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यहां मकर संक्रांति पर पूर्वजों को लगाते हैं खिचड़ी का भोग, जानिए पूरी खबर - मंडी में मकर संक्रांति

जिला मंडी में मकर संक्रांति और लोहड़ी का त्योहार हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है. इस पर्व पर कमरुघाटी के लोग अपने पूर्वजों की पूजा करके उन्हें खिचड़ी का भोग लगाते हैं.

Festival of Makar Sankranti and Lohri in Mandi
मकर संक्रांति पर पूर्वजों को लगाते हैं खिचड़ी का भोग
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Published : Jan 14, 2020, 3:22 PM IST

मंडी: जिला मंडी के कमरुघाटी में मकर संक्रांति और लोहड़ी का त्यौहार अनोखे अंदाज में मनाया जाता है. घाटी के लोग इस दिन इकट्ठा होकर अपने पितरों (पूर्वजों ) की पूजा कर उन्हें खिचड़ी का भोग लगाते हैं.

बता दें कि अपने गांव में बावड़ी के स्थान पर घाटी के लोगों ने अपने पूर्वजों की पथरों में मूर्तियां बनाई होती है. जिन्हें बावड़ी के स्थान पर स्थापित किया जाता है. हर वर्ष लोहड़ी के पर्व पर मकर संक्रांति के अवसर पर अपने अपने घर में लोग खिचड़ी बनाते हैं और फिर हर घर से एक टोली थाली में खिचड़ी डालकर इन पूर्वजों को घी से नहाते हैं और इन्हें खुश करने के लिए खिचड़ी का भोग लगाते हैं.

वीडियो रिपोर्ट

ग्रामीणों ने बताया कि पूर्वजों को खिचड़ी से खुश करने की कमरुघाटी में वर्षों पुरानी परम्परा है. उन्होंने बताया कि हर वर्ष घाटी के लोग इस परंपरा को निभाते हैं. नाचन और सराजघाटी में मकर संक्रांति और लोहड़ी पर्व श्रद्धा और हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. वहीं, कमरुघाटी में लोग माघ माह में अपने रिश्तेदारों को अपने अपने घर खिचड़ी खाने के लिए बुलाते हैं.

ये भी पढ़ें: 'खिचड़ी' के बिना अधूरी है हिमाचल की लोहड़ी, मकर संक्रांति पर माश की दाल की खिचड़ी खाने का है रिवाज

मंडी: जिला मंडी के कमरुघाटी में मकर संक्रांति और लोहड़ी का त्यौहार अनोखे अंदाज में मनाया जाता है. घाटी के लोग इस दिन इकट्ठा होकर अपने पितरों (पूर्वजों ) की पूजा कर उन्हें खिचड़ी का भोग लगाते हैं.

बता दें कि अपने गांव में बावड़ी के स्थान पर घाटी के लोगों ने अपने पूर्वजों की पथरों में मूर्तियां बनाई होती है. जिन्हें बावड़ी के स्थान पर स्थापित किया जाता है. हर वर्ष लोहड़ी के पर्व पर मकर संक्रांति के अवसर पर अपने अपने घर में लोग खिचड़ी बनाते हैं और फिर हर घर से एक टोली थाली में खिचड़ी डालकर इन पूर्वजों को घी से नहाते हैं और इन्हें खुश करने के लिए खिचड़ी का भोग लगाते हैं.

वीडियो रिपोर्ट

ग्रामीणों ने बताया कि पूर्वजों को खिचड़ी से खुश करने की कमरुघाटी में वर्षों पुरानी परम्परा है. उन्होंने बताया कि हर वर्ष घाटी के लोग इस परंपरा को निभाते हैं. नाचन और सराजघाटी में मकर संक्रांति और लोहड़ी पर्व श्रद्धा और हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. वहीं, कमरुघाटी में लोग माघ माह में अपने रिश्तेदारों को अपने अपने घर खिचड़ी खाने के लिए बुलाते हैं.

ये भी पढ़ें: 'खिचड़ी' के बिना अधूरी है हिमाचल की लोहड़ी, मकर संक्रांति पर माश की दाल की खिचड़ी खाने का है रिवाज

Intro:मंडी। मकर सक्रांति और लोहड़ी का त्योहार मंडी ज़िला की कमरुघाटी में अनोखे अंदाज में मनाया जाता है। घाटी के लोग इस दिन अपने एकत्र होकर अपने औतरों पितरो (पूर्वजों ) की पूजा कर उन्हें खिचड़ी का भोग लगाते हैं। अपने गांव में बावड़ी के स्थान पर घाटी के लोगों ने अपने पूर्वजों की पथरों में मूर्तियां बनाई होती है। जिन्हें बावड़ी के स्थान पर स्थापित किया जाता है। Body:हर वर्ष लोहड़ी के पर्व पर मकर सक्रांति के अवसर पर अपने अपने घर में लोग खिचड़ी बनाते हैं और फिर हर घर से एक टोली थाली में खिचड़ी डालकर इन पूर्वजों को घी से नहाते हैं और इन्हें खुश करने के लिए खिचड़ी का भोग लगाते है। ग्रामीणों नंद लाल, शेर सिंह, दिनेश और जीतन ठाकुर ने बताया कि पूर्वजों को खिचड़ी से खुश करने की कमरुघाटी में वर्षों से परम्परा है। उन्होंने बताया कि हर वर्ष घाटी के लोग इस परंपरा को निभाते हैं। नाचन और सराजघाटी में मकर सक्रांति और लोहड़ी पर्व श्रद्धा और हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। लोगों ने एक दूसरे को लोहड़ी की बधाई दी। कमरुघाटी में लोग माघ माह में अपने रिश्तेदारों को अपने अपने घर खिचड़ी खाने के लिए बुलाते हैं।

बाइट : स्थानीय निवासी

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