मंडी: जिला के करसोग में 95 वर्षीय बुजुर्ग स्थानीय बोली में कहे जाने वाली कनकेर, चस्स, नस पलटना, आधे सिर की दर्द और दांत दर्द का घरेलू उपचार करते हैं. इतनी ज्यादा उम्र होने के बावजूद वह लोगों की समस्याओं के लिए हर दम हाजिर रहते हैं.
नरपत शर्मा बिना किसी डॉक्टरी डिग्री के ही हजारों लोगों का इलाज अपने तजुर्बे के आधार पर कर चुके हैं. यह बिना एक्स-रे के मरीज की जांच कर देते हैं. इस उम्र में भी नरपत शर्मा की फुर्ती और परख वाकई में काबिले तारीफ है.
बता दें कि करसोग उपमंडल के कुन्नू गांव के रहने वाले 95 वर्षीय नरपत शर्मा बीमारियों का घरेलू नुक्खों से उपचार करने में माहिर हैं. नरपत शर्मा अपने गांव के नाग मंदिर कुन्नू में मुख्य मेहता के रूप में पिछले 65 सालों से कार्य कर रहे हैं. नरपत शर्मा का मानना है कि उनकों यह हुनर अपने कुन्नू देवता की बदौलत मिली है. वह मसाज करने की कला को दैवीय कृपा मानते हैं.
नरपत शर्मा ने करसोग-सुंदरनगर सड़क बनाने में भी अपनी भूमिका निभाई है. नरपत शर्मा के पास भिन्न-भिन्न रोगों के लिए अलग-अलग विद्याएं हैं. इन्हें अमल में लाने के बाद रोगी बिल्कुल स्वस्थ हो जाते हैं. उन्होंने आज तक हजारों लोगों को ठीक कर दिया है.
नरपत शर्मा को क्षेत्र के लोगों से अत्यधिक लगाव होने के कारण इस अवस्था में भी वह जनसेवा का काम कर रहे हैं. नरपत शर्मा का कहना है कि वह बचपन से ही कई रोगों का इलाज करते आ रहे हैं.
गौर रहे कि नरपत शर्मा बिना फीस लिए लोगों का इलाज कर रहे हैं. जरुरतमंद लोग अपना दर्द लेकर उनके पास पहुंचते हैं और वो अपने घरेलु नुस्खों से उनकी बीमारी का इलाज कर देते हैं
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