मंडी: हिमाचल के मंडी जिले में एक ऐसी भी पंचायत है जहां पर कोई भी व्यक्ति खुले में शराब पीता हुआ पकड़ा जाए तो पंचायत की ओर से उसे नोटिस आ जाता है. इतना ही नहीं पंचायत द्वारा खुले में शराब पीने वाले व्यक्ति को पेशियां भी लगाई जाती हैं. यह पंचायत है बल्ह विकास खंड के तहत आने वाली ग्राम लुहाखर पंचायत.
इस पंचायत के प्रधान टेक चंद ठाकुर ने यहां पर खुले में शराब पीने को लेकर इतनी सख्ती बरत रखी है कि लोग खुले में शराब पीने का ख्वाब लेना भी भूल गए हैं. पंचायत प्रधान बनने से पहले ही एक युवा के नाते टेक चंद ठाकुर को यह बात बहुत अखरती थी कि पंचायत की छोटी-छोटी दुकानों और ढाबों में शाम ढलते ही शराबियों की महफिल सज जाती थी. जैसे ही टेक चंद ठाकुर को पंचायत प्रधान पद पर चुना गया तो उन्होंने सबसे पहले अपनी पंचायत में इस कुरीति को दूर करने की ठानी.
इस काम के लिए पंचायत की महिलाओं और अन्य बुद्धिजिवियों का भरपूर सहयोग मिला. जगह-जगह छापे मारे गए और खुले में शराब पीने वालों को नोटिस जारी करके पंचायत में पेशियां लगाई गई. नतीजा यह निकला कि आज इस पंचायत में खुले में कोई भी शराब पीने की सोचता भी नहीं है. युवा प्रधान टेक चंद ठाकुर ने बताया कि वे भावी पीढ़ी को इस कुरीति से दूर रखने की कोशिश कर रहे हैं और उसी कड़ी में यह प्रयास किया जा रहा है.
ग्रामीणों के अनुसार, पंचायत प्रधान बनने से पहले ही एक युवा के नाते टेक चंद ठाकुर को यह बात बहुत अखरती थी कि पंचायत की छोटी-छोटी दुकानों और ढाबों में शाम ढलते ही शराबियों की महफिल सज जाती थी. जैसे ही टेक चंद ठाकुर को पंचायत प्रधान पद पर चुना गया तो उन्होंने सबसे पहले अपनी पंचायत में इस कुरीति को दूर करने की ठानी. इस कार्य के लिए पंचायत की महिलाओं और अन्य बुद्धिजिवियों का भरपूर सहयोग मिला. जगह-जगह छापे मारे गए और खुले में शराब पीने वालों को नोटिस जारी करके पंचायत में पेशियां लगाई गई. नतीजा यह निकला कि आज इस पंचायत में खुले में कोई भी शराब पीने की सोचता भी नहीं है.
युवा प्रधान टेक चंद ठाकुर का कहना है कि वे भावी पीढ़ी को इस कुरीति से दूर रखने की कोशिश कर रहे हैं और उसी कड़ी में यह प्रयास किया जा रहा है. वहीं, ग्रामीणों का कहना है कि उनकी पंचायत में पहले खुले में शराब पीने के कारण शराबियों का हुड़दंग मचा रहता था, लेकिन आज इससे शांति है. खासकर महिलाएं इस बात से बेहद खुश हैं और युवा प्रधान टेक चंद ठाकुर का आभार जताते नहीं थकती. स्थानीय निवासी अदर सिंह और कौशल्या देवी ने बताया कि अब उनकी पंचायत पहले नशामुक्त पंचायत सिर्फ कहने के लिए ही थी, लेकिन इसे हकीकत में नशा मुक्त बनाने का कार्य मौजूदा प्रधान ने किया है.
गौरतलब है कि ग्राम पंचायत लुहाखर आज एक आदर्श पंचायत के रूप में उभर कर सामने आई है. इस पंचायत से बाकियों को भी सीख लेने की जरूरत है. क्योंकि प्रदेश के गांवों में बहुत से ऐसे छोटे-छोटे ढाबे और दुकानें हैं यहां पर अवैध शराब बिकती है और लोग वहां पर सरेआम बैठकर अपने ही इलाके का माहौल खराब करते हैं, लेकिन ग्राम पंचायत लुहाखर ने इसमें एक मिसाल पेश की है.
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