मंडीः जिला मंडी के करसोग में सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती तकनीक को सरकार के द्वारा गांव-गांव में पहुंचाने की नहीं पहल शुरू की हैं. करसोग उपमंडल के तहत किसानों को प्राकृतिक खेती की तकनीक को अपनाने के लिए मुफ्त में बीज बांटे जा रहे हैं, ताकि किसान सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती की तकनीक से खुद ही बीज तैयार कर सकें.
इससे भविष्य में किसानों को बाजार से बीज खरीदने में अपने पैसे खर्च नहीं करने पड़ेंगे. बता दें कि करसोग की विभिन्न पंचायतों में कृषि विभाग के अधिकारी खुद खेतों में काम करके किसानों को प्रशिक्षण दे रहे हैं. अब तक करसोग की कई पंचायतें इस तरह के ट्रेनिंग कार्यक्रम आयोजित कर चुकी हैं. वहीं, जो भी किसान इस तकनीक को अपना रहे हैं, उन्हें मुफ्त में बीज दिए जा रहे हैं.
रबी सीजन में मटर सहित बांटे जा रहे कई बीज
बता दें कि करसोग में इस बार समय पर अच्छी बारिश होने से किसानों को रबी सीजन में मटर सहित कई तरह के बीज मुफ्त बांटे जा रहे हैं. इसमें रबी सीजन में ली जाने वाली उपज जैसे गेहूं, धनिया, पालक, गाजर, मूली व आलू आदि के बीज क्षेत्र की पैदावार के हिसाब से बांटे जा रहे हैं. किसानों ने सुभाष पालेकर प्राकृतिक तकनीक से गेहूं की बिजाई भी कर दी है.
सरकार का मकसद करसोग में अधिक से अधिक कृषि योग्य भूमि को प्राकृतिक खेती के तहत लाना है. ताकि किसान जहर वाली रासायनिक खेती को छोड़ कर कम लागत वाली प्राकृतिक खेती को अपना सकें. इससे किसानों को जहर वाले अनाज से छुटकारा मिलने के साथ शून्य लागत में अधिक उपज होने से आर्थिक तौर पर भी ज्यादा फायदा होगा .
कृषि विभाग करसोग के विशेषज्ञ (एसएमएस) रामकृष्ण चौहान का कहना है, कि किसान सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती की तकनीक से उपज लेकर खुद बीज तैयार कर सकें. इसके लिए किसानों को मुफ्त बीज बांटे भी जा रहे हैं.
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