ETV Bharat / state

प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों को 'तोहफा', अन्नदाताओं को बांटे जा रहे हैं मुफ्त में बीज

author img

By

Published : Dec 17, 2019, 3:02 PM IST

करसोग उपमंडल के तहत किसानों को प्राकृतिक खेती की तकनीक को अपनाने के लिए मुफ्त में बीज बांटे जा रहे हैं, ताकि किसान सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती की तकनीक से खुद ही बीज तैयार कर सके .

goverment givefree seeds in karsog
सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती तकनीक

मंडीः जिला मंडी के करसोग में सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती तकनीक को सरकार के द्वारा गांव-गांव में पहुंचाने की नहीं पहल शुरू की हैं. करसोग उपमंडल के तहत किसानों को प्राकृतिक खेती की तकनीक को अपनाने के लिए मुफ्त में बीज बांटे जा रहे हैं, ताकि किसान सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती की तकनीक से खुद ही बीज तैयार कर सकें.

इससे भविष्य में किसानों को बाजार से बीज खरीदने में अपने पैसे खर्च नहीं करने पड़ेंगे. बता दें कि करसोग की विभिन्न पंचायतों में कृषि विभाग के अधिकारी खुद खेतों में काम करके किसानों को प्रशिक्षण दे रहे हैं. अब तक करसोग की कई पंचायतें इस तरह के ट्रेनिंग कार्यक्रम आयोजित कर चुकी हैं. वहीं, जो भी किसान इस तकनीक को अपना रहे हैं, उन्हें मुफ्त में बीज दिए जा रहे हैं.

वीडियो रिपोर्ट

रबी सीजन में मटर सहित बांटे जा रहे कई बीज
बता दें कि करसोग में इस बार समय पर अच्छी बारिश होने से किसानों को रबी सीजन में मटर सहित कई तरह के बीज मुफ्त बांटे जा रहे हैं. इसमें रबी सीजन में ली जाने वाली उपज जैसे गेहूं, धनिया, पालक, गाजर, मूली व आलू आदि के बीज क्षेत्र की पैदावार के हिसाब से बांटे जा रहे हैं. किसानों ने सुभाष पालेकर प्राकृतिक तकनीक से गेहूं की बिजाई भी कर दी है.

सरकार का मकसद करसोग में अधिक से अधिक कृषि योग्य भूमि को प्राकृतिक खेती के तहत लाना है. ताकि किसान जहर वाली रासायनिक खेती को छोड़ कर कम लागत वाली प्राकृतिक खेती को अपना सकें. इससे किसानों को जहर वाले अनाज से छुटकारा मिलने के साथ शून्य लागत में अधिक उपज होने से आर्थिक तौर पर भी ज्यादा फायदा होगा .

कृषि विभाग करसोग के विशेषज्ञ (एसएमएस) रामकृष्ण चौहान का कहना है, कि किसान सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती की तकनीक से उपज लेकर खुद बीज तैयार कर सकें. इसके लिए किसानों को मुफ्त बीज बांटे भी जा रहे हैं.

ये भी पढ़ें ः सेब की फसल के लिए वरदान बनकर आई बर्फबारी, बागवानों और किसानों के खिले चेहरे

मंडीः जिला मंडी के करसोग में सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती तकनीक को सरकार के द्वारा गांव-गांव में पहुंचाने की नहीं पहल शुरू की हैं. करसोग उपमंडल के तहत किसानों को प्राकृतिक खेती की तकनीक को अपनाने के लिए मुफ्त में बीज बांटे जा रहे हैं, ताकि किसान सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती की तकनीक से खुद ही बीज तैयार कर सकें.

इससे भविष्य में किसानों को बाजार से बीज खरीदने में अपने पैसे खर्च नहीं करने पड़ेंगे. बता दें कि करसोग की विभिन्न पंचायतों में कृषि विभाग के अधिकारी खुद खेतों में काम करके किसानों को प्रशिक्षण दे रहे हैं. अब तक करसोग की कई पंचायतें इस तरह के ट्रेनिंग कार्यक्रम आयोजित कर चुकी हैं. वहीं, जो भी किसान इस तकनीक को अपना रहे हैं, उन्हें मुफ्त में बीज दिए जा रहे हैं.

वीडियो रिपोर्ट

रबी सीजन में मटर सहित बांटे जा रहे कई बीज
बता दें कि करसोग में इस बार समय पर अच्छी बारिश होने से किसानों को रबी सीजन में मटर सहित कई तरह के बीज मुफ्त बांटे जा रहे हैं. इसमें रबी सीजन में ली जाने वाली उपज जैसे गेहूं, धनिया, पालक, गाजर, मूली व आलू आदि के बीज क्षेत्र की पैदावार के हिसाब से बांटे जा रहे हैं. किसानों ने सुभाष पालेकर प्राकृतिक तकनीक से गेहूं की बिजाई भी कर दी है.

सरकार का मकसद करसोग में अधिक से अधिक कृषि योग्य भूमि को प्राकृतिक खेती के तहत लाना है. ताकि किसान जहर वाली रासायनिक खेती को छोड़ कर कम लागत वाली प्राकृतिक खेती को अपना सकें. इससे किसानों को जहर वाले अनाज से छुटकारा मिलने के साथ शून्य लागत में अधिक उपज होने से आर्थिक तौर पर भी ज्यादा फायदा होगा .

कृषि विभाग करसोग के विशेषज्ञ (एसएमएस) रामकृष्ण चौहान का कहना है, कि किसान सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती की तकनीक से उपज लेकर खुद बीज तैयार कर सकें. इसके लिए किसानों को मुफ्त बीज बांटे भी जा रहे हैं.

ये भी पढ़ें ः सेब की फसल के लिए वरदान बनकर आई बर्फबारी, बागवानों और किसानों के खिले चेहरे

Intro:करसोग सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती तकनीक को गांव गांव तक पहुंचाने के लिए सरकार ने अब नई पहल की है। करसोग उपमंडल के तहत किसानों को प्राकृतिक खेती की तकनीक को अपनाने के लिए मुफ्त में बीज बांटे जा रहे हैं, ताकि किसान सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती की तकनीक से खुद ही बीज तैयार कर सके।Body:
इससे भविष्य में किसानों को बाजार से बीज खरीदने में अपने पैसे खर्च नहीं करने पड़ेंगे।इसी कड़ी में करसोग की विभिन्न पंचायतों में कृषि विभाग के अधिकारी खुद खेतों में काम करके किसानों को प्रशिक्षण दे रहे हैं। अब तक करसोग की कई पंचायतों में इस तरह के ट्रेनिंग कार्यक्रम आयोजित किए जा चुके हैं। यही नहीं जो भी किसान इस तकनीक को अपना रहे हैं, ऐसे सभी लोगों को मुफ्त में बीज भी बांटे जा रहे हैं।

रबी सीजन में मटर सहित बांटे जा रहे कई बीज:
करसोग में इस बार समय पर अच्छी बारिश होने से किसानों को रबी सीजन में मटर सहित कई तरह के बीज मुफ्त बांटे जा रहे है। इसमें रबी सीजन में ली जाने वाली उपज जैसे गेहूं, धनिया, पालक, गाजर, मूली व आलू आदि के बीज क्षेत्र में ली जाने वाली पैदावार के हिसाब से बांटे जा रहे हैं। किसानों ने सुभाष पालेकर प्राकृतिक तकनीक से गेहूं की बिजाई भी कर दी है। अब इन दिनों मटर सहित अन्य नकदी फसलों की बिजाई का कार्य चल रहा है। सरकार का मकसद करसोग में अधिक से अधिक कृषि योग्य भूमि को प्राकृतिक खेती के तहत लाना है। ताकि किसान जहर वाली रासायनिक खेती को छोड़ कर कम लागत वाली प्राकृतिक खेती को अपना सके। इससे किसानों को जहर वाले अनाज से छुटकारा मिलने के साथ शून्य लागत में अधिक उपज होने से आर्थिक तौर पर भी बहुत फायदा होगा।




Conclusion:कृषि विभाग करसोग के विषय वार्ता विशेषज्ञ ( एसएमएस) रामकृष्ण चौहान का कहना है कि किसान सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती की तकनीक से उपज लेकर खुद बीज तैयार कर सके, इसके लिए किसानों को मुफ्त बीज बांटे जा रहे है।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.