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करसोग में महेश राज को मिली हार, लेकिन वोट लेने के मामले में बनाया ये रोचक रिकॉर्ड

करसोग में भले ही कांग्रेस को चुनाव में हार झेलनी पड़ी हो, लेकिन इस बार विधानसभा चुनाव परिणाम में एक रोचक रिकॉर्ड सामने आया है. कांग्रेस प्रत्याशी महेश राज ने चुनाव हारने के बाद भी 1967 से लेकर 2017 तक हुए विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने वाले उम्मीदवार से अधिक वोट लिए हैं. (Congress candidate name record in Karsog )

करसोग में महेश राज को मिली हार
करसोग में महेश राज को मिली हार
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Published : Dec 14, 2022, 1:11 PM IST

करसोग: हिमाचल के करसोग में भले ही कांग्रेस को चुनाव में हार झेलनी पड़ी हो, लेकिन इस बार विधानसभा चुनाव परिणाम में एक रोचक रिकॉर्ड सामने आया है. यहां कांग्रेस प्रत्याशी महेश राज ने चुनाव हारने के बाद भी 1967 से लेकर 2017 तक हुए विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने वाले उम्मीदवार से अधिक वोट लिए हैं. जो पिछले 12 विधानसभा चुनाव में जीतने वाले प्रत्याशी से अधिक वोट लेने का रिकॉर्ड है.(Congress candidate name record in Karsog )

50 साल में नहीं मिले इतने वोट: वहीं, विधानसभा क्षेत्र के 50 साल के इतिहास में चुनाव जीतने वाले उम्मीदवार को कभी इतने अधिक मत नहीं पड़े. वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करने वाले भाजपा उम्मीदवार हीरा लाल को 22,102 वोट पड़े थे, जो पिछले 12 विधानसभा चुनाव में सबसे अधिक वोट लेने का रिकॉर्ड था. वहीं ,कांग्रेस उम्मीदवार ने हार के बाद भी 23,978 वोट हासिल किए हैं. (Mahesh Raj got defeated in Karsog)

1967 से 2017 तक जीतने वाले प्रत्याशी को पड़े वोट: करसोग में वर्ष 1967 के विधानसभा चुनाव में आजाद प्रत्याशी मनसा राम ने जीत दर्ज की थी. उन्हें 4,204 वोट मिले थे. इसके बाद वर्ष 1972 के चुनाव में भी कांग्रेस टिकट पर मनसा राम ने जीत दर्ज की थी. उनकी 6,951 वोट पड़े थे. 1977 में विधानसभा के चुनाव में जनता पार्टी के टिकट पर जोगिंद्रपाल ने चुनाव जीता था. उनको 7,582 मत पड़े थे. वर्ष 1982 में मनसा राम ने आजाद प्रत्याशी के तौर पर 8,992 वोट लेकर चुनाव जीता था. 1985 में भाजपा उम्मीदवार जोगिंद्रपाल 11,925 वोट लेकर विजय हुए थे.

1990 में लगातार दूसरी बार जीते थे जोगिंद्रपाल: वर्ष 1990 के विधानसभा चुनाव के जोगिंद्रपाल में भाजपा टिकट पर लगातार दूसरी बार जीत दर्ज की थी. उनको 15,855 वोट मिले थे. वर्ष 1993 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे, उनको 19,971 मत प्राप्त हुए थे. इसके बाद अगले चुनाव 1998 में लोगों ने हिमाचल विकास कांग्रेस के उम्मीदवार मनसा राम पर भरोसा जताया और उन्हें 13,009 वोटों से विजय बनाया.

2017 में हीरालाल को मिले थे 22 हजार से ज्यादा मत: वर्ष 2003 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी मस्तराम ने 19,124 मत हासिल कर जीत दर्ज की. वर्ष 2007 में आजाद प्रत्याशी हीरा लाल 19,609 वोट लेकर चुनाव जीतने में सफल रहे. इसके बाद वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी मनसा राम 18,978 वोट लेकर विधायक बने. वहीं वर्ष 2017 के भाजपा उम्मीदवार हीरालाल ने 22,102 मत हासिल कर विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की थी.

ये भी पढ़ें : मंडी की जनता ने परिवारवाद को नकारा, इन दो नेताओं को करना पड़ा हार का सामना

करसोग: हिमाचल के करसोग में भले ही कांग्रेस को चुनाव में हार झेलनी पड़ी हो, लेकिन इस बार विधानसभा चुनाव परिणाम में एक रोचक रिकॉर्ड सामने आया है. यहां कांग्रेस प्रत्याशी महेश राज ने चुनाव हारने के बाद भी 1967 से लेकर 2017 तक हुए विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने वाले उम्मीदवार से अधिक वोट लिए हैं. जो पिछले 12 विधानसभा चुनाव में जीतने वाले प्रत्याशी से अधिक वोट लेने का रिकॉर्ड है.(Congress candidate name record in Karsog )

50 साल में नहीं मिले इतने वोट: वहीं, विधानसभा क्षेत्र के 50 साल के इतिहास में चुनाव जीतने वाले उम्मीदवार को कभी इतने अधिक मत नहीं पड़े. वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करने वाले भाजपा उम्मीदवार हीरा लाल को 22,102 वोट पड़े थे, जो पिछले 12 विधानसभा चुनाव में सबसे अधिक वोट लेने का रिकॉर्ड था. वहीं ,कांग्रेस उम्मीदवार ने हार के बाद भी 23,978 वोट हासिल किए हैं. (Mahesh Raj got defeated in Karsog)

1967 से 2017 तक जीतने वाले प्रत्याशी को पड़े वोट: करसोग में वर्ष 1967 के विधानसभा चुनाव में आजाद प्रत्याशी मनसा राम ने जीत दर्ज की थी. उन्हें 4,204 वोट मिले थे. इसके बाद वर्ष 1972 के चुनाव में भी कांग्रेस टिकट पर मनसा राम ने जीत दर्ज की थी. उनकी 6,951 वोट पड़े थे. 1977 में विधानसभा के चुनाव में जनता पार्टी के टिकट पर जोगिंद्रपाल ने चुनाव जीता था. उनको 7,582 मत पड़े थे. वर्ष 1982 में मनसा राम ने आजाद प्रत्याशी के तौर पर 8,992 वोट लेकर चुनाव जीता था. 1985 में भाजपा उम्मीदवार जोगिंद्रपाल 11,925 वोट लेकर विजय हुए थे.

1990 में लगातार दूसरी बार जीते थे जोगिंद्रपाल: वर्ष 1990 के विधानसभा चुनाव के जोगिंद्रपाल में भाजपा टिकट पर लगातार दूसरी बार जीत दर्ज की थी. उनको 15,855 वोट मिले थे. वर्ष 1993 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे, उनको 19,971 मत प्राप्त हुए थे. इसके बाद अगले चुनाव 1998 में लोगों ने हिमाचल विकास कांग्रेस के उम्मीदवार मनसा राम पर भरोसा जताया और उन्हें 13,009 वोटों से विजय बनाया.

2017 में हीरालाल को मिले थे 22 हजार से ज्यादा मत: वर्ष 2003 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी मस्तराम ने 19,124 मत हासिल कर जीत दर्ज की. वर्ष 2007 में आजाद प्रत्याशी हीरा लाल 19,609 वोट लेकर चुनाव जीतने में सफल रहे. इसके बाद वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी मनसा राम 18,978 वोट लेकर विधायक बने. वहीं वर्ष 2017 के भाजपा उम्मीदवार हीरालाल ने 22,102 मत हासिल कर विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की थी.

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