करसोग: ग्रामीण क्षेत्रों में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत हर गांव को सुविधा से जोड़ने के लिए सड़कों का जाल बिछाया जा रहा है. सड़क निर्माण का काम पूरा होते ही रूटों पर सरकार को डिमांड के मुताबिक बसें चलाना मुश्किल हो रहा है. इसके तहत मुख्यमंत्री से मुलाकात करने के बाद भी लोगों की माग पूरी नहीं हो रही है.
इसकी गवाही करसोग के तहत पड़ने वाला शलानी रूट दे रहा है. स्थानीय निवासी कई सालों से शलानी से करसोग के लिए सीधी बस सेवा शुरू करने की मांग कर रहे हैं. इसे लेकर विभिन्न पंचायतों का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री से भी मुलाकात कर चुका है. बस सेवा को शुरू करने के लिए पंचायत समिति करसोग की बैठक में सरकार को कई प्रस्ताव भी भेजे गए हैं, लेकिन अभी तक लोगों की मांग पूरी नहीं हुई है. इससे लोगों में परिवहन निगम के प्रति भारी रोष है. इस मामले पर लोगों ने मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप मांग कर जल्द से जल्द बस सेवा शुरू करने का आग्रह किया है.
शलानी से करसोग को बस सेवा नहीं:
शलानी से करसोग रुट पर कोई भी बस सेवा उपलब्ध नहीं है. कुछ साल पहले इस रुट पर करसोग के लिए बस चलती थी, लेकिन यह बस भी अब बंद हो गई है. इस रूट के साथ लगते गांव में जाने के लिए लोगों को फहले मुख्य मार्ग, शलानी, बगशाड और मेहरन मोड़ तक पहुंचने के लिए 8 से 10 किलोमीटर तक का पैदल सफर तय करना पड़ता है. इसके बाद यहां से करसोग के लिए बस लेनी पड़ती है. शलानी सहित साथ कई गांव से कर्मचारी, स्कूल व कॉलेज के छात्र करसोग पढ़ने जाते हैं. बड़ी संख्या में किसानों को अपने उत्पाद, चुराग और सब्जी बेचने के लिए मंडी जाना पड़ता है.
ऐसे में करसोग के लिए बस सेवा न होने से लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. बस और स्टाफ की भेजी डिमांड पर क्षेत्रीय प्रबंधक आरएम अनिल शर्मा का कहना है कि बस और स्टाफ की डिमांड प्राप्त हुई है. बस और स्टाफ के मिलते ही शलानी के लिए बस सेवा शुरू की जाएगी.
बस सेवा शुरू नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी:
पंचायत समिति करसोग के उपाध्यक्ष कमल नयन शर्मा का कहना है कि लोगों की समस्या को देखते हुए कई बार पंचायत समिति की बैठक में प्रस्ताव तैयार कर सरकार को भेजे गए हैं. इस बारे में लोगों का एक प्रतिनिधिमंडल भी मुख्यमंत्री से मिल चुका है, लेकिन इसके बाद अभी तक लोगों की मांग पूरी नहीं हुई है. उनका कहना है कि 15 दिन में सरकार की ओर से शलानी से करसोग को बस शुरू न होने पर 4 पंचायतों के लोगों को चक्का जाम करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा.
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