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भारी बारिश से 60 फीसदी मटर की फसल प्रभावित, किसानों ने की मुआवजे की मांग

हिमाचल के बेमौसमी मटर की पड़ोसी राज्यों की मंडियों में भारी मांग रहती है. बेमौसमी मटर के दाम किसानों को 100 से ₹120 प्रति किलो मिलते हैं, लेकिन इस बार भारी बारिश के चलते किसानों को करोड़ों रुपए का नुकसान उठाना पड़ रहा है.

मटर की फसल प्रभावित
मटर की फसल प्रभावित
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Published : Sep 17, 2020, 5:54 PM IST

मंडी: जिला मंडी में भारी बारिश से मटर की बिजाई प्रभावित हुई है. भारी बारिश के चलते बीजा हुआ मटर का बीज खऱाब हो गया. किसानों के मुताहिक 60 फ़ीसदी मटर का बीज बारिश से खराब हो गया है.

बेमौसमी मटर की पड़ोसी राज्यों की मंडियों में भारी मांग रहती है. बेमौसमी मटर के दाम किसानों को 100 से ₹120 प्रति किलो मिलते हैं, लेकिन इस बार भारी बारिश के चलते किसानों को करोड़ों रुपए का नुकसान उठाना पड़ रहा है. आपको बता दें कि जिला के गोहर जंजैहली, बालीचौकी, बल्ह, करसोग, द्रंग, सुंदर नगर समेत अनेक ब्लॉकों में मटर की बिजाई की जाती है. इस बार भारी बारिश के चलते किसानों ने दो से तीन बार मटर की बिजाई की थी, लेकिन बीज में अंकुरण नहीं हुआ. किसानों ने सरकार से उचित मुआवजे की मांग उठाई है‌.

जिला में हर साल बरसाती मटर का 5 से 10 करोड़ के लगभग कारोबार होता है. वहीं इस बार भारी बारिश के कारण जमीन से मटर बाहर नहीं निकल पाया. दो से तीन बार बिजाई करने के बाद भी किसानों को निराशा ही हाथ लगी है.

उपनिदेशक कृषि विभाग मंडी कुलदीप वर्मा का कहना है कि जिला में बारिश के कारण मटर की बिजाई को काफी नुकसान पहुंचा है. हर ब्लॉक से किसानों को हुए नुकसान की रिपोर्ट मांगी गई है. रिपोर्ट आते ही इसे सरकार को भेज दिया जाएगा.

मंडी: जिला मंडी में भारी बारिश से मटर की बिजाई प्रभावित हुई है. भारी बारिश के चलते बीजा हुआ मटर का बीज खऱाब हो गया. किसानों के मुताहिक 60 फ़ीसदी मटर का बीज बारिश से खराब हो गया है.

बेमौसमी मटर की पड़ोसी राज्यों की मंडियों में भारी मांग रहती है. बेमौसमी मटर के दाम किसानों को 100 से ₹120 प्रति किलो मिलते हैं, लेकिन इस बार भारी बारिश के चलते किसानों को करोड़ों रुपए का नुकसान उठाना पड़ रहा है. आपको बता दें कि जिला के गोहर जंजैहली, बालीचौकी, बल्ह, करसोग, द्रंग, सुंदर नगर समेत अनेक ब्लॉकों में मटर की बिजाई की जाती है. इस बार भारी बारिश के चलते किसानों ने दो से तीन बार मटर की बिजाई की थी, लेकिन बीज में अंकुरण नहीं हुआ. किसानों ने सरकार से उचित मुआवजे की मांग उठाई है‌.

जिला में हर साल बरसाती मटर का 5 से 10 करोड़ के लगभग कारोबार होता है. वहीं इस बार भारी बारिश के कारण जमीन से मटर बाहर नहीं निकल पाया. दो से तीन बार बिजाई करने के बाद भी किसानों को निराशा ही हाथ लगी है.

उपनिदेशक कृषि विभाग मंडी कुलदीप वर्मा का कहना है कि जिला में बारिश के कारण मटर की बिजाई को काफी नुकसान पहुंचा है. हर ब्लॉक से किसानों को हुए नुकसान की रिपोर्ट मांगी गई है. रिपोर्ट आते ही इसे सरकार को भेज दिया जाएगा.

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