मंडी: मंडी सदर सीट पर भाजपा के प्रत्याशी अनिल शर्मा ने अपना वोट डाल दिया है. अनिल शर्मा अपने पूरे परिवार के साथ सम्खेतर मतदान केंद्र पहुंचे और वोट डाला. वोट डालने के बाद अनिल शर्मा ने जनता से भी मतदान करने की अपील की. उन्होंने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि जनता उन्हें जिताएगी और प्रदेश में फिर भाजपा की सरकार बनेगी. वहीं, इस दौरान उन्होंने अपने पिता स्वर्गीय पंडित सुखराम को भी याद किया. (Anil Sharma cast his vote)
बता दें कि मंडी सदर सीट हिमाचल की महत्वपूर्ण सीटों में से एक है. इस बार मुकाबला भाजपा के अनिल शर्मा और कांग्रेस की चंपा ठाकुर के बीच है. खैर इन दोनों में से कौन बाजी मारेगा इसका फैसला जनता अपना वोट देकर करेगी. मंडी सीट के लिए वोटिंग शुरू हो गई है.
अनिल शर्मा और चंपा ठाकुर आमने- सामने: सदियों से इस सीट पर स्वर्गीय पंडित सुखराम के परिवार का राज ही चल रहा है. 2017 के चुनावों में भी उनके पुत्र अनिल शर्मा ही भाजपा के टिकट पर यहां जीते थे. इस बार भी भाजपा ने अनिल शर्मा पर ही भरोसा जताया है. वहीं, कांग्रेस ने मंडी सदर सीट से पूर्व मंत्री एवं कांग्रेस के दिग्गज नेता कौल सिंह ठाकुर की बेटी चंपा ठाकुर को टिकट दिया है. दोनों के बीच मुकाबला काफी दिलचस्प होगा. (Himachal Election 2022) (Voting in Mandi seat)
चंपा ठाकुर पिछले चुनाव में हरा चुके हैं अनिल शर्मा: अनिल शर्मा का लंबा राजनीतिक अनुभव रहा है. साल 2007 से अनिल शर्मा को इस सीट से जीत मिलती रही है. हालांकि, 2007 और 2012 में अनिल शर्मा कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़कर विधायक बने, जबकि पिछले चुनाव में उन्होंने बीजेपी से चुनाव लड़ा और चंपा ठाकुर को हराकर जीत दर्ज की. वहीं, चंपा ठाकुर हिमाचल प्रदेश के बड़े राजनीतिक चेहरों में से एक हैं. वह चार बार लगातार जिला परिषद का चुनाव जीत चुकी हैं.
मंडी सदर में मुकाबला टक्कर का: मंडी सीट पर अनिल शर्मा की अच्छी पकड़ है. कांग्रेस हो या भाजपा वह इस सीट को पाने में हर बार कामयाब हुए हैं. पिछले चुनावों में भी अनिल शर्मा चंपा ठाकुर हो हरा चुके हैं. ऐसे में इस सीट पर मुकाबला काफी दिलचस्प होगा. दोनों नेताओं के सामने चुनौतियां भी कई हैं.
आजाद प्रत्याशी प्रवीण शर्मा बढ़ाएंगे मुश्किलें: मंडी सदर में 40% वोट ब्राह्मणों के हैं तो 30% वोट राजपूतों के हैं. ऐसे में अनिल शर्मा ब्राह्मणों के वोट पाने के लिए पूरी कोशिश करेंगे. वहीं, चंपा ठाकुर के लिए ब्राह्मणों के वोट खींचना काफी चुनौती पूर्ण हो सकता है. इसके अलावा भाजपा ने प्रवीण शर्मा को टिकट नहीं दिया है जिसके बाद उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान किया है जो कि अनिल शर्मा और चंपा ठाकुर के लिए मुश्किलें बढ़ा सकता है.