करसोग: हिमाचल के करसोग में जल्द ही अब खाद का संकट दूर होने वाला है. केंद्र सरकार ने 5200 मीट्रिक टन खाद का आवंटन कर दिया है. ऐसे में अगले सप्ताह से किसानों को सोसाइटियों के माध्यम से 12:32:16 खाद मिलनी शुरू हो जाएगी. जिससे किसान अब समय पर बिजाई करने के साथ बगीचों में भी खाद डाल सकेंगे. (Fertilizer crisis will be solved in Karsog) (Fertilizer crisis in Karsog)
किसानों और बागवानों की चिंता होगी दूर: रबी सीजन में किसानों ने आलू, मटर सहित गेंहू आदि की बिजाई को खेत तैयार कर दिए हैं, इसके अतिरिक्त इन दिनों बगीचों में सेब की प्रूनिंग का कार्य भी चल रहा है. बर्फबारी और बारिश होने के बाद तौलिए बनाने का भी कार्य शुरू होगा. इस दौरान बागवानों को सेब के पौधों में डालने के लिए 12:32:16 खाद की आवश्यकता रहेगी. ऐसे में खाद का आवंटन होने से किसानों और बागवानों की चिंता दूर होने वाली है.
5 हजार बैग की जरूरत: करसोग में सेब और मटर बहुल क्षेत्रों में 12:32:16 खाद की अधिक आवश्यकता रहती है. इसके अतिरिक्त किसानों को आलू और गेहूं की बिजाई के वक्त भी 12:32:16 खाद की जरूरत पड़ती है. जिसको देखते हुए करसोग में इस समय 5 हजार बैग खाद की मांग है. हालाकि हिमफेड ने पहले एक माह पहले ही 4 हजार बैग की डिमांड भेज दी थी. कृषि विकासखंड के तहत 26 सोसाइटियों के माध्यम से खाद उपलब्ध करवाई जाती है.
10 करोड़ से अधिक का मटर कारोबार: करसोग के तहत अधिकतर क्षेत्रों में रबी सीजन में मटर और गेंहू प्रमुख फसलें हैं. हजारों किसान परिवारों की आजीविका इन्हीं दो प्रमुख फसलों पर निर्भर है. इसके अतिरिक्त रबी सीजन में बहुत से किसान आलू भी लगाते हैं. करसोग में अकेले 10 करोड़ से अधिक मटर का कारोबार रहता है. हिमफेड के अध्यक्ष गणेश दत्त का कहना है कि केंद्र सरकार ने 5200 मीट्रिक टन खाद का आवंटन कर दिया है. अब एक सप्ताह में किसानों और बागवानों को 12:32:16 खाद उपलब्ध हो जाएगी.
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