करसोग: जिला मंडी के उपमंडल करसोग में परिवहन निगम का बस डिपो इन दिनों स्टाफ की भारी कमी से जूझ रहा है. यहां विभिन्न श्रेणियों के 72 पद खाली चल रहे हैं. इसमें अकेले चालक और परिचालकों के 66 पद खाली हैं. ऐसे में रूटों पर नियमित तौर पर बसें चलाने से लिए जुगाड़ करके काम चलाया जा रही है. यही नहीं स्टाफ की कमी से डिपो कार्यरत कर्मचारियों पर भी काम का बोझ बढ़ गया है. जिससे कर्मचारियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ था है. हैरानी की बात है कि स्टाफ की कमी को दूर करने के लिए परिवहन निगम प्रबंधन की तरफ से कोई प्रयास नहीं किए जा रहे हैं. जिससे जनता में भी भारी रोष है.
अधीक्षक समेत लिपिक के पद भी खाली: करसोग डिपो में चालकों और परिचालकों समेत अन्य स्टाफ की भी कमी चल रही है. यहां अधीक्षक के एक पद सहित लिपिकों के 5 पद खाली हैं. ऐसे में डिपो का कार्य चलाने के लिए भी चालकों और परिचालकों को जिम्मेवारी सौंपी गई है. इसमें 8 परिचलकों सहित 5 चालकों से लिपिकों का कार्य लिया जा रहा है. इस तरह से डिपो के अंतर्गत दूरदराज के क्षेत्रों के रूट प्रभावित हो रहे हैं. जिससे आम जनता को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. स्थानीय जनता ने भी सरकार से रिक्त चल रहे पदों को प्राथमिकता के आधार पर भरे जाने की मांग की है.
डिपो में 58 बसें: करसोग डिपो में कुल 58 बसें हैं. इसमें भी 4 बसें खराब चल रही हैं. ऐसे में करसोग की करीब 1.25 लाख आबादी 54 बसों के सहारे हैं. हालांकि उपमंडल में अन्य डिपो की बसों सहित प्राइवेट बसें भी रूटों पर दौड़ रही है, लेकिन करसोग के अंतर्गत बहुत से अति दुर्गम क्षेत्र हैं. इसमें अधिकतर क्षेत्रों में दिन में एक ही रूट चलाया जा रहा है, वहीं इन क्षेत्रों में लोगों की काफी आबादी अधिक है, जिसको देखते हुए जनता दो से तीन रूट चलाए जाने की मांग कर रहे हैं. लेकिन स्टाफ की कमी की वजह से लोगों की मांग को पूरा करने में भी दिक्कतें आ रही हैं. डिविजल मैनेजर पवन कुमार शर्मा का कहना है कि मामला ध्यान में हैं. डिपो में स्टाफ की कमी को दूर करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं. ताकि आम जनता को परेशानियों का सामना न करना पड़े.
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