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कोटली में CM ने साझा किया पंडित सुखराम से मुलाकात का किस्सा, बोले- पैरों तले खिसक गई थी जमीन

सीएम ने कहा कि पंडित सुखराम की इस बात से उन्हें लगा था कि वे शायद अनिल शर्मा को टिकट देने की बात कह रहे है. लेकिन जैसे ही सुखराम ने पोते आश्रय शर्मा की ओर इशारा किया तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई.

जयराम ठाकुर
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Published : Apr 11, 2019, 7:42 PM IST

मंडी: संसदीय सीट मंडी में सीएम जयराम ठाकुर ने प्रचार अभियान तेज कर दिया है. पंडित सुखराम के गढ़ कोटली में आयोजित जनसभा में सीएम जयराम ठाकुर ने पंडित सुखराम परिवार पर जमकर जुबानी हमला किया.

jairam thakur
जयराम ठाकुर

इस दौरान सीएम ने जनसभा में पंडित सुखराम व आश्रय के साथ एक मुलाकात का किस्सा साझा किया. उन्होंने कहा कि पंडित सुखराम व उनके पौते एक बार उनसे मिलने के लिए पहुंचे. सीएम ने कहा कि पंडित सुखराम ने मंडी लोकसभा सीट पर चर्चा करते हुए कहा था कि वे रामस्वरूप को प्रबल कैंडिडेट नहीं मानते हैं. इसके साथ ही उन्होंने प्रबल उम्मीदवार देने की बात कही.

सीएम ने कहा कि पंडित सुखराम की इस बात से उन्हें लगा था कि वे शायद अनिल शर्मा को टिकट देने की बात कह रहे है, लेकिन जैसे ही सुखराम ने पोते आश्रय शर्मा की ओर इशारा किया तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई.

मुख्यमंत्री ने कहा कि आश्रय का नाम सुनते ही वे विचलित हो गए. उन्होंने कहा कि पंडित सुखराम वरिष्ठ नेता हैं और उन्हें इस उम्र में अब हमारा मार्ग दर्शन करना चाहिए था. सीएम ने हैरानी जताते हुए कहा कि पूर्व केंद्रीय मंत्री इतनी जल्दबाजी में क्यों है और आश्रय की जगह अगर अनिल की बात लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार बनाने की करते तो इस पर जरूर विचार किया जा सकता था.

जयराम ठाकुर

इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में पंडित सुखराम परिवार पर जमकर निशाना साधा और जनता के हित के बजाय परिवार के हित साधने वाला बताया. अनिल शर्मा को आड़े हाथों लेते हुए सीएम ने कहा कि उन्हें बीजेपी ने हर सम्मान दिया और मंत्री पद पर भी आसीन किया, लेकिन ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि अनिल मंत्री होकर भी मुख्यमंत्री को नेता नहीं मानते हैं.

मंडी: संसदीय सीट मंडी में सीएम जयराम ठाकुर ने प्रचार अभियान तेज कर दिया है. पंडित सुखराम के गढ़ कोटली में आयोजित जनसभा में सीएम जयराम ठाकुर ने पंडित सुखराम परिवार पर जमकर जुबानी हमला किया.

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जयराम ठाकुर

इस दौरान सीएम ने जनसभा में पंडित सुखराम व आश्रय के साथ एक मुलाकात का किस्सा साझा किया. उन्होंने कहा कि पंडित सुखराम व उनके पौते एक बार उनसे मिलने के लिए पहुंचे. सीएम ने कहा कि पंडित सुखराम ने मंडी लोकसभा सीट पर चर्चा करते हुए कहा था कि वे रामस्वरूप को प्रबल कैंडिडेट नहीं मानते हैं. इसके साथ ही उन्होंने प्रबल उम्मीदवार देने की बात कही.

सीएम ने कहा कि पंडित सुखराम की इस बात से उन्हें लगा था कि वे शायद अनिल शर्मा को टिकट देने की बात कह रहे है, लेकिन जैसे ही सुखराम ने पोते आश्रय शर्मा की ओर इशारा किया तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई.

मुख्यमंत्री ने कहा कि आश्रय का नाम सुनते ही वे विचलित हो गए. उन्होंने कहा कि पंडित सुखराम वरिष्ठ नेता हैं और उन्हें इस उम्र में अब हमारा मार्ग दर्शन करना चाहिए था. सीएम ने हैरानी जताते हुए कहा कि पूर्व केंद्रीय मंत्री इतनी जल्दबाजी में क्यों है और आश्रय की जगह अगर अनिल की बात लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार बनाने की करते तो इस पर जरूर विचार किया जा सकता था.

जयराम ठाकुर

इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में पंडित सुखराम परिवार पर जमकर निशाना साधा और जनता के हित के बजाय परिवार के हित साधने वाला बताया. अनिल शर्मा को आड़े हाथों लेते हुए सीएम ने कहा कि उन्हें बीजेपी ने हर सम्मान दिया और मंत्री पद पर भी आसीन किया, लेकिन ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि अनिल मंत्री होकर भी मुख्यमंत्री को नेता नहीं मानते हैं.

Intro:मंडी। पंडित सुखराम के गढ़ कोटली में आयोजिय जनसभा में सीएम जयराम ठाकुर ने पंडित सुखराम परिवार के कई राज खोले। उन्होंने जनसभा में पंडित सुखराम व आश्रय के साथ एक मुलाकात का किस्सा साझा किया। कहा कि पंडित सुखराम व उनके पौते एक बार उनसे मिलने के लिए पहुंचे।


Body:इस भेंट में पंडित सुखराम ने उन्हें एक सलाह दी कि मंडी से लोकसभा चुनाव के सासंद रामस्वरुप की स्थिति ठीक नहीं है। उम्मीदवार नहीं है। आप उनके लिए टिकट चक्कर में मत पड़ना। कहा कि मैंने साफ किया कि टिकट मैं नहीं बल्कि पार्टी देती है। पंडित सुखराम ने मुझे कहा कि मैं मंडी संसदीय लोकसभा क्षेत्र से एक मजबूत उम्मीदवार देना चाहता हूं। जो जीतेंगे और हर हालत में जीतेंगे। मैंने सोचा वह अनिल शर्मा के बारे में बात कर रहे होंगे, लेकिन उस वक़्त मेरे पांव के तले जमीन खिसक गई जब उन्होंने हिलती हुई उंगलियों से अपने पौते आश्रय की तरफ इशारा किया। कहा कि इसको टिकट दो, मंडी से जिताने की जिम्मेवारी मेरी होगी। मैं थोड़ी देर विचलित हुआ कि आखिरकार पंडित जी को इतनी जल्दबाजी में क्यों हैं। उन्होंने कहा कि अगर वह अनिल की जगह आश्रय के लिए विधानसभा टिकट की पैरवी करते तो इस पर विचार किया जा सकता था। अनिल शर्मा ने खुद भी कहा कि वह राजनीति में अधिक इच्छा नहीं रखते हैं। कहा कि इस सबसे मैं बेहद हैरान हुआ की हमारे पंडित जी कितने दूरदर्शी सोच के हैं। ऐसे में मैंने टिकट का निर्णय केन्द्रीय नेतृत्व द्वारा किये जाने बारे बताया।


Conclusion:बता दें कि कोटली के साइगलू में सीएम जयराम ठाकुर ने पंडित सुखराम व मंत्री अनिल शर्मा के खिलाफ जमकर निशाना साधा। उन्होंने जनसभा में पुराने वाक्यों को साझा किया और राष्ट्र के बजाए परिवार के हित साधने वाला बताया।
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