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मंडी में यहां होती है अनूठी शादी, बिना सेहरे के बारात लेकर जाता है दूल्हा, नहीं होते हैं सात फेरे - हिमाचल न्यूज

अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव में बड़ा देव विष्णु मतलोड़ा का विशेष महत्व है. बड़ा देव राज देवता माधव राय की शाही जलेब में भी शिरकत करते हैं. सिराज क्षेत्र में आज भी सदियों पुरानी परंपरा प्रचलित है. 21वीं सदी में भी यहां पर वरनी शादियां करवाई जा रही हैं.

शिवरात्री महोत्सव
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Published : Mar 21, 2019, 6:05 AM IST

मंडी: अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव में बड़ा देव विष्णु मतलोड़ा का विशेष महत्व है. बड़ा देव राज देवता माधव राय की शाही जलेब में भी शिरकत करते हैं.

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सिराज क्षेत्र में आज भी सदियों पुरानी परंपरा प्रचलित है. 21वीं सदी में भी यहां पर वरनी शादियां करवाई जा रही हैं. वरनी शादियों के अनुसार शादी में दूल्हा न तो सेहरा लगाता है और न ही शादी में कोई मंडप सजाया जाता है. बिना फेरों के ही यहां पर बड़ादेव विष्णु मतलोड़ा शादी करवाते हैं. सेहरे को देव तुल्य श्रृंगार मान कर लोग आज भी यहां बड़ादेव के सम्मान में बिना सेहरे के ही बारात ले जातें हैं.
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बड़ा देव सीएम जयराम ठाकुर के भी कुल देवता है. ठाकुर जब सीएम बने तो वह बड़ादेव की चोहट कोठी में शीश नवाने गए थे और एक बड़ी धाम का आयोजन भी किया गया था.देवता के कारदार करण सिंह ने बताया कि आज भी सदियों पुरानी परंपरा सिराज विधानसभा क्षेत्र में प्रचलित है. हिंदू धर्म में लोकोचार को शास्त्रों से ऊपर माना गया है. जिसके चलते आज भी सिराज क्षेत्र में वरनी शादियों की परंपरा प्रचलित है. आज भी लोग देवता कि इस मान्यता के अनुसार शादियां करते हैं.
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मंडी: अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव में बड़ा देव विष्णु मतलोड़ा का विशेष महत्व है. बड़ा देव राज देवता माधव राय की शाही जलेब में भी शिरकत करते हैं.

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सिराज क्षेत्र में आज भी सदियों पुरानी परंपरा प्रचलित है. 21वीं सदी में भी यहां पर वरनी शादियां करवाई जा रही हैं. वरनी शादियों के अनुसार शादी में दूल्हा न तो सेहरा लगाता है और न ही शादी में कोई मंडप सजाया जाता है. बिना फेरों के ही यहां पर बड़ादेव विष्णु मतलोड़ा शादी करवाते हैं. सेहरे को देव तुल्य श्रृंगार मान कर लोग आज भी यहां बड़ादेव के सम्मान में बिना सेहरे के ही बारात ले जातें हैं.
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बड़ा देव सीएम जयराम ठाकुर के भी कुल देवता है. ठाकुर जब सीएम बने तो वह बड़ादेव की चोहट कोठी में शीश नवाने गए थे और एक बड़ी धाम का आयोजन भी किया गया था.देवता के कारदार करण सिंह ने बताया कि आज भी सदियों पुरानी परंपरा सिराज विधानसभा क्षेत्र में प्रचलित है. हिंदू धर्म में लोकोचार को शास्त्रों से ऊपर माना गया है. जिसके चलते आज भी सिराज क्षेत्र में वरनी शादियों की परंपरा प्रचलित है. आज भी लोग देवता कि इस मान्यता के अनुसार शादियां करते हैं.
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