मंडी: एक समय ऐसा भी था जब सड़कों पर इन वाहनों की भीड़ भाड़ नहीं बल्कि दो पहिया साइकिल ही लोगों की शान की सवारी हुआ करती थी. अपनी साइकिल पर ही लोग घरों से काम पर निकल जाया करते थे और वापस आया करते थे, लेकिन समय की इस दौड़ और चकाचौंध में कब यह साइकिल का हैंडल और पैंडल लग्जरी और AC कंफर्ट गाड़ियों के बीच कहीं पीछे छूट गए पता ही नहीं चला. अब अगर साइकिल कहीं सड़कों पर देखने के लिए मिलती है तो वो उन्हीं लोगों के पास जो अपनी फिटनेस के लिए साइकिलिंग करना पसंद कर करते हैं, लेकिन अगर हमें इस भागदौड़ भरी जिंदगी में खुद को फिट रखना हैं और दूषित होते पर्यावरण को भी बचाना है तो आवश्यकता है कि एक बार फिर से हम साइकिल को अपनी रोज की सवारी में जरूर शामिल करें. जिस तरह से हिमाचल प्रदेश के जिला मंडी के जसप्रीत पॉल ने किया है.
जसप्रीत पॉल का सितंबर 2020 से शुरू हुआ साइकलिंग का यह सफर 2 मई 2023 तक 15, 585 किलोमीटर तक पहुंच चुका है और इसमें उन्होंने साइकिलिंग के माध्यम से 3,40,540 मीटर एलिवेशन गेन किया है. जो कि इतने कम समय में प्रदेश में अबतक का सबसे अधिक एलिवेशन है. जसप्रीत ने भले ही कोरोना काल में लगे लॉकडाउन में अपनी फिटनेस के लिए साइकिलिंग करना शुरू किया, लेकिन अब उनकी साइकिल उनकी लाइफ का एक अहम हिस्सा बन गई है और उनका उद्देश्य है कि वह प्रदेश के युवाओं को साइकिलिंग से होने वाले फायदों के बारे में जागरूक कर सकें, साथ ही प्रदेश सरकार के ग्रीन स्टेट मिशन में भी साइकिल की कितनी अहम भूमिका को सकती है इसे लेकर जागरूकता ला सकें.
साइकिल के सफर से फिटनेस भी और पर्यावरण का संरक्षण भी: साइकिलिंग में आए दिन नए रिकॉर्ड बनाने वाले मंडी के साइकिलिस्ट जसप्रीत पॉल ने एक नई पहल की शुरुआत की है. जसप्रीत अपनी साइकिल पर ही हिमाचल सहित मंडी के दूर-दराज के गांव-गांव जाकर वहां बच्चों और युवाओं को फिटनेस, खेलों और पर्यावरण संरक्षण को लेकर जागरूक कर रहे हैं. जसप्रीत हर रविवार को अपनी साइकिल पर प्रदेश की अलग-अलग जगहों को एक्स्प्लोर करने के लिए राइड पर निकलते हैं. इस दौरान जहां वह साइकिल से ही 100 से 150 किलोमीटर का सफर तय करते हैं तो वहीं, अपने लक्ष्य पर पहुंचकर वहां के बच्चों और युवाओं को भी अब सरकार की फिट इंडिया मूवमेंट के बारे में जागरूक करने के साथ ही उन्हें पर्यावरण संरक्षण को लेकर जागरूक करने का काम कर रहे हैं. वहीं, रोजाना वह 20 से 25 किलोमीटर तक की राइड अपनी फिटनेस के लिए साइकिल से पूरा करते हैं.
जसप्रीत पॉल ने बताया कि खुद को फिट रखने के उद्देश्य से उन्होंने साइकिलिंग करना शुरू किया था, लेकिन अब यह उनका शौक बन गया है. साइकिल के माध्यम से नई-नई जगहों को घूमना और अपने फोटोग्राफी के प्रोफेशन से उन जगहों को अपने कैमरे में कैद कर सोशल मीडिया पर हाइलाइट कर हिमाचल के पर्यटन को बढ़ावा देना उनका मुख्य उद्देश्य है. इसके साथ ही वह साइकिलिंग के माध्यम से सरकार के फिट इंडिया मूवमेंट के बारे में लोगों को जागरूक करने के साथ ही पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी सभी लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं.
जसप्रीत साइकिलिंग में बना चुके हैं कई रिकॉर्ड: जसप्रीत पॉल ने अभी हाल ही में अगस्त माह में आजादी के अमृत महोत्सव के तहत मिशन कारगिल में भाग लेकर मनाली से कारगिल तक का सफर जांस्कर घाटी से होते हुए सात दिनों में साइकिल से पूरा कर एक अलग रिकॉर्ड बनाया है. छह लोगों के दल ने इस मिशन कारगिल के 585 किलोमीटर के सफर को साइकिल से फतह किया था. जिसमें जसप्रीत पॉल भी शामिल थे. फायर फॉक्स-फायरस्टॉर्म चैलेंज 2021 में देश में पहला स्थान जसप्रीत हासिल किया है. इसके साथ ही कई जिला स्तरीय प्रतियोगिताओं में भी वह विजेता रह चुके हैं. इसके साथ ही उन्होंने तीन प्रमुख यात्राएं साइकिलिंग के माध्यम से पूरी की है. जिसमें कि पहली यात्रा मंडी के थुनाग से चंद्रताल, रोहतांग पास से होते हुए चार दिन में पूरी की है.
वहीं, दूसरी यात्रा मनाली से चंबा वाया उदयपुर, किलाड़ से होते हुए साच पास दर्रे को भी साइकिल पर पार किया है. तीसरी यात्रा उन्होंने शिमला से चांसल पास तक कि साइकिल पर पूरी की है. इसके साथ ही साइकिल चैंपियनशिप की बात की जाए तो जसप्रीत पॉल ने 23 जून से 26 जून तक आयोजित हुई फर्स्ट एमटीवी हिमाचल चैंपियनशिप में तीसरा स्थान हासिल किया है. वहीं, हाल ही में जसप्रीत ने मंडी जिले की सबसे ऊंची चोटी शिकारी देवी जो कि 3358 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है उसे भी अपनी साइकिल के माध्यम से फतह किया है. उन्होंने एक ही दिन में मंडी से साइकिल पर शिकारी देवी तक जाने और वापस मंडी आने का रिकॉर्ड भी दर्ज किया है.
जसप्रीत की इस उपलब्धि पर उपायुक्त मंडी अरिंदम चौधरी ने भी उन्हें बधाई दी हैं. जसप्रीत मंडी जिले के दुर्गम क्षेत्रों की कई ऊंची चोटियां भी अपनी साइकिल के माध्यम से फतह कर चुके हैं. जसप्रीत पहले ऐसे साइकलिस्ट हैं जो जिला मंडी के प्रसिद्ध देव स्थल कमरुनाग तक साइकिल से पहुंच चुके हैं. इसके साथ ही मंडी से शेटाधार जो कि एक प्रसिद्ध देव स्थल हैं वहां तक का सफर थलौट, थाची, शेटाधार, चेत, थुनाग, चैल चौक, डडौर होते हुए मंडी तक का 72 किलोमीटर का सफर जसप्रीत ने साइकिल से एक दिन में पूरा किया है. कमरुनाग सहित मंडी जिले के साथ ही कुल्लू तक के दुर्गम क्षेत्रों की राइड साइकिल से एक ही दिन में पूरा करने के कई रिकॉर्ड भी जसप्रीत अपने नाम कर चुके हैं.
साइकिल चलाकर जानिए क्या हो सकते हैं आपके शरीर के साथ ही पर्यावरण को लाभ
सेहत के जरूरी हैं 30 मिनट की साइकिल राइड: आज के समय ने जिस तरह लाइफस्टाइल हो गया है उसमें यह देखने को मिल रहा है कि युवाओं को भी हार्टअटैक आ रहे हैं और समय से पहले ही वह इसका शिकार बन रहे हैं. ऐसे में आवश्यक है कि आप रोजाना 30 मिनट की साइकिल राइड को अपने जीवन का हिस्सा बनाए. साइकिलिंग करने से हृदयघात का खतरा कम होता है. साइकिल चलाने से फेफड़ों का व्यायाम होता हैं, जिससे उच्च रक्तचाप और दिल के दौरे जैसे रोगों से भी बचाव होगा. इसके साथ ही साइकिल चला कर आप अपना बढ़ा हुआ वजन भी कम कर सकते हो. साइकिलिंग से शरीर में कैलरीज़ बर्न होती हैं जिससे शरीर का मोटापा कम होता है.
मानसिक तनाव को दूर करती है साइकिलिंग: साइकिल चलाकर आप अपने शरीर को स्वस्थ रखने के साथ ही खुद को मानसिक तनाव से भी बचा सकते हैं. साइकिलिंग करते हुए व्यक्ति प्राकृतिक नजारों का भी लुत्फ़ उठा सकता हैं और उसे प्रकृति से जुड़ने का अवसर मिलता है जिससे मानसिक तनाव दूर करने में मदद मिलती है. वहीं साइकिल चलाने से व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती हैं.
पर्यावरण संरक्षण और ग्रीन स्टेट में साइकिल की अहम भूमिका: जसप्रीत पॉल का कहना हैं कि प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू हिमाचल प्रदेश को ग्रीन स्टेट बनाने की दिशा में काम कर रहें है. उनके इस प्लान में साइकिल अहम भूमिका निभा सकती हैं. साइकिल के इस्तेमाल में किसी तरह का कोई प्रदूषण नहीं होता हैं ऐसे में सरकार हिमाचल के पर्यटन स्थलों में साइकिल फॉर रेंट जैसी सुविधा की शुरुआत कर सकती हैं जहां पर्यटक साइकिल राइड का आनंद ले कर पर्यटन स्थल को एक्सप्लोर कर सकें. वहीं, युवाओं को भी पर्यावरण को बचाने की दिशा में साइकिल के इस्तेमाल को लेकर जागरूक होना चाहिए.
मोबाइल से दूर कर फिटनेस से जोड़ेगी साइकिल: जसप्रीत चाहते हैं कि आज के दौर में जहां बच्चे घरों में मोबाइल फोन तक ही सीमित रह गए हैं वह घरों से बाहर निकलकर खेलकूद से जुड़ी गतिविधियों में भाग लें. बच्चें पर्यावरण से जुड़े ओर किस तरह से साइकिल के इस्तेमाल से खुद को फिट रखने के साथ ही पर्यावरण के संरक्षण की दिशा में भी कदम बढ़ाया जा सकता है इसके बारे में जाने. यही वजह है कि अब उन्होंने साइक्लिंग को अपनी फ़िटनेस के साथ ही एक और उद्देश्य से जोड़ लिया है जिसमें वह ज्यादा से ज्यादा युवाओं और बच्चों तक फिट इंडिया मूवमेंट और पर्यावरण संरक्षण के संदेश को लेकर जाएंगे. जसप्रीत की इस मुहिम को फिट इंडिया मूवमेंट की टीम की ओर से भी सराहा गया है और उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर जसप्रीत पॉल की मुहिम को कई बार शेयर भी किया है.