सुंदरनगर: जिला मंडी के रिवालसर से संबंध रखने वाले इंजीनियर सतीश कुमार उत्तराखंड के चमोली जलप्रलय में टनल के भीतर बिताए सात घंटों को बुरे सपने की तरह भूल जाना चाहते हैं.
घर पहुंचने पर सतीश का स्वागत
सतीश कुमार चमोली से अपने घर डहणू पहुंच गए हैं. उनके इंतजार में पूरा परिवार रात भर जागता रहा. घर पहुंचने पर मां और पत्नी ने जहां सतीश का सत्कार किया, वहीं सतीश के चार साल के बेटे दीक्षित भी पापा को देखकर खिलखिला उठा. सतीश के घर सही सलामत पहुंचने पर परिवार के सभी सदस्यों ने भगवान का शुक्रिया जताया.
टनल में समय बिताना दर्दनाक पल: सतीश
सतीश ने बताया कि टनल में गाद और पानी के बीच बिताए सात घंटे उनकी जिंदगी के सबसे दर्दनाक पल रहे हैं. वह कभी भी उन लम्हों को याद नहीं करना चाहते. उन्हें जिंदा बचने से ज्यादा और कोई खुशी नहीं है. उन्होंने कहा कि हिमाचल देवताओं की भूमि है और वह छोटी काशी मंडी से ताल्लुक रखते हैं. उन्होंने कहा कि देवी-देवताओं और माता-पिता के आशीर्वाद से ही जिंदा बचे हैं. शायद ही दोबारा वह उत्तराखंड की तरफ नौकरी के लिए रुख करें.
58 शव बरामद
बता दें कि उत्तराखंड के चमोली जिले में 7 फरवरी 2021 को ग्लेशियर फटने से भारी नुकसान हुआ. बांध टूटने से उत्तराखंड और यूपी के कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात बन गए. सेना समेत केंद्र व राज्य की तमाम एजेंसियों द्वारा बड़े पैमाने पर राहत व बचाव कार्य किया जा रहा है. वहीं, अब तक अब तक कुल 58 शव और 25 मानव अंग बरामद हुए हैं. जिनमें 30 शवों और 1 मानव अंग की पहचान हो चुकी है.
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