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सेब पर मौसम की मार! इस बार 1.28 करोड़ पेटियां कम उत्पादन होने का अनुमान

प्रदेश में फ्लावरिंग के समय हुई बेमौसमी बारिश और तापमान में रहे उतार चढ़ाव का असर सेब की सेटिंग पर पड़ा है, जिस कारण प्रदेश में पिछली साल के मुकाबले में सेब उत्पादन 1.28 करोड़ पेटियां कम रहने का अनुमान लगाया गया है.

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सेब की पेटियां
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Published : Jul 18, 2020, 3:02 PM IST

Updated : Aug 17, 2020, 2:06 PM IST

मंडी: हिमाचल में इस बार पड़ी मौसम की मार से मंडियों में सेब की महक फीकी पड़ गई है. प्रदेश में फ्लावरिंग के समय हुई बेमौसमी बारिश और तापमान में रहे उतार चढ़ाव का असर सेब की सेटिंग पर पड़ा है, जिस कारण प्रदेश में पिछली साल के मुकाबले में सेब उत्पादन 1.28 करोड़ पेटियां कम रहने का अनुमान लगाया गया है. कम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में सेब सीजन शुरू हो गया है. ऐसे में मौसम की बेरुखी का असर मंडियों में साफ दिख रहा है.

इस बार मंडियों में टाइडमैन सहित स्पर वैरायटी का सेब पिछली साल की तुलना में अभी 30 से 35 फीसदी कम पहुंच रहा है. हालांकि, सीजन के शुरुआती चरण में मंडियों से राहत भरी खबर ये आ रही है कि बागवानों को सेब के दाम बहुत अच्छे मिल रहे हैं. टाइडमैन सेब का औसत रेट ही बागवानों को 70 से 80 रुपये प्रति किलो के हिसाब से मिला है. पिछली साल यही औसत भाव 40 से 50 रुपये किलो रहा था.

इसी तरह से स्पर किस्म के सेब का औसत रेट भी पिछली बार के मुकाबले में काफी अच्छा है. ऐसे में कम फसल होने के बावजूद मंडियों में सेब के अच्छे रेट मिलने से बागवानों के चेहरे खिल गए हैं. बता दें कि पिछली साल प्रदेश में सेब की उत्पादन 3, 57,62,650 पेटियां रहा था. इस बार यही अनुमान 2,29,28,700 पेटियां रहने का अनुमान लगाया गया है. बागवानी विभाग ने पहले ही सरकार को रिपोर्ट भेज दी है.

सेब इतिहास में 2010-11 में सबसे अधिक उत्पादन

हिमाचल के सेब इतिहास में वर्ष 2010-11 में सेब उत्पादन सबसे अधिक रहा था. उस वक्त पहली बार सेब पैदावार ने सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए थे. मौसम के साथ देने से हुई अच्छी सेटिंग के सेब की पेटियां 4 करोड़ के जादुई आंकड़े को पार गई थी. प्रदेश में सेब उत्पादन 4,46,05,600 पेटियां रहा था. उसके बाद कभी भी छोटे पहाड़ी राज्य में सेब की इतनी अच्छी फसल नहीं हुई.

सेब का कब कितना उत्पादन

  • साल उत्पादन ( पेटियों में)
  • 2014-15 3,12,59,997
  • 2015-16 3,88,57,300
  • 2016-17 2,34,06,663
  • 2017-18 2,23,28,675
  • 2018-19 1,84,30'143
  • 2019-20 3,57,62,650
  • 2020-21 2,29,28,700 (अनुमानित)

प्रदेश में पिछली साल की तुलना में इस बार सेब की फसल करीब 35 फीसदी कम रहने का अनुमान है, लेकिन बागवानों में मंडियों में पिछली बार के मुकाबले सेब के बहुत अच्छे रेट मिल रहे हैं.

ये भी पढ़ें: पाव नाला के समीप गहरी खाई में गिरा LPG गैस से भरा ट्रक, बाल-बाल बचा चालक

मंडी: हिमाचल में इस बार पड़ी मौसम की मार से मंडियों में सेब की महक फीकी पड़ गई है. प्रदेश में फ्लावरिंग के समय हुई बेमौसमी बारिश और तापमान में रहे उतार चढ़ाव का असर सेब की सेटिंग पर पड़ा है, जिस कारण प्रदेश में पिछली साल के मुकाबले में सेब उत्पादन 1.28 करोड़ पेटियां कम रहने का अनुमान लगाया गया है. कम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में सेब सीजन शुरू हो गया है. ऐसे में मौसम की बेरुखी का असर मंडियों में साफ दिख रहा है.

इस बार मंडियों में टाइडमैन सहित स्पर वैरायटी का सेब पिछली साल की तुलना में अभी 30 से 35 फीसदी कम पहुंच रहा है. हालांकि, सीजन के शुरुआती चरण में मंडियों से राहत भरी खबर ये आ रही है कि बागवानों को सेब के दाम बहुत अच्छे मिल रहे हैं. टाइडमैन सेब का औसत रेट ही बागवानों को 70 से 80 रुपये प्रति किलो के हिसाब से मिला है. पिछली साल यही औसत भाव 40 से 50 रुपये किलो रहा था.

इसी तरह से स्पर किस्म के सेब का औसत रेट भी पिछली बार के मुकाबले में काफी अच्छा है. ऐसे में कम फसल होने के बावजूद मंडियों में सेब के अच्छे रेट मिलने से बागवानों के चेहरे खिल गए हैं. बता दें कि पिछली साल प्रदेश में सेब की उत्पादन 3, 57,62,650 पेटियां रहा था. इस बार यही अनुमान 2,29,28,700 पेटियां रहने का अनुमान लगाया गया है. बागवानी विभाग ने पहले ही सरकार को रिपोर्ट भेज दी है.

सेब इतिहास में 2010-11 में सबसे अधिक उत्पादन

हिमाचल के सेब इतिहास में वर्ष 2010-11 में सेब उत्पादन सबसे अधिक रहा था. उस वक्त पहली बार सेब पैदावार ने सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए थे. मौसम के साथ देने से हुई अच्छी सेटिंग के सेब की पेटियां 4 करोड़ के जादुई आंकड़े को पार गई थी. प्रदेश में सेब उत्पादन 4,46,05,600 पेटियां रहा था. उसके बाद कभी भी छोटे पहाड़ी राज्य में सेब की इतनी अच्छी फसल नहीं हुई.

सेब का कब कितना उत्पादन

  • साल उत्पादन ( पेटियों में)
  • 2014-15 3,12,59,997
  • 2015-16 3,88,57,300
  • 2016-17 2,34,06,663
  • 2017-18 2,23,28,675
  • 2018-19 1,84,30'143
  • 2019-20 3,57,62,650
  • 2020-21 2,29,28,700 (अनुमानित)

प्रदेश में पिछली साल की तुलना में इस बार सेब की फसल करीब 35 फीसदी कम रहने का अनुमान है, लेकिन बागवानों में मंडियों में पिछली बार के मुकाबले सेब के बहुत अच्छे रेट मिल रहे हैं.

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Last Updated : Aug 17, 2020, 2:06 PM IST
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