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कोरोना की भेंट चढ़ा पराशर का मेला, कुछ कारकरिदों ने निभाई देव परंपरा - सरनाहुली मेला

कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रकोप के चलते इस बार देव पराशर ऋषि का सरनाहुली मेला इस वर्ष करोना महामारी की भेंट चढ़ गया. सरनाहुली मेले के मौके पर पराशर ऋषि के कुछ कारकरिदों ने देव परंपरा को निभाया. पराशर में लोगों को भीड़ न पहुंचे इसके लिए प्रशासन ने भी पहले से तैयारी कर ली थी. प्रशासन ने पराशर मार्ग पर नाका लगाकर लोगों को आगे नहीं जाने दिया.

prashar lake mandi
पराशर लेक
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Published : Jun 14, 2020, 10:01 PM IST

धर्मपुर/मंडी: देवभूमि हिमाचल में धार्मिक आयोजनों पर कोरोना का व्यापक असर पड़ा है. कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रकोप के चलते इस बार देव पराशर ऋषि का सरनाहुली मेला इस वर्ष करोना महामारी की भेंट चढ़ गया.

सरनाहुली मेले के मौके पर पराशर ऋषि के कुछ कारकरिदों ने देव परंपरा को निभाया. हालांकि पराशर में लोगों को भीड़ न पहुंचे इसके लिए प्रशासन ने भी पहले से तैयारी कर ली थी. प्रशासन ने पराशर मार्ग पर नाका लगाकर लोगों को आगे नहीं जाने दिया.

मंदिर कमेटी के प्रधान बलवीर ठाकुर और मंदिर के मुख्य पुजारी ने अमर सिंह ने बताया कि करोना महामारी के चलते सरनाहुली मेला नहीं मनाया गया. केवल कुछ कारकरिदों ने देव परंपरा को निभाया.

बता दें कि पराशर ऋषि का सरनाहुली मेला हर वर्ष धूमधाम से मनाया जाता था. मेले मंडी और कुल्लू जिला से हजारों लोग आते थे, लेकिन कोरोना महामारी के चलते मेला नहीं मनाया गया.

पढ़ें: SPECIAL: पराशर झील में ये कैसा चमत्कार, लॉकडाउन में सुबह-शाम तेजी से तैर रहा भूखंड!

धर्मपुर/मंडी: देवभूमि हिमाचल में धार्मिक आयोजनों पर कोरोना का व्यापक असर पड़ा है. कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रकोप के चलते इस बार देव पराशर ऋषि का सरनाहुली मेला इस वर्ष करोना महामारी की भेंट चढ़ गया.

सरनाहुली मेले के मौके पर पराशर ऋषि के कुछ कारकरिदों ने देव परंपरा को निभाया. हालांकि पराशर में लोगों को भीड़ न पहुंचे इसके लिए प्रशासन ने भी पहले से तैयारी कर ली थी. प्रशासन ने पराशर मार्ग पर नाका लगाकर लोगों को आगे नहीं जाने दिया.

मंदिर कमेटी के प्रधान बलवीर ठाकुर और मंदिर के मुख्य पुजारी ने अमर सिंह ने बताया कि करोना महामारी के चलते सरनाहुली मेला नहीं मनाया गया. केवल कुछ कारकरिदों ने देव परंपरा को निभाया.

बता दें कि पराशर ऋषि का सरनाहुली मेला हर वर्ष धूमधाम से मनाया जाता था. मेले मंडी और कुल्लू जिला से हजारों लोग आते थे, लेकिन कोरोना महामारी के चलते मेला नहीं मनाया गया.

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