मंडी: जिला प्रशासन की टीम ने आठ किलोमीटर पैदल चलकर उपमंडल मंडी सदर की ग्राम पंचायत सेगली के दुर्गम गांव फिन्डू पाधर के सौजू राम को घर में दवाइयां पहुंचाई. इतना ही नहीं प्रशासन की टीम ने 90 वर्षीय बुजुर्ग की पेंशन की टेंशन का भी एक साथ निपटारा कर दिया.
कोविड-19 से बचाव के लिए जारी लॉक डाउन के बीच मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के निर्देशों की अनुपालना में मंडी जिला प्रशासन ने वरिष्ठ नागरिकों व दिव्यांगजनों की सहायता के लिए ‘सर्व-संकल्प’ कार्यक्रम शुरू किया है.
जिला रेडक्रॉस सोसायटी के सचिव ओपी भाटिया ने फिन्डू पाधर गांव के 90 वर्षीय बुजुर्ग सौजू राम की समस्या के समाधान का पूरा वाक्या साझा करते हुए बताया कि सौजू राम को वृद्धावस्था की समस्याओं से जुड़ी कुछ दवाइयों की दरकार थी. साथ ही आधार कार्ड न होने से पेंशन को लेकर भी परेशानी आ रही थी. सौजू राम की पत्नी की मृत्यु 45 साल पहले हो गई है और बेटियों की शादी हो गई है. वर्तमान में वह अपने घर में अकेले रह रहे हैं.
ओपी भाटिया ने बताया कि सेगली पंचायत के नोडल सर्व स्वयंसेवी दिले राम जब अपने क्षेत्र में सभी बुजुर्गों व दिव्यांगजनों से संपर्क कर डाटा तैयार कर रहे थे, तब सौजू राम से संपर्क हुआ और उनकी दिक्कतों का पता चला. दिले राम ने रेडक्रॉस सोसायटी को इस बारे जानकारी दी. भाटिया ने कहा कि रेडक्रॉस सोसायटी ने चिकित्सा विशेषज्ञों से परामर्श कर सौजू राम के लिए आवश्यक दवाएं खरीदीं. उन्होंने खुद अपनी टीम के साथ सड़क से लगभग आठ किलोमीटर पैदल रास्ता तय कर ये दवाएं सौजू राम के घर में दीं. इस दौरान सौजू राम के चेहरे पर तैरता प्रसन्नता का भाव बहुत संतोष देने वाला था.
भाटिया ने बताया कि सौजू राम से बातचीत करने पर पता चला कि उनके पास आधार कार्ड नहीं है, जिस कारण उन्हें पेंशन प्राप्त करने में दिक्कत आ रही है. जिला प्रशासन ने मुख्य डाकपाल मंडी से बात कर इस समस्या का तुरंत हल निकाला और सौजू राम को पिछले तीन महीने की पेंशन (4500 रुपये) एकमुश्त उपलब्ध करवाई.
वहीं, अतिरिक्त उपायुक्त आशुतोष गर्ग बताया कि सर्वसंकल्प कार्यक्रम के तहत जिला की सभी पंचायतों एवं शहरी निकायों में दिव्यांगजनों व वरिष्ठ नागरिकों को विभिन्न जरूरी सेवाएं घर द्वार पर उपलब्ध करवाई जा रही हैं. इस कार्यक्रम को प्रशिक्षित ‘सर्व’ स्वयंसेवियों (सर्व-सोशल इमरजेंसी रिस्पॉंस वालंटियर्स) की मदद से चलाया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि जिला में वार्ड स्तर से लेकर प्रशासनिक अमले तक आपसी तालमेल पर आधारित मदद का पूरा तंत्र विकसित किया गया है. जिला रेडक्रॉस सोसायटी इसमें नोडल एजेंसी का काम कर रही है और सैकड़ों लोग इस सेवा से लाभान्वित हो रहे हैं. बता दें कि कार्यक्रम के तहत सर्व स्वयंसेवी जिला में बुजुर्गों और दिव्यांगजनों से संपर्क कर रहे हैं और उनकी जरूरत के अनुरूप सेवा उपलब्ध करवाने में जुटे हैं.