सुंदरनगर/मंडी: विश्व भर में फैली कोरोना महामारी का असर अब हिमाचल प्रदेश में भी पड़ना शुरू हो गया है. हिमाचल प्रदेश में आयोजित होने वाले प्रसिद्ध मेले कोरोना संकट के बीच स्थगित होते जा रहे हैं. छोटी-काशी मंडी के पराशर ऋषि और देव कमरूनाग का मेला स्थगित होने के बाद अब मंडी जिला का तीसरा बड़ा शीतला माता मंदिर सुंदरनगर का मेला भी कोरोना की भेंट चढ़ गया है. मंदिर कमेटी ने कोरोना वायरस के कारण इतिहास में पहली बार मेले को स्थगित करने का निर्णय लिया है.
सुंदरनगर की ग्राम पंचायत कलौहड़ के भौण में माता शीतला विराजमान हैं. मंदिर में प्रदेश सहित देश के अन्य राज्यों से भी हजारों श्रद्धालु आकर शीश नवाते हैं. प्रत्येक वर्ष शीतला माता मंदिर में 9 जून की शाम को जागरण के साथ वार्षिक मेले का आगाज होता है और दूसरे दिन 10 जून को श्रद्धालुओं की ओर से माता के चरणों में जातर लाने के बाद 11 जून को दंगल के साथ मेले का समापन होता है, लेकिन इस वर्ष कोरोना महामारी की रोकथाम को लेकर केंद्र व प्रदेश सरकार की ओर से जारी की गई एडवाइजरी के कारण इस मेले को रद्द किया गया है. इससे पहले जिला मंडी के दो अन्य बड़े आयोजन देव कमरूनाग और पराशर ऋषि का मेला भी जिला प्रशासन और देव समाज की ओर से रद्द किया गया है.
शीतला माता मंदिर कमेटी के महासचिव बालचंद वालिया ने बताया कि तीन दिवसीय शीतला माता मेला कोरोना महामारी के चलते स्थगित कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि मंदिर निर्माण और मूर्ति स्थापना के बाद इतिहास में पहली बार मेला रद्द होने जा रहा है. उन्होंने कहा कि यह मेला सैकड़ों वर्षो से लेकर आज तक कभी स्थगित नहीं हुआ था. वालिया ने कहा कि मेले में अनेकों कार्यक्रम आयोजित किए जाते थे. इसमें मेले के पहले की संध्या में एक भव्य जागरण का आयोजन किया जाता है, जिसमें हिमाचल व बाहरी राज्यों के कलाकार श्रद्धालुओं का मनोरंजन करते हैं.
उन्होंने कहा कि मेले के दूसरे दिन दंगल में हिमाचल प्रदेश के साथ-साथ बाहरी राज्यों के पहलवानों भी दमखम दिखाते थे. इसके साथ ही हजारों श्रद्धालुओं की ओर से माता शीतला को भेंट के तौर पर नई फसल का चढ़ावा चढ़ाया जाता है, लेकिन इस बार कोरोना महामारी के बीच मेले के साथ-साथ सभी आयोजन भी स्थगित कर दिए गए हैं.