मंडी: कोरोना काल में हर वर्ग पर बुरा असर पड़ा है. लोगों के काम धंधे चौपट हो गए. हिमाचल में प्रदेश में फ्लोरीकल्चर से जुड़े हुए लोग फूलों का कारोबार कर अपना जीवन यापन करते थे. हजारों परिवार फ्लोरीकल्चर से जुड़े हुए थे. दिल्ली, यूपी, चंडीगढ़ समेत प्रदेश के भीतर भी इन फूलों की भारी डिमांड रहती थी, लेकिन कोरोनाकाल के चलते करोड़ों में होने वाला ये कोराबार औंधे मुंह गिर गया.
लॉकडाउन के चलते फूल कारोबारियों को भारी नुकसान हुआ. किसानों को अपने तैयार किए गए फूल पशुओं को खिलाने पड़े. नुकसान की भरपाई के लिए सरकार से गुहार लगाई थी. प्रदेश सरकार ने फूल उत्पादकों की समस्या को समझते हुए मंडी में सैकड़ों फूल उत्पादकों को लाखों रुपये की सहायता उपलब्ध करवाई है.
224 फूल उत्पादकों को दी आर्थिक मदद
बागवानी विभाग मंडी के उपनिदेशक डॉ. सुशील अवस्थी बताया कि प्रदेश सरकार ने इस ओर विशेष ध्यान है कि कोरोना काल में बागवानों और फूल उत्पादकों को किसी प्रकार का आर्थिक नुकसान न उठाना पड़े इस उद्देश्य से इन्हें आर्थिक सहायता दी गई है. प्रदेश सरकार ने बागवानी विभाग के माध्यम से बीते साल जिला के 224 फूल उत्पादकों को 87 लाख 75 हजार रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की है.
एंटी हेलनेट के लिए करोड़ों की अनुदान राशि
सेब के साथ गुठलीदार फल जैसे आम, लीची इत्यादि का भी उत्पादन किया जाता है. हर वर्ष ओलावृष्टि के कारण बागवानों को काफी नुकसान उठाना पड़ता है. इसे देखते हुए प्रदेश सरकार ने जिले के 584 बागवानों को ओला अवरोधक जाली लगाने के लिए 5 करोड़ 94 लाख रुपये अनुदान राशि के उपलब्ध करवाएं हैं.