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हिमाचल के ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़े रहे ब्लड प्रेशर के मरीज, जानें इससे बचने के उपाय

करसोग सिविल अस्पताल में पिछले साल बीपी के 1700 नए मामले पाये गये. ग्रामीण क्षेत्रों में लगातार सामने आ रहे बीपी के मरीजों की संख्या का ये आंकड़ा इसलिए हैरान करने वाला है कि गांव में लोग खेतों में कठिन काम करते हैं. इसके बाद भी बीपी के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है.

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हिमाचल के ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़े रहे ब्लड प्रेशर के मरीज
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Published : Dec 16, 2019, 12:47 PM IST

करसोग: सही डाइट न लेने और खराब लाइफस्टाइल का बुरा असर अब ग्रामीण क्षेत्रों में दिखने लगा है. खानपान की बदलती आदतों के कारण कुछ साल तक शहरों की बीमारी समझे जाने वाला ब्लड प्रेशर के मरीजों की संख्या अब गांव में भी बढ़ने लगी है.

इसका खुलासा करसोग सिविल अस्पताल में के रिकॉर्ड में दर्ज आंकड़े से हुआ है. अकेले सिविल अस्पताल में पिछले साल 1700 बीपी के नये मामले पाये गये. ग्रामीण क्षेत्रों में लगातार सामने आ रहे बीपी के मरीजों की संख्या का ये आंकड़ा इसलिए हैरान करने वाला है कि गांव में लोग खेतों में कठिन काम करते हैं. इसके बाद भी बीपी के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है.

वीडियो.

बीपी से बचना है तो ये करें

रोजाना कम-से-कम आधा घंटा कार्डियो एक्सरसाइज करें जैसे कि ब्रिस्क वॉक, जॉगिंग, साइकलिंग, स्विमिंग, एरोबिक्स, डांस आदि. हेल्दी डायट लें और सही लाइफस्टाइल फॉलो करें. डायट में हाई-फाइबर वाली चीजें शामिल करें, जैसे कि ज्वार, बाजरा, गेहूं, दलिया और स्प्राउट्स आदि. इसके अलावा रोजाना कम से कम 10 गिलास पानी पिएं. टेंशन, थकान और तनाव से दूर रहें. मूड हल्का रखने के लिए म्यूजिक सुनें या फिर डांस करें.

फास्ट फूड, मैगी, चिप्स, सॉस, चॉकलेट, सैचरेटेड फैट जैसे कि देसी घी, वनस्पति या फिर नारियल तेल खाने से बचें. डायट में नमक का बैलेंस बनाकर रखें. हाईबीपी की स्थिति में ज्यादा नमक खाने से बचें.
करसोग सिविल हॉस्पिटल के बीएमओ डॉ. राकेश प्रताप का कहना है कि गांव में खानपान की बदली आदतें बीपी के लिए सबसे बड़ा जिम्मेदार है. उनका कहना है कि लोग नमक, तेल और घी का ज्यादा इस्तेमाल करते हैं. इसके अतिरिक्त मानसिक परेशानी या फिर फैमिली हिस्ट्री के कारण भी बीपी का ज्यादा चांस रहता है.

ये भी पढ़ें- आफत की बर्फबारी: कई इलाकों में बिजली गुल, रविवार को 4 NH सहित 259 सड़कें रही बंद

करसोग: सही डाइट न लेने और खराब लाइफस्टाइल का बुरा असर अब ग्रामीण क्षेत्रों में दिखने लगा है. खानपान की बदलती आदतों के कारण कुछ साल तक शहरों की बीमारी समझे जाने वाला ब्लड प्रेशर के मरीजों की संख्या अब गांव में भी बढ़ने लगी है.

इसका खुलासा करसोग सिविल अस्पताल में के रिकॉर्ड में दर्ज आंकड़े से हुआ है. अकेले सिविल अस्पताल में पिछले साल 1700 बीपी के नये मामले पाये गये. ग्रामीण क्षेत्रों में लगातार सामने आ रहे बीपी के मरीजों की संख्या का ये आंकड़ा इसलिए हैरान करने वाला है कि गांव में लोग खेतों में कठिन काम करते हैं. इसके बाद भी बीपी के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है.

वीडियो.

बीपी से बचना है तो ये करें

रोजाना कम-से-कम आधा घंटा कार्डियो एक्सरसाइज करें जैसे कि ब्रिस्क वॉक, जॉगिंग, साइकलिंग, स्विमिंग, एरोबिक्स, डांस आदि. हेल्दी डायट लें और सही लाइफस्टाइल फॉलो करें. डायट में हाई-फाइबर वाली चीजें शामिल करें, जैसे कि ज्वार, बाजरा, गेहूं, दलिया और स्प्राउट्स आदि. इसके अलावा रोजाना कम से कम 10 गिलास पानी पिएं. टेंशन, थकान और तनाव से दूर रहें. मूड हल्का रखने के लिए म्यूजिक सुनें या फिर डांस करें.

फास्ट फूड, मैगी, चिप्स, सॉस, चॉकलेट, सैचरेटेड फैट जैसे कि देसी घी, वनस्पति या फिर नारियल तेल खाने से बचें. डायट में नमक का बैलेंस बनाकर रखें. हाईबीपी की स्थिति में ज्यादा नमक खाने से बचें.
करसोग सिविल हॉस्पिटल के बीएमओ डॉ. राकेश प्रताप का कहना है कि गांव में खानपान की बदली आदतें बीपी के लिए सबसे बड़ा जिम्मेदार है. उनका कहना है कि लोग नमक, तेल और घी का ज्यादा इस्तेमाल करते हैं. इसके अतिरिक्त मानसिक परेशानी या फिर फैमिली हिस्ट्री के कारण भी बीपी का ज्यादा चांस रहता है.

ये भी पढ़ें- आफत की बर्फबारी: कई इलाकों में बिजली गुल, रविवार को 4 NH सहित 259 सड़कें रही बंद

Intro:सही डाइट न लेने और खराब लाइफ स्टाइल का बुरा असर अब ग्रामीण क्षेत्रों में दिखने लगा है। खानपान की बदलती आदतों के कारण कुछ साल तक शहरों की बीमारी समझे जाने वाला ब्लड प्रेशर के मरीजों की संख्या अब गांव में भी बढ़ने लगी है। इसका खुलासा करसोग सिविल अस्पताल में के रिकॉर्ड में दर्ज आंकड़े से हुआ है। अकेले सिविल अस्पताल में पिछली साल 1700 नए मामले बीपी की बीमारी पाई गई। ग्रामीण क्षेत्रों में लगातार सामने आ रहे बीपी के मरीजों की संख्या का ये आंकड़ा इसलिए हैरान करने वाला है की गांव में लोग खेतों में भारी काम करते है। इसके बाद भी बीपी के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। Body:बीपी से बचना है तो करें ऐसा:
-रोजाना कम-से-कम आधा घंटा कार्डियो एक्सर्साइज करें जैसे कि ब्रिस्क वॉक, जॉगिंग, साइकलिंग, स्विमिंग, एरोबिक्स, डांस आदि हैं।

- हेल्दी डायट लें और सही लाइफस्टाइल फॉलो करें। डायट में हाई-फाइबर वाली चीजें शामिल करें, जैसे कि ज्वार, बाजरा, गेंहू, दलिया और स्प्राउट्स आदि। इसके अलावा रोजाना कम से कम 10 गिलास पानी पिएं।

- टेंशन, थकान और तनाव से दूर रहें। मूड हल्का रखने के लिए म्यूजिक सुनें या फिर डांस करें। या फिर कुछ ऐसा काम करें जिसमें आपका मन लगता हो।

- फास्ट फूड, मैगी, चिप्स, सॉस, चॉकलेट, सैचरेटेड फैट जैसे कि देसी घी, वनस्पति या फिर नारियल तेल खाने से बचें।

- डायट में नमक का बैलेंस बनाकर रखें। हाई बीपी की स्थिति में ज्यादा नमक खाने से बचें।






Conclusion:करसोग सिविल हॉस्पिटल के बीएमओ डॉ राकेश प्रताप का कहना है कि गांव में खानपान की बदली आदतें बीपी के लिए सबसे बड़ा जिम्मेवार है। उनका कहना है कि लोग नमक, तेल, और घी का ज्यादा इस्तेमाल करते हैं। इसके अतिरिक्त मानसिक परेशानी या फिर फैमिली हिस्ट्री के कारण भी बीपी का ज्यादा चांस रहता है।
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