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27 साल बाद बड़ा देव कमरूनाग नई कोठी में विराजमान! पारंपरिक तरीके से फहराया गया देव ध्वज

मंडी के देव कमरूनाग के नवनिर्मित कोठी में विराजमान होने के साथ देव ध्वज पताका को भी पारंपरिक तरीके से पूजा कर फहराया गया. बड़ा देव कमरूनाग छोटी काशी मंडी के अराध्य देव हैं.

deity kamrunag
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Published : May 12, 2019, 12:55 AM IST

मंडी: छोटी काशी मंडी के अराध्य बड़ा देव कमरूनाग 27 साल बाद कथित रूप से रोहांडा के मझोठी में स्थित नई कोठी में विराजमान हो गए हैं. देव कमरूनाग कमेटी रोहांडा द्वारा आयोजित प्रतिष्ठा कार्यक्रम 9 से 13 मई तक आयोजित किया गया है.

प्रतिष्ठा अनुष्ठान के पहले दिन सात पंडितों द्वारा विधिवत पूजन कर कार्यक्रम की शुरूआत की गई. पहले दिन के पूजन के बाद देव कमरूनाग की नवनिर्मित कोठी के साथ देव ध्वज पताका को भी पारंपरिक तरीके से पूजा कर फहराया गया.

deity kamrunag temple
देव कमरूनाग मंदिर

बता दें इस देव ध्वज को फहराने के लिए उपयोग में लाई गई लकड़ी पूरे पेड़ को काटकर उपयोग लाई जाती है. जानकारी देते हुए देव श्री कमरूनाग कमेटी मझोठी, रोहांडा के सचिव दुनी चंद ने कहा कि देव कमरूनाग का सूरज पखे को पहले पुरानी कोठी में रखा जाता था. पुरानी वाली कोठी को बने हुए काफी साल हो गए थे और जगह की कमी के चलते नई कोठी का निर्माण देव कृपा से करवाया गया है.

देव कमरूनाग मंदिर

दुनी चंद ने कहा कि देव श्री कमरूनाग की कोठी का निर्माण 27 साल के बाद किया गया है. अब 13 मई को प्रतिष्ठा अनुष्ठान संपन्न होने के बाद देव कमरूनाग अपनी नई कोठी में विराजमान हो जाएंगे. इसके बाद देव सिर्फ स्थानीय प्राचीन मेलों और लोगों के घर आतिथ्य के लिए ही अपनी कोठी से बाहर निकलेंगे. इस अवसर पर देव बाला टिक्का सहित क्षेत्र के अन्य देवताओं के गुर भी भाग लेने आए हुए हैं. अनुष्ठान के अंतिम दिन 13 मई को विशाल भंडारे का आयोजन है. उन्होंने सभी देवभक्तों से इस आयोजन में बढ़चढ़ कर भाग लेने का आग्रह किया है.

ये भी पढ़ें - 'देवभूमि' हिमाचल के 5 प्रमुख शक्तिपीठ, जानिए क्या है इन मंदिरों की मान्यता

मंडी: छोटी काशी मंडी के अराध्य बड़ा देव कमरूनाग 27 साल बाद कथित रूप से रोहांडा के मझोठी में स्थित नई कोठी में विराजमान हो गए हैं. देव कमरूनाग कमेटी रोहांडा द्वारा आयोजित प्रतिष्ठा कार्यक्रम 9 से 13 मई तक आयोजित किया गया है.

प्रतिष्ठा अनुष्ठान के पहले दिन सात पंडितों द्वारा विधिवत पूजन कर कार्यक्रम की शुरूआत की गई. पहले दिन के पूजन के बाद देव कमरूनाग की नवनिर्मित कोठी के साथ देव ध्वज पताका को भी पारंपरिक तरीके से पूजा कर फहराया गया.

deity kamrunag temple
देव कमरूनाग मंदिर

बता दें इस देव ध्वज को फहराने के लिए उपयोग में लाई गई लकड़ी पूरे पेड़ को काटकर उपयोग लाई जाती है. जानकारी देते हुए देव श्री कमरूनाग कमेटी मझोठी, रोहांडा के सचिव दुनी चंद ने कहा कि देव कमरूनाग का सूरज पखे को पहले पुरानी कोठी में रखा जाता था. पुरानी वाली कोठी को बने हुए काफी साल हो गए थे और जगह की कमी के चलते नई कोठी का निर्माण देव कृपा से करवाया गया है.

देव कमरूनाग मंदिर

दुनी चंद ने कहा कि देव श्री कमरूनाग की कोठी का निर्माण 27 साल के बाद किया गया है. अब 13 मई को प्रतिष्ठा अनुष्ठान संपन्न होने के बाद देव कमरूनाग अपनी नई कोठी में विराजमान हो जाएंगे. इसके बाद देव सिर्फ स्थानीय प्राचीन मेलों और लोगों के घर आतिथ्य के लिए ही अपनी कोठी से बाहर निकलेंगे. इस अवसर पर देव बाला टिक्का सहित क्षेत्र के अन्य देवताओं के गुर भी भाग लेने आए हुए हैं. अनुष्ठान के अंतिम दिन 13 मई को विशाल भंडारे का आयोजन है. उन्होंने सभी देवभक्तों से इस आयोजन में बढ़चढ़ कर भाग लेने का आग्रह किया है.

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लोकेशन सुंदरनगर :
स्लग :
आस्था : बड़ा देव कमरूनाग 27 वर्षो के बाद नई कोठी में हुए विराजमान
देव कमरूनाग की नवनिर्मित कोठी के साथ देव ध्वज पताका को भी पारंपरिक तरीके से पूजा कर फहराया गया ,
छोटी काशी मंडी के अराध्य देव है बड़ा देव कमरूनाग,
हिमाचल प्रदेश को देव भूमि कहा जाता है क्योकि यहाँ देवी देवता करते है वास,
हर जिला में देवी देवताओ के है अलग-अलग रीतिरिवाज,
देव सिर्फ स्थानीय प्राचीन मेलों व लोगों के घर आतिथ्य के लिए अपनी कोठी सेनिकलते है बाहर.

सुंदरनगर (नितेश सैनी)

एकर : हिमाचल प्रदेश को देव भूमि कहा जाता है क्योकि यहाँ पर देवी देवता वास करते है और यहाँ पर हर जिला में देवी देवताओ के अलग-अलग रीतिरिवाज है इस समय बात हो रही है छोटी काशी मंडी के अराध्य बड़ा देव कमरूनाग  की जो 27 वर्षो के बाद रोहांडा के मझोठी में स्थित नई कोठी में विराजमान हो गए हैं। देव कमरूनाग कमेटी रोहांडा द्वारा आयोजित प्रतिष्ठा कार्यक्रम 9 से 13 मई तक आयोजित किया जा रहा है। प्रतिष्ठा अनुष्ठान के प्रथम दिन सात पंडितों द्वारा विधिवत पूजन कर कार्यक्रम की शुरूआत की गई। वहीं पहले दिन के पूजन के बाद देव कमरूनाग की नवनिर्मित कोठी के साथ देव ध्वज पताका को भी पारंपरिक तरीके से पूजा कर फहराया गया। बता दें इस देव ध्वज को फहराने के लिए उपयोग में लाई गई लकड़ी पूरे पेड़ को काटकर उपयोग लाई जाती है। जानकारी देते हुए देव श्री कमरूनाग कमेटी मझोठी,रोहांडा के सचिव दुनी चंद ने कहा कि देव कमरूनाग का सूरज पखे को पहले पुरानी कोठी में रखा जाता था। उन्होंने कहा कि पुरानी वाली कोठी को बने हुए काफी वर्ष हो गए थे और जगह की कमी के चलते नई कोठी का निर्माण देव क्रिपा से करवाया गया है। उन्होंने कहा कि देव श्री कमरूनाग की कोठी का निर्माण 27 वर्षों के बाद किया गया है। उन्होंने कहा कि अब 13 मई को प्रतिष्ठा अनुष्ठान संपन्न होने के बाद देव कमरूनाग अपनी नई कोठी में विराजमान हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि इसके उपरांत देव सिर्फ स्थानीय प्राचीन मेलों व लोगों के घर आतिथ्य के लिए ही अपनी कोठी से बाहर निकलेंगे। उन्होंने कहा कि इस अवसर पर देव बाला टिक्का सहित क्षेत्र के अन्य देवताओं के गुर भी भाग लेने आए हुए हैं। दुनी चंद ने कहा कि अनुष्ठान के अंतिम दिन 13 मई को विशाल भंडारे का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने सभी देवभक्तों से इस आयोजन में बढ़चढ़ कर भाग लेने का आग्रह किया है।

बाइट : सचिव देव कमरूनाग कमेटी रोहांडा दुनी चंद
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