाएगा. इस पुल को सिर्फ पैदल चलने वालों के लिए रखा जाएगा और समय-समय पर इसकी मरम्मत और देखरेख का कार्य किया जाएगा.

एक तरफ जहां नया पुल विक्टोरिया पुल को वाहनों के भार से मुक्ति दिलाएगा. वहीं, यह दिनों दिन बढ़ती ट्रैफिक समस्या से निजात दिलाने में भी अहम कड़ी साबित होगा. इस पुल के बनने से शहर के बाईपास के निर्माण की संभावनाएं भी प्रबल होने जा रही हैं.

मंडी: जिला मंडी में142 वर्षों के लंबे इंतजार के बाद शहर का ऐतिहासिक विक्टोरिया पुल वाहनों के भार से मुक्त होने जा रहा है. विक्टोरिया पुल के साथ 25 करोड़ की लागत से नया पुल बनकर तैयार हो गया है. इस पुल के उद्घाटन के लिए सीएम का इंतजार किया जा रहा है.

राजाओं के राज और अंग्रेजी हकूमत में निर्माण कार्यों को कितनी निष्ठा के साथ किया जाता था. इसका जीता-जागता उदाहरण मंडी शहर की वो प्राचीन इमारतें हैं, जो आज भी उसी शान-ओ-शौकत के साथ खड़ी हैं जैसी अपने निर्माण के वक्त थी.

ऐतिहासिक विक्टोरिया पुल Historic Victoria Bridge.
वाहनों के भार से मुक्त होगा ऐतिहासिक विक्टोरिया पुल.

इन्हीं में से एक जिला में142 वर्ष पुराना विक्टोरिया पुल है, जो 1877 में मंडी रियासत के राजा विजय सेन ने इनाम में जीती कार को शहर तक पहुंचाने के लिए अंग्रेजी हकूमत से ब्यास नदी पर पुल का निर्माण करवाया था.
अंग्रेजों ने एक लाख की लागत से इंग्लैंड में बने विक्टोरिया पुल की तरह यहां पर भी पुल का निर्माण किया और इसे भी विक्टोरिया पुल का ही नाम दिया गया था. इस पुल को केसरी के नाम से भी जाना जाता है. यह पुल 1877 में बना था और 142 साल का हो चुका है. उस वक्त भ्यूली में पुल नहीं था और पठानकोट से कुल्लू-मनाली के लिए सभी प्रकार के छोटे-बड़े वाहन इसी पुल से होकर गुजरते थे.

वीडियो.

वहीं, बाद में जब भ्यूली में पुल बना तो इस पुल से बड़े वाहनों की आवाजाही बंद कर दी गई और शहर के लिए जाने वाले छोटे वाहनों को पुल से जाने की अनुमति दे दी गई लेकिन,142 वर्षों तक सभी प्रकार के वाहनों का भार ढोने के बाद विक्टोरिया पुल को वाहनों के भार से मुक्ति मिलने जा रही है.

ऐतिहासिक विक्टोरिया पुल Historic Victoria Bridge.
नये पुल के उद्घाटन के लिए सीएम.

पूर्व मंत्री और सदर विधायक अनिल शर्मा ने जब विक्टोरिया पुल के साथ नए पुल की जरूरत को महसूस किया. उस वक्त उन्होंने नए पुल के निर्माण को विधायक प्राथमिकता में शामिल किया. वर्ष 2015 में तत्कालीन सीएम वीरभद्र सिंह से इसका शिलान्यास और 18 करोड़ के बजट का प्रावधान भी करवाया. इस पुल के पूरे निर्माण कार्य पर अभी तक 25 करोड़ रुपये की राशि खर्च हो चुकी है. पुल के बनने से पुरानी मंडी, खलियार और शहर के लोगों को भी बेहतर सुविधा मिल पाएगी.

वहीं, लोक निर्माण विभाग ने पुल के उद्घाटन के लिए सीएम जयराम ठाकुर से समय मांगा है. जानकारी के अनुसार दिसंबर महीने के अंतिम सप्ताह या नए साल के पहले सप्ताह में सीएम मंडी आकर पुल का विधिवत रूप से उदघाटन करेंगे.

ये भी पढ़ें: किन्नौर में नशे के खिलाफ क्रिकेट प्रतियोगिता का आयोजन, कंपकपाती ठंड में जमकर लगे चौके-छक्के

लोक निर्माण विभाग डिविजन नंबर 2 के अधिशाषी अभियंता केके शर्मा ने बताया कि पुल बनकर पूरी तरह से तैयार हो गया है. उन्होंने बताया कि नए पुल से वाहनों की आवाजाही शुरू होने के बाद ऐतिहासिक विक्टोरिया पुल को यातायात के लिए पूरी तरह से बंद कर दिया जाएगा. इस पुल को सिर्फ पैदल चलने वालों के लिए रखा जाएगा और समय-समय पर इसकी मरम्मत और देखरेख का कार्य किया जाएगा.

एक तरफ जहां नया पुल विक्टोरिया पुल को वाहनों के भार से मुक्ति दिलाएगा. वहीं, यह दिनों दिन बढ़ती ट्रैफिक समस्या से निजात दिलाने में भी अहम कड़ी साबित होगा. इस पुल के बनने से शहर के बाईपास के निर्माण की संभावनाएं भी प्रबल होने जा रही हैं.

Intro:मंडी। 142 वर्षों के लंबे इंतजार के बाद मंडी शहर का ऐतिहासिक विक्टोरिया पुल वाहनों के भार से मुक्त होने जा रहा है। विक्टोरिया पुल के साथ 25 करोड़ की लागत से नया पुल बनकर तैयार हो गया है। इस पुल के उदघाटन के लिए सीएम का इंतजार किया जा रहा है। Body:राजाओं के राज और अंग्रेजी हकूमत में निर्माण कार्यों को कितनी निष्ठा के साथ किया जाता था, इसका जीता जागता उदाहरण मंडी शहर की वो प्राचीन इमारतें हैं जो आज भी उसी शान-ओ-शौकत के साथ खड़ी हैं जैसी अपने निर्माण के वक्त थी। इन्हीं में से एक है 142 वर्ष पुराना विक्टोरिया पुल। 1877 में मंडी रियासत के तत्कालीन राजा विजय सेन ने ईनाम में जीती कार को शहर तक पहुंचाने के लिए अंग्रेजी हकूमत से ब्यास नदी पर पुल का निर्माण करवाया था। अंग्रेजों ने एक लाख की लागत में ईंग्लैंड में बने विक्टोरिया पुल की तरह यहां पर भी पुल का निर्माण किया और इसे भी विक्टोरिया पुल का ही नाम दिया गया। हालांकि इसे ’’पुल केसरी’’ के नाम से भी जाना जाता है। 1877 में बना यह पुल आज 142 साल का हो चुका है। जब भ्यूली में पुल नहीं था जो पठानकोट से कुल्लू-मनाली के लिए जाने वाले सभी प्रकार के छोटे-बड़े वाहन इसी पुल से होकर जाते थे। बाद में भ्यूली पुल बना तो यहां से बड़े वाहनों की आवाजाही बंद कर दी गई और शहर के लिए जाने वाले छोटे वाहनों को यहां से जाने की अनुमति दी गई। 142 वर्षों तक सभी प्रकार के वाहनों का भार ढोने के बाद अब इस पुल को वाहनों के भार से मुक्ति मिलने जा रही है।
पूर्व मंत्री और सदर के विधायक अनिल शर्मा ने जब विक्टोरिया पुल के साथ नए पुल की जरूरत को महसूस किया तो उन्होंने नए पुल के निर्माण को विधायक प्राथमिकता में शामिल किया। वर्ष 2015 में उन्होंने तत्कालीन सीएम वीरभद्र सिंह इसका शिलान्यास और 18 करोड़ के बजट का प्रावधान भी करवाया। नवंबर 2016 में पुल का निर्माण कार्य शुरू हुआ और तीन वर्षों के बाद नया पुल बनकर तैयार हो गया है। पुल का निर्माण सुंदरनगर के क्लास वन कांट्रेक्टर अजय शर्मा ने किया है। अब तक इस पुल के सारे निर्माण पर 25 करोड़ की राशि खर्च हो चुकी है। विधायक अनिल शर्मा ने पुल बनने पर प्रसन्नता जताई और इसे शहर वासियों के लिए एक बड़ी सौगात बताया है। उन्होंने कहा कि पुल के बनने से पुरानी मंडी और खलियार सहित शहर के लोगों को भी बेहतर सुविधा मिल पाएगी।

बाइट - अनिल शर्मा, सदर विधायक

वहीं लोक निर्माण विभाग ने पुल के उदघाटन के लिए सीएम जयराम ठाकुर से समय मांगा है। बताया जा रहा है कि इस महीने के अंतिम सप्ताह या अगले महीने के पहले सप्ताह में सीएम मंडी आकर इस पुल का विधिवत रूप से उदघाटन कर देंगे। लोक निर्माण विभाग डिविजन नंबर 2 के अधिशाषी अभियंता केके शर्मा ने बताया कि पुल बनकर पूरी तरह से तैयार हो गया है। उन्होंने बताया कि नए पुल से वाहनों की आवाजाही शुरू होने के बाद ऐतिहासिक विक्टोरिया पुल को यातायात के लिए पूरी तरह से बंद कर दिया जाएगा। इस पुल को सिर्फ पैदल चलने वालों के लिए रखा जाएगा और समय-समय पर इसकी उचित मुरम्मत और देखरेख भी की जाएगी।

बाइट - केके शर्मा, अधिशाषी अभियंता, लोनिवि डिविजन नंबर 2Conclusion:एक तरफ जहां नया पुल विक्टोरिया पुल को वाहनों के भार से मुक्ति दिलाएगा वहीं यह दिनों दिन बढ़ती ट्रेफिक समस्या से निजात दिलाने में भी अहम कड़ी साबित होगा। क्योंकि इस पुल के बन जाने के बाद अब शहर के बाईपास के निर्माण की संभावनाएं भी प्रवल होने जा रही हैं।
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