करसोग: प्रदेश में आए दिन सड़क हादसे हो रहे हैं, लेकिन सरकार इन हादसों से सबक लेती नजर नहीं आ रही है. जिला मंडी के करसोग में तत्तापानी से राकनी बखरोट से लुहरी सड़क पर केवल दस क्रैश बैरियर लगाए गए हैं.
बता दें कि मंडी जिला के करसोग उपमंडल में लोग आजादी के इतने दशक बाद भी अपनी जान जोखिम में डालकर यहां खतरनाक सड़कों में सफर करने को मजबूर हैं. बखरोट से लुहरी और तत्तापानी से राकनी सड़कों का जिम्मा करसोग पीडब्ल्यूडी डिवीजन का है.
पीडब्ल्यूडी की ओर से दस ऐसी जगहों पर क्रैश बैरियर लगाए गए हैं जहां दुर्घटनाएं हुई हैं, लेकिन इस डिवीजन में ना तो क्रैश बैरियर है और ना ही पैरापिट, जिससे कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है.
गौर रहे कि करसोग में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत अब तक कुल 52 सड़कों का निर्माण किया गया है. जिसकी लंबाई 350 किलोमीटर से अधिक है. इसमें कई सड़कों में तो फेज-2 के तहत कार्य चल रहा है. योजना के तहत बनी एक भी सड़क में न तो क्रैश बैरियर लगाए गए हैं और न वाहनों की सुरक्षा के लिए पैरापिट का निर्माण किया गया है.ऐसे में वाहन चालकों की जरा सी लापरवाही बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकती है.
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स्थानीय लोगों का कहना है कि विभाग की लापरवाही के कारण कभी भी यहां बड़ा हादसा हो सकता है. उन्होंने सरकार से यहां वाहनों की सुरक्षा के लिए पैरापिट का निर्माण करने की मांग की है.