मंडी: हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में ग्राम पंचायत बलद्वाड़ा की पंचायत प्रधान को घोषणा पत्र में गलत जानकारी देने पर निष्कासित कर दिया गया है. उपायुक्त ने पंचायती राज अधिनियम के तहत यह आदेश जारी किए गए हैं. दरअसल, नामांकन भरते समय प्रधान पद की उम्मीदवार द्वारा शपथ पत्र में अतिक्रमण को लेकर गलत जानकारी साझा की गई थी. आदेश में उपायुक्त अधिनियम की धारा 146 (2) के प्रावधान अनुसार छह वर्ष की कालावधि के लिए पंचायत के पदाधिकारी के रूप में निर्वाचन के लिए अघोषित किया है.अधिनियम की धारा 131 के तहत प्रधान ग्राम पंचायत बलद्वाड़ा विकासखंड गोपालपुर के पद को रिक्त घोषित किया है. प्रधान को कहा गया है कि है अगर उनके पास ग्राम पंचायत का कोई भी अभिलेख, चल या अचल संपत्ति हो, तो उसे तुरंत संबंधित पंचायत सचिव को सौंप दें.
जानकारी के मुताबिक ज्ञानो देवी के खिलाफ लगे आरोपों पर उनके द्वारा हिमाचल प्रदेश पंचायती राज अधिनियम, 1994 (संशोधित) की धारा 181 के तहत उपायुक्त मंडी के समक्ष अपील दायर की गई थी. उपायुक्त मंडी द्वारा 25 अप्रैल 2023 में एसडीएम सरकाघाट द्वारा पारित निलंबन के आदेशों को सही ठहराते हुए ज्ञानो देवी पर लगे आरोप सही पाए जाने पर फैसले को सही बताया था, लेकिन ज्ञानो देवी ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई थी.
इस याचिका को उच्च न्यायालय ने 19 अक्टूबर 2023 को खारिज कर दिया है. इसलिये ज्ञानो देवी को विकास खंड अधिकारी गोपालपुर द्वारा कारण बताओ नोटिस 18 दिसंबर 2023 जारी किया गया था और उस नोटिस के संबंध में ज्ञानो देवी संतोषजनक नहीं दे पाई. ऐसे में उपायुक्त ने हिमाचल प्रदेश पंचायती राज अधिनियम, 1994 (संशोधित) की धारा 122(1)(ग) के प्रावधान के तहत सरकारी भूमि पर अतिक्रमण होने और प्रधान पद के लिए नामांकन दाखिल करते समय मिथ्या घोषणा करने के फलस्वरूप निर्वाचन को रद्द किए जाने के दृष्टिगत हिमाचल प्रदेश पंचायती राज अधिनियम, 1994 (संशोधित) की धारा 146 1(क) के प्रावधान के तहत तत्काल निष्कासित किया है. उपायुक्त मंडी अरिंदम चौधरी ने आदेश जारी होने की पुष्टि की है.
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