मंडी: ग्रामीण संघर्ष समिति के साथ 13 पंचायत प्रतिनिधियों ने मंडी शहर में शांतिपूर्ण तरीके से रैली निकालकर उन्हें प्रस्तावित नगर निगम में शामिल करने का विरोध किया. ग्रामीण संघर्ष समिति ने प्रस्तावित नगर निगम मंडी में उन्हें शामिल किए जाने के विरोध में डीसी मंडी के माध्यम से सचिव शहरी विकास को ज्ञापन प्रेषित किया. ग्रामीण संघर्ष समिति के बैनर तले सभी प्रभावित पंचायतों के प्रतिनिधियों और ग्रामीणों ने सरकार से मांग की है कि उन्हें नगर निगम में शामिल न किया जाए.
सभी प्रभावित पंचायतों व गांवों के प्रधान, वार्ड मेंबर, महिला मंडल के पदाधिकारी, स्वयं सहायता समूहों व युवक मंडलों के पदाधिकारियों ने ग्रामीण संघर्ष समिति के सदस्यों के साथ मिलकर प्रस्तावित नगर निगम मंडी में शामिल होने का विरोध जताया. ग्रामीण पंचायती राज व्यवस्था को छोड़ कर इस प्रस्तावित नगरीय व्यवस्था में शामिल नहीं होना चाहते हैं.
ग्रामीण संघर्ष समिति के प्रधान रवि सिंह चंदेल का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा के तहत कई ग्रामीणों को रोजगार मिला है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रो को नगर निगम में शामिल करने से ग्रामीणों का यह रोजगार भी छीन जाएगा. उन्होंने सरकार से मांग की है कि उन्हें ग्रामीण क्षेत्रों में ही रहने दिया जाए. ग्रामीण क्षेत्रों को नगर निगम में शामिल करने से ग्रामीणों को मिलने वाली कई मूलभूत सुविधाओं से वंचित होना पड़ेगा.
ग्रामीण संघर्ष समिति के सदस्यों और प्रभावित पंचायतों के प्रतिनिधियों व ग्रामीणों ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन करके नगर निगम में शामिल होने का विरोध जताया. साथ ही सरकार से अपील की है कि उन्हें ग्रामीण क्षेत्रों में ही रहने दिया जाए.
वहीं, इस मौके पर 13 पंचायतों के प्रतिनिधियों ने कहा कि यदि सरकार उनकी मांग को पूरा नहीं करती है, तो आने वाले समय में ग्रामीण संघर्ष समिति सड़कों पर उतर कर और उग्र आंदोलन करेगी. शांतिपूर्ण तरीके से निकाली गई इस रोष रैली के दौरान ग्रामीण संघर्ष समिति ने अपने पक्ष को मजबूती के साथ जनता हित में प्रशासन के समक्ष रखा.
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