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गोहर में सामने आए फर्जी विकलांगता प्रमाण पत्र, पुलिस ने मामला दर्ज कर शुरू की जांच

गोहर उपमंडल में फर्जी विकलांगता प्रमाण पत्र बांटने का मामला सामने आया है. फर्जी विकलांगता प्रमाण पत्र हासिल किए हुए लोगों के खिलाफ गोहर थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है. साथ ही जिला पुलिस इस मामले के मुख्य आरोपी की तलाश में जुट गई है. पुलिस ने यह सारी कार्रवाई सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के जिला कल्याण अधिकारी की शिकायत पर की है.

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मंडी में सामने आए फर्जी विकलांगता प्रमाण पत्र
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Published : Mar 7, 2020, 9:21 PM IST

मंडीः जिला के गोहर उपमंडल में फर्जी विकलांगता प्रमाण पत्र बांटने का मामला सामने आया है. तहसील कल्याण अधिकारी गोहर के कार्यालय में कुछ ऐसे लोग अपने विकलांगता प्रमाण पत्र लेकर पहुंचे जो पूरी तरह से स्वस्थ थे और उनका 60 प्रतिशत से अधिक का विकलांगता प्रमाण पत्र जारी किया गया था.

तहसील कल्याण अधिकारी को संदेह हुआ और उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को चिट्ठी लिखकर प्रमाण पत्रों का ब्यौरा मांगा. जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने प्रमाण पत्रों को फर्जी करार दे दिया. इस पर जिला कल्याण अधिकारी ने एसपी मंडी को लिखित में शिकायत दी और एसपी मंडी ने गोहर थाना प्रभारी को मामला दर्ज करके कार्रवाई के आदेश दिए.

वीडियो.

फर्जी विकलांगता प्रमाण पत्र हासिल किए हुए लोगों के खिलाफ गोहर थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है. साथ ही जिला पुलिस इस मामले के मुख्य आरोपी की तलाश में जुट गई है. पुलिस ने यह सारी कार्रवाई सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के जिला कल्याण अधिकारी की शिकायत पर की है.

गोहर थाना प्रभारी सूरम सिंह ने आईपीसी की धारा 420, 467, 468 और 471 के तहत 6 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करके कार्रवाई शुरू कर दी है. यह वो 6 लोग हैं जो अपना फर्जी विकलांगता प्रमाण पत्र लेकर विभाग के कार्यालय में गए थे.

एसपी मंडी गुरदेव शर्मा ने मामला दर्ज होने की पुष्टि की है. उन्होंने बताया कि इन 6 लोगों से पूछताछ की जाएगी कि इन्होंने यह फर्जी प्रमाण पत्र कहां से बनवाया और उसी आधार पर आगामी कार्रवाई अम्ल में लाई जाएगी.

क्यास लगाए जा रहे हैं इस तरह के फर्जी प्रमाण पत्र जारी करने के पीछे किसी गिरोह का हाथ है. ऐसा भी कहा जा रहा है कि एक फर्जी प्रमाण पत्र की एवज में 10 से 15 हजार की राशि ली जाती थी. पुलिस अभी मामले की गंभीरता को देखते हुए कुछ अधिक नहीं बोल रही है, लेकिन इतना भरोसा जरूर दिला रही है कि मुख्य सरगना जल्द ही पुलिस की गिरफ्त में होगा.

ये भी पढे़ंः 60 साल से किराए के भवन में चल रही है 1 लाख से ज्यादा किताबों वाली हिमाचल की पहली लाइब्रेरी

मंडीः जिला के गोहर उपमंडल में फर्जी विकलांगता प्रमाण पत्र बांटने का मामला सामने आया है. तहसील कल्याण अधिकारी गोहर के कार्यालय में कुछ ऐसे लोग अपने विकलांगता प्रमाण पत्र लेकर पहुंचे जो पूरी तरह से स्वस्थ थे और उनका 60 प्रतिशत से अधिक का विकलांगता प्रमाण पत्र जारी किया गया था.

तहसील कल्याण अधिकारी को संदेह हुआ और उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को चिट्ठी लिखकर प्रमाण पत्रों का ब्यौरा मांगा. जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने प्रमाण पत्रों को फर्जी करार दे दिया. इस पर जिला कल्याण अधिकारी ने एसपी मंडी को लिखित में शिकायत दी और एसपी मंडी ने गोहर थाना प्रभारी को मामला दर्ज करके कार्रवाई के आदेश दिए.

वीडियो.

फर्जी विकलांगता प्रमाण पत्र हासिल किए हुए लोगों के खिलाफ गोहर थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है. साथ ही जिला पुलिस इस मामले के मुख्य आरोपी की तलाश में जुट गई है. पुलिस ने यह सारी कार्रवाई सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के जिला कल्याण अधिकारी की शिकायत पर की है.

गोहर थाना प्रभारी सूरम सिंह ने आईपीसी की धारा 420, 467, 468 और 471 के तहत 6 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करके कार्रवाई शुरू कर दी है. यह वो 6 लोग हैं जो अपना फर्जी विकलांगता प्रमाण पत्र लेकर विभाग के कार्यालय में गए थे.

एसपी मंडी गुरदेव शर्मा ने मामला दर्ज होने की पुष्टि की है. उन्होंने बताया कि इन 6 लोगों से पूछताछ की जाएगी कि इन्होंने यह फर्जी प्रमाण पत्र कहां से बनवाया और उसी आधार पर आगामी कार्रवाई अम्ल में लाई जाएगी.

क्यास लगाए जा रहे हैं इस तरह के फर्जी प्रमाण पत्र जारी करने के पीछे किसी गिरोह का हाथ है. ऐसा भी कहा जा रहा है कि एक फर्जी प्रमाण पत्र की एवज में 10 से 15 हजार की राशि ली जाती थी. पुलिस अभी मामले की गंभीरता को देखते हुए कुछ अधिक नहीं बोल रही है, लेकिन इतना भरोसा जरूर दिला रही है कि मुख्य सरगना जल्द ही पुलिस की गिरफ्त में होगा.

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