करसोग: जिला मंडी के करसोग के भंधल गांव के लोग धरती और समाज दोनों के प्रति अपना उत्तरदायित्व निभा रहे हैं. गांव के लोगों ने धरती पर हरियाली बचाने के लिए अनूठी पहल शुरू की है. यहां बेटियों के जन्मदिवस पर ग्रामीण खाली पड़ी भूमि पर पौधरोपण करते हैं. गांव के लोग पिछले कई सालों से इस तरह का आयोजन करते आ रहे हैं.
भंधल गांव के संजय ठाकुर ने अपनी बेटी रुद्राक्षी ठाकुर के जन्मदिन पर पौधारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया. जिसमें भंधल गांव की बेटियों सहित महिलाओं ने बढ़-चढ़ कर भाग लिया. इस साल संजय ठाकुर की बेटी का पांचवां जन्मदिन था.
संजय पिछले पांच सालों से बेटी के जन्मदिन पर पौधरोपण कार्यक्रम आयोजित करते आ रहे हैं. यही नहीं संजय अपनी बेटी के जन्मदिन को बड़े धूम-धाम से मनाते हैं. जो इस बात को साफ जाहिर करती है कि बेटियां आज भी अपने मां-बाप के लिए बोझ नहीं हैं.
संजय ठाकुर का परिवार अब तक सूनी पड़ी धरती की कोख में 40 पौधे लगा चुका है. गांव में बेटियों के नाम पर लगाए जाने वाले पौधों की देखरेख भी परिवार के सदस्य करते हैं. यही कारण है कि भंधल में बेटियों के जन्मदिन के उपलक्ष्य पर रोपे गए सभी पौधे हरे भरे हैं. इस तरह से गांव के लोगों ने देश को धरती पर हरियाली बचाने का सार्थक संदेश दिया है.
बता दें कि देशभर में 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' और 'बेटी है अनमोल' जैसे नारों से सरकार बेटी के गिर रहे लिंगानुपात को सुधारने का प्रयास कर रही है. सरकार की इस पहल से कई राज्यों में बेटियों के लिंगानुपात में काफी सुधार भी आया है. ऐसे में भंधल गांव के लोगों ने भी सरकार के कदम के साथ अपने कदम भी बढ़ाए हैं.
भंधल गांव के संजय ठाकुर ने बताया कि इस साल बेटी के जन्मदिन पर पांचवीं बार पौधरोपण किया गया. उन्होंने कहा कि बेटी के जन्मदिन के शुभ अवसर पर आयोजित पौधरोपण कार्यक्रम में गांव के सभी लोगों ने भाग लिया है. पिछले पांच सालों में 40 पौधे लगाए जा चुके हैं. उन्होंने पर्यावरण को बचाने के लिए करसोग वासियों से बेटी के जन्मदिन पर पौधरोपण करने की भी अपील की है.
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