मंडी: अखिल भारतीय किसान सभा के आह्वान पर मंडी सेरी मंच पर किसान सभा द्वारा दिल्ली में चल रहे, किसानों के आंदोलन के समर्थन में धरना प्रदर्शन किया गया. हिमाचल किसान सभा का कहना है कि पहले ही किसान कृषि संकट के चलते आत्महत्या कर रहा है और केंद्र सरकार और कॉरपोरेट परस्त नीतियों को आगे बढ़ा रही है. पहले ही समर्थन मूल्य के ऊपर अनाज की कीमत नहीं दी जा रही है ऊपर से मंडियों को खत्म करके अनाज की खरीद बड़े कॉर्पोरेट और व्यापारियों के हवाले इन कानूनों के तहत किया जाएगा.
क्या कहते हैं हिमाचल किसान सभा उपाध्यक्ष?
हिमाचल किसान सभा उपाध्यक्ष परसराम ने कहा कि किसान किसी भी हाल में तीनों कानूनों का निरस्तीकरण चाहते हैं और इसको लेकर सरकार के साथ कोई भी समझौता नहीं किया जाएगा. वहीं, साथ ही इलेक्ट्रिसिटी बिल 2020 को वापस लेने की मांग कर रही है. उन्होंने कहा कि यह बिल किसानों को बिजली में मिलने वाली सब्सिडी को भी खत्म कर देगा और बिजली वितरण का कार्य निजी क्षेत्र को दे दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि आज पूरे भारतवर्ष में किसानों मजदूरों, नौजवानों, छात्रों और महिला संगठनों ने किसानों के समर्थन में धरना प्रदर्शन करने का फैसला लिया है और यह धरना प्रदर्शन आज पूरे भारतवर्ष में हो रहे हैं.
इलेक्ट्रिसिटी बिल 2020 वापस लेने की मांग
आपको बता दें कि दिल्ली बॉर्डर किसान 3 किसान विरोधी कानूनों के खिलाफ पिछले 8 दिन से संघर्षरत हैं. मंडी जिला में भी हिमाचल किसान सभा तीनों किसान विरोधी कानूनों को निरस्त करने की मांग पर जोरो से की जा रही है. साथ ही हिमाचल किसान सभा द्वारा इलेक्ट्रिसिटी बिल 2020 को वापस लेने की मांग कर रही है.
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