सुंदरनगर/मंडी: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद मंडी ने प्रदेश कैबिनेट के न्यूनतम किराया बढ़ाने और बसों के 25 प्रतिशत किराया वृद्धि के फैसले का विरोध किया है. अखिल विद्यार्थी परिषद विभाग संयोजक मंडी सचिन चौधरी ने कहा कि कोरोना काल में बस किराया बढ़ाना दुर्भायपूर्ण है.
सचिन चौधरी ने कहा कि एक तरफ जहां इस दौर में प्रदेश के हजारों लोगों का रोजगार छिन्न चुका है. वहीं, दूसरी ओर सरकार का 25 प्रतिशत किराया बढ़ाने का फैसला सही नहीं है.
सचिन चौधरी ने कहा कि कोरोना काल में युवाओं ने श्रमदान और धनदान करके सरकार की मजबूरी को समझा, लेकिन प्रदेश सरकार कोरोना संकट के बीच प्रदेश के लोगों की मजबूरी को समझने में नाकामयाब रही है. प्रदेश पहले से ही आर्थिक तंगी से जूझ रहा है. ऐसे में इतना ज्यादा किराया बढ़ाने से लोगों पर और बोझ पड़ेगा.
सचिन चौधरी ने कहा कि बसों में सफर करने वाला आदमी रोज मेहनत कर अपना जीवन व्यतीत करता है. इसलिए सरकार का यह फैसला लोगों का शोषण करने के बराबर है. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार से मांग है कि जल्द से जल्द इस फैसले को सरकार वापिस ले.
सचिन चौधरी ने कहा कि ऐसा न होने पर विद्यार्थी परिषद सड़कों पर उतरकर इसका विरोध करेगी, जिसका नतीजा आने वाले समय में फिर वर्तमान सरकार को झेलना पड़ सकता है.
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