करसोग: पूरे विश्व में मौत का तांडव मचा रहे कोरोना संक्रमण से लोग दहशत में हैं. इससे पब्लिक सेवा में दिन रात जुटे कर्मचारी भी अछूते नहीं है. कर्फ्यू के बीच लोगों की सेवा में लगे अधिकारियों और कर्मचारियों की पूरी दिनचर्या ही बदल गई है.
करसोग के तहत चुराग में स्थित को ऑपरेटिव बैंक में कार्य करने वाले कर्मचारी भी जान जोखिम में डाल कर अपनी सेवाएं दे रहे हैं. कर्मचारियों का कहना है कि घर से बाहर कदम रखते ही मन में पहला सवाल यही उठता है कि संक्रमण की चपेट में न आएं.
खौफ के इस माहौल में कर्मचारियों का बैंक में पूरी तरह से शेड्यूल बदल गया है. घर से बाहर पहला कदम रखते ही सोशल डिस्टेंसिंग के साथ सावधानियां बरतने का क्रम भी शुरू हो जाता है. इसके बाद बैंक के अंदर पहुंचने पर सबसे पहले कर्मचारी अपने आप को सेनिटाइज करते हैं.
अपनी-अपनी सीट पर बैठने के बाद ग्राहकों को एक एक करके बैंक के अंदर बुलाया जाता है. यही नहीं ग्राहकों को भी बैंक के अंदर आते ही सबसे पहले सेनिटाइज किया जाता है. इसके बाद बैंक कर्मचारी उचित दूरी बनाकर ग्राहकों को सेवाएं देते हैं.
बैंक से छुट्टी मिलते ही कर्मचारी घर पहुंच कर कपड़े धोने के साथ नहाने का काम करते है ताकि पब्लिक सेवा की जिम्मेवारी निभाने के साथ परिवार को भी करोना संक्रमण से बचाया जा सके. चुराग को ऑपरेटिव बैंक शाखा के वरिष्ठ प्रबंधक मनोज शर्मा का कहना है कि अपनी ड्यूटी तो निभानी पड़ रही है, इसके लिए आजकल अधिक सतर्क रहना पड़ता है.
सुबह घर से निकलते ही डर सताता है कि कहीं हम भी संक्रमण की चपेट में न आ जाएं. इससे बचने के लिए सेनिटाइजर का प्रयोग करना और मास्क लगाने के साथ सोशल डिस्टेंसिंग का पालन जरूरी है. वहीं, बैंक स्टाफ को भी संक्रमण से बचने के लिए जरूरी निर्देश दिए जाते हैं.
बता दें कि पीएम मोदी ने मंगलवार को अपने संबोधन में लॉकडाउन को 19 दिन के लिए और बढ़ा दिया है. अब 3 मई तक पूरा देश कोरोना महामारी से बचाव के चलते लॉकडाउन रहेगा.