मंडी: हिमाचल प्रदेश में इस बार बरसात ने जमकर तबाही मचाई है. प्रदेश में इन्फ्रास्ट्रक्चर को भारी नुकसान पहुंचने के साथ ही फसलों को भी खासा नुकसान पहुंचा है. भारी बारिश के चलते प्रदेश में नकदी फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो गई. जिससे किसानों को लाखों-करोड़ों रुपयों का नुकसान झेलना पड़ा, लेकिन वहीं, ये बारिश इस बार धान की फसल के लिए वरदान साबित हुई. इस बारिश से जहां प्रदेशभर में लोगों को करोड़ों रूपये की नकदी फसलों का नुकसान हुआ है. वहीं, ये बारिश धान की फसल के लिए काफी फायदेमंद रही है.
धान की फसल में 5% बढ़ोतरी: बरसात के सीजन में मंडी जिले में भी बारिश से भारी तबाही मची है. ये बारिश जिले में सैकड़ों लोगों को गहरे जख्म दे गई है. जिले में भारी बारिश के चलते सारी नकदी फसल बर्बाद हो चुकी है, लेकिन धान की फसल का काफी उत्पादन हुआ है. इस बारिश का धान की पैदावार में फायदा देखने को मिल रहा है. हालांकि मंडी जिले में धान की खेती उतने बड़े स्तर पर नहीं की जाती है, लेकिन इस बार अभी तक जो पैदावार हुई है उसमें पिछले साल के मुकाबले बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है. हालांकि यह बढ़ोतरी मात्र 5 प्रतिशत की ही है.
34650 मीट्रिक टन धान का उत्पादन: जिला कृषि अधिकारी नवीन खोसला ने बताया कि इस साल मंडी जिले में 18870 हेक्टेयर भूमि पर धान की खेती की गई थी. जिसमें से अभी तक 18490 हेक्टेयर भूमि पर धान की फसल की कटाई की जा चुकी है. जबकि द्रंग और गोहर ब्लाक में 380 हेक्टेयर भूमि पर धान की कटाई का की जाना अभी बाकी है. इस साल अभी तक अनुमानित 34650 मीट्रिक टन का उत्पादन दर्ज किया गया है. जबकि पिछले साल 33020 मीट्रिक टन का उत्पादन हुआ था. पिछले साल के मुकाबले अभी तक 5 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है.
धान की कटाई में जुटे किसान: वहीं, मंडी जिले के किसान इन दिनों अपने खेतों में धान की कटाई कर रहे हैं. बल्ह घाटी की सोयरा पंचायत की किसान ब्यासा देवी और संगीता देवी ने बताया कि भारी बारिश के कारण उनकी नकदी फसलें तो पूरी तरह से तबाह हो गई हैं, लेकिन धान की फसल इस बार पिछले साल की तुलना में अच्छी हुई है. जिससे उन्हें थोड़ा सा ही सही, लेकिन फायदा हुआ है.
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