करसोग/मंडी: उत्तरप्रदेश के हाथरस गैंगरेप को लेकर हिमाचल प्रदेश दलित शोषण मुक्ति मंच सहित कई अन्य संगठनों ने करसोग में तहसीलदार कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया. इस धरना प्रदर्शन में शामिल सभी संगठनों ने उत्तरप्रदेश सरकार की न्याय व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए, सरकार को तुरंत प्रभाव से बर्खास्त करने की मांग की गई. सभी सामाजिक संगठनों ने तहसीलदार के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भी सौंपा. जिसमें जिला हाथरस के एसपी सहित डीएम को गलत और झूठी बयानबाजी करने पर तुरन्त बर्खास्त करने की मांग की गई है.
इसके अलावा इस अपराध में शामिल दोषियों को सख्त से सख्त सजा देने और मुख्यमंत्री को तत्काल प्रभाव से पद से हटाने की भी मांग की गई. सामाजिक संगठनों ने धरना प्रदर्शन के दौरान उत्तर प्रदेश की सरकार पर तीखे प्रहार किए और न्याय व्यवस्था पर सवाल उठाए.
सामाजिक संगठनों ने पदाधिकारियों ने कहा कि 14 सितंबर की सुबह कुछ लोगों ने दलित समाज की लड़की के साथ बलात्कार किया. उसके बाद उसके रीढ़ की हड्डी को तोड़कर, उसका गला दबाकर जीभ को काटा गया. जिस कारण 29 सितंबर को पीड़िता की मौत हो गई, लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार ने हाथरस गैंगरेप मामले में पीड़िता की ओर से की एफआईआर दर्ज करने में 8 दिन लगा दिए. ऐसे में उत्तर प्रदेश सरकार दलितों को न्याय दिलाने में असफल रही है.
भारत जनवादी नौजवान सभा के सदस्य किशोरी लाल ने कहा कि हाथरस जिला के अंदर दलित 19 वर्षीय निर्भया से साथ हुए जघण्य गैंगरेप के विरोध में दलित शोषण मुक्ति मंच व अन्य कई संगठनों ने तहसीदार कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया. दुर्भाग्यपूर्ण है कि आजादी के सात दशकों के बाद भी न्याय के लिए सड़कों पर उतरना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि गैंगरेप की पीड़िता को जब तक न्याय नहीं मिलता अनिश्चितकालीन आंदोलन जारी रहेगा.
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