मंडी: जिस गौशाला में कभी पशु बंधे होते थे, आज उसी गौशाला में एक पूरा परिवार रहने को मजबूर है. यह कहानी है कोटली उपमंडल के छोपड़ा गांव की भिंत्रा देवी की. भिंत्रा देवी ने कभी सपने में भी नहीं सोचा होगा कि पाई-पाई जोड़कर सपनों का घर बनाने के बाद उसे ये दिन भी देखने पड़ेंगे. जिस आशियाने को लेकर परिवार ने कई सपने सजाए, आज उसे ही उजड़ा हुआ देखने को मजबूर हो गए हैं.
बारिश ने छीनी सिर से छत: छोपड़ा गांव में बीती 14 अगस्त को भारी बारिश के कारण आई त्रासदी में यहां की जमीन धंस गई. जिसमें भिंत्रा देवी का पक्का मकान सबसे ज्यादा क्षतिग्रस्त हुआ. मकान का आधा हिस्सा गिर चुका है, जबकि आधा हिस्सा कभी भी गिर सकता है. गांव के पांच अन्य मकानों को भी भारी क्षति पहुंची है. इन मकानों में भी काफी ज्यादा दरारें आ गई हैं. सभी मकान खतरे की जद में है. किसी भी समय किसी बड़े हादसे का डर इन लोगों को हर पल सता रहा है.
गौशाला में रहने को मजबूर परिवार: बता दें कि 14 अगस्त को जब यह आपदा आई तो परिवार को मजबूरन गौशाला में पनाह लेनी पड़ी. जहां पर उन्होंने अपने पशुओं को बांध रखा था. इसके बाद से भिंत्रा देवी ने अपने पशुओं को गांव में दूसरों की गौशाला में बांध रखा है. भिंत्रा देवी के बेटे परस राम ठाकुर ने बताया कि उन्होंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि जहां पशु बांधे होते थे, वहां एक दिन उन्हें खुद ही रहना पड़ जाएगा. ये गौशाला भी नाले में है और बारिश होने पर यहां भी खतरा लगातार बना ही रहता है. 9 लोगों का पूरा परिवार, बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक सभी आपदा की मार के आगे मजबूर हैं. परस राम ठाकुर ने प्रदेश सरकार से घर बनाने के लिए जमीन उपलब्ध करवाने की मांग की है.
सरकार से ग्रामीणों की मदद की गुहार: आपदा प्रभावित भिंत्रा देवी ने बताया कि भारी बारिश के बाद उनके घर को बहुत ज्यादा नुकसान हुआ है. इसके बाद मौके पर प्रशासनिक अधिकारी भी आए, लेकिन इतना नुकसान होने के बाद भी उन्हें एक तिरपाल और 10 हजार की ही मदद मुहैया करवाई गई. डीसी मंडी के पास मदद की गुहार लिए गए, तो उन्होंने बताया गया कि 1 लाख 20 हजार की ही मदद मिलेगी. उससे ज्यादा कोई मदद नहीं की जा सकती है. भिंत्रा देवी ने कहा कि ऐसा लग रहा है कि सरकार ने प्रभावितों से पल्ला झाड़ लिया है. वहीं, गांव के अन्य लोग भी सरकार से प्रभावितों की हर संभव मदद करने की मांग उठा रहे हैं.
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