मंडी: आईआरडीपी में न लेने पर दिव्यांग भड़क गए हैं. दिव्यांगों ने पंचायत सचिवों पर मनमानी का आरोप लगाया है. इनका कहना है कि डीसी के स्पष्ट आदेशों के बावजूद 70 प्रतिशत दिव्यांगों को आईआरडीपी में नहीं लिया जा रहा है.
बता दें कि हिमालयन दिव्यांग कल्याण संस्था की बैठक में ये मुद्दा खूब गूंजा. बैठक में दिव्यांगों को पेश आ रही समस्याओं को लेकर प्रस्ताव भी पारित किए गए. बैठक में आरोप लगाया कि पंचायत सचिव मनमानी कर रहे हैं.
मालयन दिव्यांग कल्याण संस्था की प्रधान हेमलता पठानिया ने बताया कि डीसी मंडी ने आदेश दिए हैं कि एकल नारी, तलाकशुदा, विधवा, कैंसर पीड़ित व 70 प्रतिशत दिव्यांग को आईआरडीपी में लिया जाए. इसके बावजूद दिव्यांगों को आईआरडीपी में नहीं लिया जा रहा है और इनसे इनकम प्रमाण पत्र मांगा जा रहा है.
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उन्होंने आरोप लगाया है कि पंचायत सचिव मनमानी कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि इनकम क्राइटेरिया खत्म किया जाए. पठानिया ने कहा कि एचआरटीसी बसों में दिव्यांगों के लिए आरक्षित सीटों को अब खत्म करने की सूचना मिली हैइस निर्णय से दिव्यांगों को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि दो व तीन नंबर सीट दिव्यांगों के लिए ही आरक्षित होनी चाहिए ताकि दिव्यांग आराम से सफर कर सकें.
बता दें कि आईआरडीपी के चयन के लिए 70 फीसदी दिव्यांगों को प्राथमिकता के चयन के आदेश डीसी मंडी ने दिए हैं, लेकिन धरातल स्तर पर अन्य औपचारिकताएं भी इन आदेशों में बाधा बन रही हैं. जिससे दिव्यांगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है और उनका चयन बीपीएल में नहीं हो पा रहा है.