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नई कोठी में इस दिन विराजमान होंगी माता हडिंबा, काष्ठ शिल्प का बेजोड़ नमूना है नवनिर्मित कोठी - Hadimba mata kothi in Seraj

Mata Hadimba Temple: देवी हडिंबा की कोठी का तकरीबन पूरा हो चुका है. 25 और 26 नवंबर को नवनिर्मित कोठी कोठी की प्राण प्रतिष्ठा होगी. यह नवनिर्मित कोठी काष्ठ शिल्प का बेजोड़ नमूना है.

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Nov 22, 2023, 10:45 PM IST

सराज: हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के सराज में माता हडिंबा का मंदिर है. समुद्रतल से करीब 7 हजार फीट की उंचाई पर स्थित सराज क्षेत्र के थुनाग की माता हडिंबा पहली बार अपने नए मंदिर में विराजमान होंगी. माता का भव्य मंदिर का निर्माण कार्य चार साल के अथक परिश्रम के बाद लगभग पूरा हो गया है. दो दिन बाद शनिवार 25 नवंबर और रविवार 26 नवंबर को थुनाग के सुरागी में आयोजित‌ होने वाले भव्य प्रतिष्ठा समारोह में लाखों की लागत से पहाड़ी शैली में बनी नए मंदिर में माता हडिंबा विराजमान होंगी.

Devi Hadimba Kothi
हडिंबा माता की कोठी

माता का मंदिर में लगभग 75 लाख रूपए की लागत से साढ़े चार साल में बनकर तैयार हुआ है. जिसमें थुनाग, सुरागीधार, बुखलवार, ओड़ी धार, मुघाण खुमरार के साथ-साथ सराज के लोगों ने बढ़-चढ़कर कर भाग लिया. कोरोना काल के समय में भी इस मंदिर का निर्माण कार्य चल रहा था. मंदिर निर्माण कमेटी के सचिव वीरेंद्र ठाकुर ने बताया कि मंदिर निर्माण के लिए देवता के देवलूओं कारकूनों ने अपनी ऐच्छिक निधि से पैसा दिया और श्रमदान भी किया है. मंदिर निर्माण में लगभग तीन से पांच मिस्त्री लगातार डटे रहे. निर्माण के दौरान निराहार रहते हुए श्रमिक एक समय में ही फलाहार लेते थे.

Devi Hadimba Kothi
काष्ठ शिल्प का बेजोड़ नमूना है नवनिर्मित कोठी

माता हडिंबा के गूर टेक सिंह ठाकुर ने बताया कि सराज और बाहर से देवता के पास आने वाले श्रद्धालुओं ने निस्वार्थ मंदिर निर्माण के लिए अपना योगदान दिया है. उन्होंने कहा कि कोठी का काम लगभग पूरा हो चुका है और 25 और 26 नवंबर को इसकी प्राण प्रतिष्ठिता करने का कार्यक्रम किया जाएगा. इस कार्यक्रम के लिए सभी लोग को आमंत्रित किया गया है. लोगों के लिए प्रतिभोज धाम का भी आयोजन किया जाएगा.

Devi Hadimba Kothi
नई कोठी में विराजमान होंगी हडिंबा माता

देवता की नवनिर्मित कोठी में करीब 11 देवदार के पेड़ से निर्मित में काष्ठशिल्प के मिस्त्री द्वारा भव्य काष्ट शैली का बेजौड़ नमूना पेश किया गया है. मुख्य द्वार पर लकड़ी के ऊपर बनाए गए गणेश और द्वार के चारों ओर मुख्य द्वार पर बने देवी दुर्गा के नौ रूप सहित ब्रम्हा-विष्णु-महेश कोठी पर चार चांद लगाती है. वहीं, देवी हडिंबा के रथ के बैठने की जगह पर मां दुर्गा की चार फिट ऊंची प्रतिमा मंदिर की निकासी पर चार चांद लगाती है.

देवता कमेटी के सदस्य तेज सिंह ठाकुर ने कहा कि देवता के मंदिर की प्रतिष्ठा के लिए सराज के अराध्य देव काला कामेश्वर को विशेष निमंत्रण दिया गया है. कोठी की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में देवता बतौर मेहमान उपस्थित रहेंगे. ‌देवता कमेटी के कटवाल चेत राम ने कहा कि प्राण प्रतिष्ठा में सराज के 26 देवी-देवता को निमंत्रण दे दिया गया है. रविवार को होने वाले प्रतिभोज में 5 हजार से ज्यादा लोगों के आने का अनुमान है.

Devi Hadimba Kothi
25 और 26 नवंबर को नवनिर्मित कोठी कोठी की प्राण प्रतिष्ठा

देवता कमेटी के सदस्य पैनी ठाकुर ने कहा कि पिछले दिनों 2 और 3 नवंबर को कोठी की प्राण प्रतिष्ठा होनी तय थी, लेकिन गांव में एक बुजुर्ग के देहांत होने के कारण यह कार्यक्रम टल गया था, जो अब 25 और 26 नवंबर को होगी. देवता कमेटी के सचिव वीरेंद्र सिंह ठाकुर हैप्पी ने कहा देवता काला कामेश्वर को निमंत्रण भेज दिया गया है, वे प्राण प्रतिष्ठा में अतिथि शिरकत करेंगे.

सराज: हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के सराज में माता हडिंबा का मंदिर है. समुद्रतल से करीब 7 हजार फीट की उंचाई पर स्थित सराज क्षेत्र के थुनाग की माता हडिंबा पहली बार अपने नए मंदिर में विराजमान होंगी. माता का भव्य मंदिर का निर्माण कार्य चार साल के अथक परिश्रम के बाद लगभग पूरा हो गया है. दो दिन बाद शनिवार 25 नवंबर और रविवार 26 नवंबर को थुनाग के सुरागी में आयोजित‌ होने वाले भव्य प्रतिष्ठा समारोह में लाखों की लागत से पहाड़ी शैली में बनी नए मंदिर में माता हडिंबा विराजमान होंगी.

Devi Hadimba Kothi
हडिंबा माता की कोठी

माता का मंदिर में लगभग 75 लाख रूपए की लागत से साढ़े चार साल में बनकर तैयार हुआ है. जिसमें थुनाग, सुरागीधार, बुखलवार, ओड़ी धार, मुघाण खुमरार के साथ-साथ सराज के लोगों ने बढ़-चढ़कर कर भाग लिया. कोरोना काल के समय में भी इस मंदिर का निर्माण कार्य चल रहा था. मंदिर निर्माण कमेटी के सचिव वीरेंद्र ठाकुर ने बताया कि मंदिर निर्माण के लिए देवता के देवलूओं कारकूनों ने अपनी ऐच्छिक निधि से पैसा दिया और श्रमदान भी किया है. मंदिर निर्माण में लगभग तीन से पांच मिस्त्री लगातार डटे रहे. निर्माण के दौरान निराहार रहते हुए श्रमिक एक समय में ही फलाहार लेते थे.

Devi Hadimba Kothi
काष्ठ शिल्प का बेजोड़ नमूना है नवनिर्मित कोठी

माता हडिंबा के गूर टेक सिंह ठाकुर ने बताया कि सराज और बाहर से देवता के पास आने वाले श्रद्धालुओं ने निस्वार्थ मंदिर निर्माण के लिए अपना योगदान दिया है. उन्होंने कहा कि कोठी का काम लगभग पूरा हो चुका है और 25 और 26 नवंबर को इसकी प्राण प्रतिष्ठिता करने का कार्यक्रम किया जाएगा. इस कार्यक्रम के लिए सभी लोग को आमंत्रित किया गया है. लोगों के लिए प्रतिभोज धाम का भी आयोजन किया जाएगा.

Devi Hadimba Kothi
नई कोठी में विराजमान होंगी हडिंबा माता

देवता की नवनिर्मित कोठी में करीब 11 देवदार के पेड़ से निर्मित में काष्ठशिल्प के मिस्त्री द्वारा भव्य काष्ट शैली का बेजौड़ नमूना पेश किया गया है. मुख्य द्वार पर लकड़ी के ऊपर बनाए गए गणेश और द्वार के चारों ओर मुख्य द्वार पर बने देवी दुर्गा के नौ रूप सहित ब्रम्हा-विष्णु-महेश कोठी पर चार चांद लगाती है. वहीं, देवी हडिंबा के रथ के बैठने की जगह पर मां दुर्गा की चार फिट ऊंची प्रतिमा मंदिर की निकासी पर चार चांद लगाती है.

देवता कमेटी के सदस्य तेज सिंह ठाकुर ने कहा कि देवता के मंदिर की प्रतिष्ठा के लिए सराज के अराध्य देव काला कामेश्वर को विशेष निमंत्रण दिया गया है. कोठी की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में देवता बतौर मेहमान उपस्थित रहेंगे. ‌देवता कमेटी के कटवाल चेत राम ने कहा कि प्राण प्रतिष्ठा में सराज के 26 देवी-देवता को निमंत्रण दे दिया गया है. रविवार को होने वाले प्रतिभोज में 5 हजार से ज्यादा लोगों के आने का अनुमान है.

Devi Hadimba Kothi
25 और 26 नवंबर को नवनिर्मित कोठी कोठी की प्राण प्रतिष्ठा

देवता कमेटी के सदस्य पैनी ठाकुर ने कहा कि पिछले दिनों 2 और 3 नवंबर को कोठी की प्राण प्रतिष्ठा होनी तय थी, लेकिन गांव में एक बुजुर्ग के देहांत होने के कारण यह कार्यक्रम टल गया था, जो अब 25 और 26 नवंबर को होगी. देवता कमेटी के सचिव वीरेंद्र सिंह ठाकुर हैप्पी ने कहा देवता काला कामेश्वर को निमंत्रण भेज दिया गया है, वे प्राण प्रतिष्ठा में अतिथि शिरकत करेंगे.

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