मंडी: प्याज की बढ़ती कीमतों को देखते हुए प्रदेश सरकार ने सरकारी डिपुओं में प्याज उपलब्ध करवा दिया है, लेकिन अभी भी प्याज बाजार में महंगे दाम पर मिल रहा है. जिस वजह से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. प्याज की खरीद को लेकर मंडी जिला के विभिन्न सरकारी डिपुओं में पड़ताल की गई तो पाया गया कि इस महंगे प्याज को खरीदने के लिए लोग तैयार नहीं है.
हैरानी की बात यह है कि लगभग 140 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बिकने वाले प्याज की कीमत बाजार में अब 40 से लेकर 50 रुपये हो चुकी है. बता दें कि जयराम सरकार ने जनता को सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत सस्ते दामों पर प्याज उपलब्ध करवाने का वादा किया था. अब प्रदेशभर में राशन की उचित मूल्यों की दुकानों पर प्याज पहुंच भी गया है, लेकिन प्याज खरीदने की इस जद्दोजहद का खामियाजा सीधे तौर पर उपभोक्ताओं को झेलना पड़ रहा है.
स्थानीय लोगों का कहना है कि हाल ही में 27 दिसंबर को प्रदेश सरकार ने अपने 2 वर्ष का कार्यकाल पूरा करने पर सरकारी डिपुओं में सस्ता प्याज उपलब्ध करवाने की घोषणा की थी, लेकिन प्याज जनवरी में डिपो में पहुंचा है और 65 प्रति किलो के हिसाब से मिल रहा है.
उन्होंने कहा कि बाजार में यही प्याज 40 से 45 रुपये प्रति किलो मिल रहा है. उन्होंने कहा कि वे सरकार की नीतियों से बहुत हैरान है और सरकार द्वारा जनता के साथ मजाक किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार के इस तरह के भद्दे मजाक से सरकार का ग्राफ नीचे गिरता जा रहा है.
वहीं, राज्य नागरिक आपूर्ति निगम मंडी के क्षेत्रीय प्रबंधक खीमीराम ने कहा कि मंडी में 276 क्विंटल प्याज राशन डिपुओं में उपलब्ध करवा दिया गया था. इसमें से 209 क्विंटल प्याज उपभोक्ताओं को बेचा जा चुका है. खीमाराम ने कहा कि सरकारी डिपुओं में प्याज उपलब्ध होने के समय इसके रेट बाजार में अधिक थे, लेकिन हाल ही में बजार में प्याज के रेट कम हो गए हैं.
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