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करसोग सिविल अस्पताल में डॉक्टर का हुआ तबादला, अस्पताल में पहले से ही चिकित्सकों की कमी

उपमंडल करसोग के सिविल अस्पताल में मेडिकल ऑफिसर के पद पर सेवाएं दे रहे डॉक्टर अनिल कुमार का तबादला कर दिया गया है. ऐसे में अस्पतास में आने वाले मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

mandi
मंडी
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Published : Jul 25, 2020, 3:17 PM IST

करसोग/ मंडी: उपमंडल करसोग के सिविल अस्पताल में इलाज के लिए आने वाले लोगों के लिए अच्छी खबर नहीं है, क्योंकि सरकार ने डॉक्टर अनिल कुमार का तबादला कर दिया है. हैरानी की बात है कि डॉक्टर ने 10 महीने पहले ही सिविल अस्पताल में ज्वाइन किया था और मेडिकल ऑफिसर के पद पर अपनी सेवाएं दे रहे थे.

वर्तमान में 150 बिस्तरों वाले करसोग सिविल अस्पताल में डॉक्टरों के 15 स्वीकृत पद हैं, लेकिन एक और तबादले के बाद अब अस्पताल में खाली पदों की संख्या छह हो गई है. अस्पताल में वर्तमान में नौ डॉक्टर ही अपनी सेवाएं दे रहे हैं. ऐसे में कोरोना काल के मुश्किल दौर में दूरदराज के क्षेत्रों से इलाज के लिए आने वाले लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. हालांकि अस्पताल प्रशासन ने दावा किया है कि कोविड-19 की वजह से इन दिनों इमरजेंसी और ओपीडी में मरीजों की अधिक भीड़ नहीं रहती है, इसलिए सभी मरीजों को 3 बजे तक फ्री कर दिया जाता है.

वीडियो

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के विधानसभा क्षेत्र से भी आते हैं मरीज

करसोग सिविल अस्पताल में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के विधानसभा क्षेत्र शंकरदेहरा, छतरी, बरयोगी, काकडाधार और मानगढ़ से भी मरीज इलाज के लिए आते हैं. मुख्यमंत्री का सराज विधानसभा क्षेत्र करसोग विधानसभा क्षेत्र के साथ लगता है. ऐसे में करसोग के लोगों को उम्मीद है कि करसोग की जनता को इलाज के लिए इधर-उधर नहीं भटकना पड़ेगा और गरीब जनता को घर पर ही इलाज की सुविधा मिलेगी, लेकिन डॉक्टर के तबादले ने लोगों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है.


रेडियोलॉजिस्ट का पद भी 2016 से खाली

सिविल अस्पताल की तरफ स्वास्थ्य विभाग का ध्यान नहीं है, क्योंकि 2016 में रेडियोलॉजिस्ट की सेवानिवृति के बाद ये पद भी खाली पड़ा है. चार साल का लंबा समय बीतने के बाद भी सरकार ने अभी तक रेडियोलॉजिस्ट का पद भरने की जरूरत नहीं समझी है, जिससे अस्पताल में इलाज के लिए आने वाली गर्भवती महिलाओं को प्राइवेट लैब में 800 से लेकर 1000 रुपये खर्च करके अल्ट्रासाउंड करवाना पड़ रहा है. ऐसे में लोगों ने सीएम से डॉक्टरों के सभी खाली पदों को भरने और विशेषज्ञ डॉक्टरों की नियुक्ती करने की मांग की है.

बीएमओ डॉ. कंवर ने बताया कि वर्तमान में डॉक्टरों के 15 पद स्वीकृत हैं, जिसमें से 6 पद खाली हैं और काफी समय से विशेषज्ञ डॉक्टर भी नहीं है. उन्होंने कहा कि कोरोना की वजह से इमरजेंसी और ओपीडी में इन दोनों अधिक भीड़ नहीं है, जिससे मरीजों को 3 बजे तक फ्री कर दिया जाता है. साथ ही कहा कि विशेषज्ञ डॉक्टरों के खाली चल रहे पदों को भरने का मामला जल्द ही उठाया जाएगा.

ये भी पढ़ें: कोरोना के कारण जेबीटी और शास्त्री टेट की परीक्षा स्थगित, 26 जुलाई को होनी थी परीक्षा

करसोग/ मंडी: उपमंडल करसोग के सिविल अस्पताल में इलाज के लिए आने वाले लोगों के लिए अच्छी खबर नहीं है, क्योंकि सरकार ने डॉक्टर अनिल कुमार का तबादला कर दिया है. हैरानी की बात है कि डॉक्टर ने 10 महीने पहले ही सिविल अस्पताल में ज्वाइन किया था और मेडिकल ऑफिसर के पद पर अपनी सेवाएं दे रहे थे.

वर्तमान में 150 बिस्तरों वाले करसोग सिविल अस्पताल में डॉक्टरों के 15 स्वीकृत पद हैं, लेकिन एक और तबादले के बाद अब अस्पताल में खाली पदों की संख्या छह हो गई है. अस्पताल में वर्तमान में नौ डॉक्टर ही अपनी सेवाएं दे रहे हैं. ऐसे में कोरोना काल के मुश्किल दौर में दूरदराज के क्षेत्रों से इलाज के लिए आने वाले लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. हालांकि अस्पताल प्रशासन ने दावा किया है कि कोविड-19 की वजह से इन दिनों इमरजेंसी और ओपीडी में मरीजों की अधिक भीड़ नहीं रहती है, इसलिए सभी मरीजों को 3 बजे तक फ्री कर दिया जाता है.

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मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के विधानसभा क्षेत्र से भी आते हैं मरीज

करसोग सिविल अस्पताल में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के विधानसभा क्षेत्र शंकरदेहरा, छतरी, बरयोगी, काकडाधार और मानगढ़ से भी मरीज इलाज के लिए आते हैं. मुख्यमंत्री का सराज विधानसभा क्षेत्र करसोग विधानसभा क्षेत्र के साथ लगता है. ऐसे में करसोग के लोगों को उम्मीद है कि करसोग की जनता को इलाज के लिए इधर-उधर नहीं भटकना पड़ेगा और गरीब जनता को घर पर ही इलाज की सुविधा मिलेगी, लेकिन डॉक्टर के तबादले ने लोगों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है.


रेडियोलॉजिस्ट का पद भी 2016 से खाली

सिविल अस्पताल की तरफ स्वास्थ्य विभाग का ध्यान नहीं है, क्योंकि 2016 में रेडियोलॉजिस्ट की सेवानिवृति के बाद ये पद भी खाली पड़ा है. चार साल का लंबा समय बीतने के बाद भी सरकार ने अभी तक रेडियोलॉजिस्ट का पद भरने की जरूरत नहीं समझी है, जिससे अस्पताल में इलाज के लिए आने वाली गर्भवती महिलाओं को प्राइवेट लैब में 800 से लेकर 1000 रुपये खर्च करके अल्ट्रासाउंड करवाना पड़ रहा है. ऐसे में लोगों ने सीएम से डॉक्टरों के सभी खाली पदों को भरने और विशेषज्ञ डॉक्टरों की नियुक्ती करने की मांग की है.

बीएमओ डॉ. कंवर ने बताया कि वर्तमान में डॉक्टरों के 15 पद स्वीकृत हैं, जिसमें से 6 पद खाली हैं और काफी समय से विशेषज्ञ डॉक्टर भी नहीं है. उन्होंने कहा कि कोरोना की वजह से इमरजेंसी और ओपीडी में इन दोनों अधिक भीड़ नहीं है, जिससे मरीजों को 3 बजे तक फ्री कर दिया जाता है. साथ ही कहा कि विशेषज्ञ डॉक्टरों के खाली चल रहे पदों को भरने का मामला जल्द ही उठाया जाएगा.

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