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सुंदरनगर दुष्कर्म मामले में पीड़िता के बयान की गोपनीयता पर उठे सवाल, बीआर कौंडल ने की जांच की मांग

ईटीवी भारत के साथ अनौपाचारिक बातचीत में कानूनी सलाहकार बीआर कौंडल ने सुंदरनगर दुष्कर्म मामले में पीड़िता के बयान की गोपनीयता पर उठे सवाल. मामले में जांच की उठाई मांग.

सुंदरनगर दुष्कर्म
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Published : Sep 7, 2019, 10:49 PM IST

सुंदरनगरः पिछले दिनों सुंदरनगर थाना के अंतर्गत दर्ज दुष्कर्म मामले में पीड़िता के बयान की गोपनीयता पर सवाल खड़े कर दिए हैं. इसको लेकर जिला मंडी के सुंदनगर में अधिवक्ता परिषद द्वारा स्थानीय अधिवक्ताओं द्वारा आयोजित स्टडी सर्कल में बतौर मुख्य वक्ता शिरकत करने आए सेवानिवृत्त एडीएम व वर्तमान कानूनी सलाहकार बीआर कौंडल ने ईटीवी भारत के साथ अनौपाचारिक बात की.

बीआर कौंडल ने कहा कि भारतीय दंड संहिता की धारा 376 में कोई प्राथमिकी दर्ज होना एक जघन्य अपराध की श्रेणी में आता है. उन्होंने कहा कि इस दौरान पुलिस द्वारा सर्वप्रथम पीड़ित महिला का मेडिकल परिक्षण करवाया जाता है और इसके उपरांत जल्द से जल्द न्यायधीश के समक्ष सीआरपीसी की धारा 164 में बयान दर्ज करवाया जाता है. उन्होंने कहा कि नियमानुसार धारा 164 के तहत जब भी किसी पीड़िता का ब्यान दर्ज होता है तो वो 'इन कैमरा' दर्ज होता है.

कानूनी सलाहकार बीआर कौंडल से ईटीवी भारत संवाददाता की बातचीत

बीआर कौंडल ने कहा कि इस बयान को उसी दिन सार्वजनिक कर उसकी पुष्टि करना एक संगीन कृत्य है. उन्होंने कहा सबसे हैरानगी की बात यह है कि जिला मंडी पुलिस द्वारा इस बयान की पुष्टि भी की जा रही है. उन्होंने कहा कि जबकि धारा 164 के तहत जज के सामने जो भी बयान दर्ज होता है,उसमें दूर-दूर तक पुलिस का कोई रोल नहीं होता है. उन्होंने कहा कि इस मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए. उन्होंने अगर ऐसे गंभीर मामलों में पुलिस कार्रवाई इस तरह से सार्वजनिक होने लगे तो कोर्ट की गोपनीयता पर भी सवाल उठने लगेंगे. उन्होंने कहा कि इस प्रकार से पीड़िता के 164 के तहत दर्ज बयान को सार्वजनिक होने की जांच होनी चाहिए.बता दें कि पिछले दिनों सुंदरनगर में एक दुष्कर्म मामले में पीड़िता का बयान धारा 164 के तहत उसी दिन सार्वजनिक कर जिला मंडी पुलिस द्वारा पुष्टि की गई थी.

सुंदरनगरः पिछले दिनों सुंदरनगर थाना के अंतर्गत दर्ज दुष्कर्म मामले में पीड़िता के बयान की गोपनीयता पर सवाल खड़े कर दिए हैं. इसको लेकर जिला मंडी के सुंदनगर में अधिवक्ता परिषद द्वारा स्थानीय अधिवक्ताओं द्वारा आयोजित स्टडी सर्कल में बतौर मुख्य वक्ता शिरकत करने आए सेवानिवृत्त एडीएम व वर्तमान कानूनी सलाहकार बीआर कौंडल ने ईटीवी भारत के साथ अनौपाचारिक बात की.

बीआर कौंडल ने कहा कि भारतीय दंड संहिता की धारा 376 में कोई प्राथमिकी दर्ज होना एक जघन्य अपराध की श्रेणी में आता है. उन्होंने कहा कि इस दौरान पुलिस द्वारा सर्वप्रथम पीड़ित महिला का मेडिकल परिक्षण करवाया जाता है और इसके उपरांत जल्द से जल्द न्यायधीश के समक्ष सीआरपीसी की धारा 164 में बयान दर्ज करवाया जाता है. उन्होंने कहा कि नियमानुसार धारा 164 के तहत जब भी किसी पीड़िता का ब्यान दर्ज होता है तो वो 'इन कैमरा' दर्ज होता है.

कानूनी सलाहकार बीआर कौंडल से ईटीवी भारत संवाददाता की बातचीत

बीआर कौंडल ने कहा कि इस बयान को उसी दिन सार्वजनिक कर उसकी पुष्टि करना एक संगीन कृत्य है. उन्होंने कहा सबसे हैरानगी की बात यह है कि जिला मंडी पुलिस द्वारा इस बयान की पुष्टि भी की जा रही है. उन्होंने कहा कि जबकि धारा 164 के तहत जज के सामने जो भी बयान दर्ज होता है,उसमें दूर-दूर तक पुलिस का कोई रोल नहीं होता है. उन्होंने कहा कि इस मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए. उन्होंने अगर ऐसे गंभीर मामलों में पुलिस कार्रवाई इस तरह से सार्वजनिक होने लगे तो कोर्ट की गोपनीयता पर भी सवाल उठने लगेंगे. उन्होंने कहा कि इस प्रकार से पीड़िता के 164 के तहत दर्ज बयान को सार्वजनिक होने की जांच होनी चाहिए.बता दें कि पिछले दिनों सुंदरनगर में एक दुष्कर्म मामले में पीड़िता का बयान धारा 164 के तहत उसी दिन सार्वजनिक कर जिला मंडी पुलिस द्वारा पुष्टि की गई थी.

Intro:दुष्कर्म मामले में पीडिता के बयान की गोपनियता पर उठे सवाल, क़ानूनी सलाहकार बीआर कौंडल ने की जाँच की मांगBody:एकर : पिछले दिनों सुंदरनगर थाना के अंतर्गत दर्ज दुष्कर्म मामले में पीड़िता के बयान की गोपनियता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। इसको लेकर जिला मंडी के सुंदनगर में अधिवक्ता परिषद द्वारा स्थानीय अधिवक्ताओं द्वारा आयोजित स्टडी सर्कल में बतौर मुख्य वक्ता शिरकत करने आए सेवानिवृत्त एडीएम व वर्तमान कानूनी सलाहकार बीआर कौंडल ने ईटीवी भारत के साथ अनौपाचारिक बात की। बीआर कौंडल ने कहा कि भारतीय दंड संहिता की धारा 376 में कोई प्राथमिकी दर्ज होना एक जघन्य अपराध की श्रेणी में आता है। उन्होंने कहा कि इस दौरान पुलिस द्वारा सर्वप्रथम पीड़ित महिला का मेडिकल परिक्षण करवाया जाता है और इसके उपरांत जल्द से जल्द न्यायधीश के समक्ष सीआरपीसी की धारा 164 में बयान दर्ज करवाया जाता है। उन्होंने कहा कि  नियमानुसार धारा 164 के तहत जब भी किसी पीड़ीता का ब्यान दर्ज होता है तो वो 'इन कैमरा' दर्ज होता है। बीआर कौंडल ने कहा कि इस बयान को उसी दिन सार्वजनिक कर उसकी पुष्टि करना एक संगीन कृत्य है। उन्होंने कहा सबसे हैरानगी की बात यह है कि जिला मंडी पुलिस द्वारा इस बयान की पुष्टि भी की जा रही है। उन्होंने कहा कि जबकि धारा 164 के तहत जज के सामने जो भी बयान दर्ज होता है,उसमें दूर-दूर तक पुलिस का कोई रोल नहीं होता है। उन्होने कहा कि इस मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। उन्होंने अगर ऐसे गंभीर मामलों में पुलिस कार्रवाई इस तरह से सार्वजनिक होने लगे तो कोर्ट की गोपनीयता पर भी सवाल उठने लगेंगे। उन्होंने कहा कि इस प्रकार से पीड़िता के 164 के तहत दर्ज बयान को सार्वजनिक होने की जांच होनी चाहिए।बता दें कि पिछले दिनों सुंदरनगर में एक दुष्कर्म मामले में पीड़ीता का बयान धारा 164 के तहत उसी दिन सार्वजनिक कर जिला मंडी पुलिस द्वारा पुष्टि की गई थी। Conclusion:वन टू वन : सेवानिवृत्त एडीएम व वर्तमान कानूनी सलाहकार बीआर कौंडल से ईटीवी भारत के सवादाता नितेश सैनी के साथ अनौपाचारिक बात
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