करसोग: कलाशन गांव में सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करते हुए किसानों ने सरकार पर तीखे प्रहार किए. किसानों ने सरकार को श्रम कानूनों में बदलाव, कृषि से जुड़े तीन कानूनों जैसे जनविरोधी निर्णय को लेकर घेरा. किसानों नेताओं ने अपने संबोधन में कहा कि देश और प्रदेश इस वक्त वैश्विक महामारी कोरोना के दौर से गुजर रहा है.
इस कठिन दौर में कई युवाओं की नौकरी चली गई है. यही नहीं किसान और बागवानों सहित हर वर्ग आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है. ऐसे समय में सरकार ने तीन कृषि कानून बनाकर किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी है. जिसका विरोध आज देशभर में किसान कर रहे हैं.
कृषि कानून बनाकर किसानों की मुश्किलें बढ़ाई
किसान नेताओं ने कहा कि कोरोना काल में किसानों और बागवान को सरकार से राहत की उम्मीद दी, लेकिन इस कठिन समय में राहत देना तो दूर उल्टा केंद्र सरकार ने कृषि कानून बनाकर किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. ऐसे भी कोरोना काल में आर्थिक संकट के के कारण लोगों को घर का खर्च चलाना मुश्किल हो गया है.
आने वाले समय में आंदोलन को उग्र किया जाएगा
किसानों ने सरकार से जनविरोधी फैसलों को तुरन्त प्रभाव से वापस लेने की मांग की है. किसानों ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार जनविरोधी फैसलों को वापस नहीं लेती है तो आने वाले समय में आंदोलन को उग्र किया जाएगा.
अखिल भारतीय किसान सभा कलाशन इकाई के अध्यक्ष पदम का कहना है कि किसान विरोधी तीन कृषि कानून,व श्रम कानूनों में बदलाव को लेकर कलाशन में धरना दिया गया. उन्होंने कहा कि सरकार ने कोरोना काल में तीन कृषि कानून बनाकर किसान विरोधी फैसला लिया है. जिसे केंद्र सरकार को वापस लेना चाहिए. अगर इन फैसलों को वापस नहीं लिया गया तो आंदोलन को और उग्र किया जाएगा.